एसजी पीजीआई में समय से पहुंचने पर भी इलाज नहीं मिल सका। बेटे की मौत से दुखी भाजपा के पूर्व सांसद इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गये।

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में बेहतर इलाज व्यवस्था का दावा खोखला साबित हुआ। भाजपा के पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा के बेटे को ही इलाज मुहैया नहीं हो पाया। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज


एसजी पीजीआई में समय से पहुंचने पर भी इलाज नहीं मिल सका। बेटे की मौत से दुखी भाजपा के पूर्व सांसद इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गये।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 30 अक्टूबर।

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में बेहतर इलाज व्यवस्था का दावा खोखला साबित हुआ। भाजपा के पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा के बेटे को ही इलाज मुहैया नहीं हो पाया। 

पूर्व सांसद डाक्टर से इलाज करने की गुजारिश करते रहे लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते बेटे की इमरजेंसी में ही मौत हो गई। रोष में आए पूर्व सांसद इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गए। 

पीजीआई निदेशक और सीएमएस ने आकर मान-मनौव्वल की तब वह उठे और शव को लेकर चित्रकूट चले गए। पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसजीपीजीआई निदेशक डॅा. आर के धीमान ने कमेटी गठित कर दी है।

चित्रकूट निवासी भैरो प्रसाद मिश्रा बांदा लोकसभा से वर्ष 2014 में भाजपा के सांसद चुने गए थे। उनके बेटे प्रकाश मिश्रा को गुर्दे की बीमारी थी। उनका पीजीआई में इलाज भी चल रहा था। शनिवार को तबीयत बिगड़ने पर रात करीब 11 बजे वह पीजीआई इमरजेंसी पहुंचे। पूर्व सांसद का कहना है कि इमरजेंसी में तैनात ईएमओ से बेटे को भर्ती करने के लिए कहते रहे, लेकिन उन्होंने भर्ती करना तो दूर बेटे को हाथ तक नहीं लगाया। एक घंटे तक तड़पने के बाद बेटे ने दम तोड़ दिया। 

बेटे की मौत से दुखी पूर्व सांसद इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गए। पीआरओ सेल ने पूर्व सांसद के धरने पर बैठने की जानकारी निदेशक डॅा. आरके धीमान और सीएमएस डॅा. संजय धीराज को दी।  दोनों आनन-फानन में इमरजेंसी पहुंचे। पूर्व सांसद ने उनसे इएमओ पर बेटे को भर्ती न करने का आरोप लगाया। निदेशक द्वारा मामले की जांच कराने के आश्वासन के बाद पूर्व सांसद पीजीआई की चिकित्सा व्यवस्था को कोसते हुए धरने से उठे और बेटे का शव लेकर चले गए।

संस्थान के निदेशक डॅा.आरके धीमान ने बताया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गई है। कमेटी में सीएमएस डॅा.संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक डॅा.वीके पालीवाल और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॅा.आरके सिंह शामिल हैं। 48 घंटे में कमेटी जांच कर रिपोर्ट देगी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई तय होगी।