H3N2 के मामलों में लगातार आंकड़े बढ़ते देखकर यूपी सरकार भी अलर्ट, गाइडलाइन जारी

75 जिलों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। जिलों के जिला अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनेगा। राजधानी लखनऊ स्थित लोकबंधु अस्पताल में भी काफी ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। कहा कि बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना शुरू करें।
 
CM Yogi

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 17 मार्च:- देश में मौसमी इन्फ्लूएंजा के उप-स्वरूप एच3एन2 के मामलों में लगातार आंकड़े बढ़ते नजर आ रहे हैं। ऐसे में सभी राज्यों की सरकार इस वायरस को लेकर सतर्कता बरतने का निर्देश दे चुकी हैं, इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी अलर्ट हो गई है। सरकार ने जिला अधिकारियों से इन्फ्लूएंजा के उप-स्वरूप एच3एन2 वायरस को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इसी सिलसिले में प्रदेश सरकार की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई है। जिसमें 75 जिलों के लिए अलग नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। जिलों के जिला अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनेगा। राजधानी लखनऊ स्थित लोकबंधु अस्पताल में भी काफी ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। कहा कि बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना शुरू करें।

होली के बाद से बढ़ा संक्रमण- मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि होली के बाद से ही संक्रमण में भी काफी उफान देखने को मिला है। जिसको देखते हुए हमने अपने अस्पताल में 10 बेड फ्लू वार्ड में आरक्षित किए हैं, डॉक्टर ने बताया कि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। बस लोगों को इससे बचाव के लिए प्रॉपर प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना शुरू करें।

अन्य राज्यों में भी बढ़ रहा संक्रमण- आपको बता दें कि इन्फ्लूएंजा के एच3एन2 से संक्रमित लोगों की गिनती देश भर में बढ़ती जा रही है। अब तक 5 से ज्यादा लोगों की जान भी जा चुकी है। वहीं, महाराष्ट्र में अब तक तीन से ज्यादा मामला सामने आ चुके हैं, महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा केस मिलने की आशंका है। हालांकि, सभी राज्यों की सरकारों ने इस वायरस को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

H3N2 Virus के लक्षण क्या हैं- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एवियन, स्वाइन और दूसरे ज़ूनॉटिक इन्फ्लूएंजा संक्रमण, मनुष्यों में ऊपरी श्वसन में हल्के से लेकर गंभीर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसमें हल्के सर्दी, बुखार से लेकर गंभीर निमोनिया, एक्यूट रेस्पीरेटरी डिसट्रेस सिंड्रोम, शॉक और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। H3N2 के आम लक्षण कुछ ऐसे हैं जैसे कंपकपी खांसी, बुखार, मतली (उल्टी), गले में दर्द/गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द कुछ मामलों में दस्त नाक बहना और छींक आना
अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द या तकलीफ, लगातार बुखार आना या खाना खाने में गले में दर्द होता है, तो जरूर है कि डॉक्टर को दिखाया जाए, ताकि सही इलाज हो सके।

H3N2 Virus कैसे फैलता है- एच3एन2 इंफ्लूएंजा अत्याधिक संक्रामक वायरस है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मुंह या नाक से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है। हमारे छींकने, खांसने और यहां तक कि बोलने पर जो बूंदें निकलती हैं, वह आसपास मौजूद लोगों को संक्रमित कर सकती हैं। एक संक्रमित सतह को छूने के बाद अपने मुंह या नाक को उसी हाथ से छू लेने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं। गर्भवति महिलाएं, नौजवां बच्चे, उम्रदराज लोग और जो लोग पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उनमें इस वायरस से संक्रमित होने का जोखिम और बढ़ जाता है।

H3N2 संक्रमण से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें- इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक़ कमज़ोर इम्युनिटी ख़ासकर बच्चे, बूढ़े और बीमार लोगों में इसके गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं।

01- प्लस ऑक्सीमीटर की मदद से लगातार ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें।
02- अगर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 प्रतिशत से कम है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
03- अगर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 90 प्रतिशत से कम है तब इन्टेंशिव केयर की ज़रूरत पड़ सकती है।
04- ख़ुद दवाई लेना ख़तरनाक हो सकता है।
05- अगर बच्चों और बूढ़ों को बुख़ार और कफ़ जैसी समस्या होती है तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
06- चूंकि ये संक्रमण वायरस से होता है इसलिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि एंटिबायटिक के इस्तेमाल की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि एंटिबायटिक सिर्फ़ बैक्टीरिया में कारगर होते हैं।