पुलिस और पीएसी के जवानों को कमाण्डो की तर्ज पर अत्याधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष डीजीपी आर के विश्वकर्मा ने प्रशिक्षण निदेशालय की समीक्षा बैठक में प्रशिक्षुओं के आधारभूत प्रशिक्षण को भी अत्याधुनिक किए जाने पर जोर दिया है।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

पुलिस और पीएसी के जवानों को कमाण्डो की तर्ज पर अत्याधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 6 मई।

पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष डीजीपी आर के विश्वकर्मा ने प्रशिक्षण निदेशालय की समीक्षा बैठक में प्रशिक्षुओं के आधारभूत प्रशिक्षण को भी अत्याधुनिक किए जाने पर जोर दिया है।

पुलिसकर्मियों को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए उनके प्रशिक्षण में कमांडो ट्रेनिंग की तर्ज पर कुछ नए अभ्यास कराए जाने की तैयारी है। प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों को ही नहीं, बल्कि पुलिस लाइन व पीएसी वाहिनियों में भी जवानों को अत्याधुनिक बनना होगा।

प्रदेश में बड़े प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कराने के लिए हाईवे के आसपास जमीनें तलाशी जा रही हैं। जिससे आने वाले समय में शहर के बाहर पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण की बेहतर व स्थायी व्यवस्था की जा सके। 

इन केंद्रों में निजी सुरक्षा गार्डों व युवाओं के लिए भी तीन से चार माह के प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाने पर भी विचार चल रहा है।

उपनिरीक्षक व आरक्षी के प्रशिक्षण में विभिन्न विषयों व घटनाओं के वीडियो व प्रस्तुतिकरण तैयार कराए जाने का निर्देश भी दिया है। 

इसी कड़ी में डीजीपी ने कहा है कि पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण में कमांडो ट्रेनिंग की तरह उन्हें रस्से पर चढ़ने, दीवार फांदने, गड्ढे को पार करने, तारों के नीचे से लेटकर निकलने जैसे अन्य अभ्यास भी कराए जाएं। जिससे वे अधिक चुस्त-दुरुस्त रहें। 

पुलिस लाइन व पीएसी वाहिनियों में भी पुलिसकर्मियों को मंगलवार व शुक्रवार की परेड में भी ऐसे अभ्यास कराए जाने का निर्देश दिया है।

यूपी पुलिस के लिए इसके साथ ही तकनीक पर भी जोर दिया जा रहा है। डीजीपी ने नए प्रशिक्षण केंद्रों को अत्याधुनिक बनाने के लिए भी कार्ययोजना तैयार किए जाने का निर्देश दिया है। 

प्रशिक्षण केंद्रों के लिए लंबी अवधि की योजना बन रही है, जिससे आने वाले 15 से 20 वर्ष में बड़ा व स्थायी ढांचा विकसित हो सके। 

वर्तमान में प्रदेश में पुलिस के प्रशिक्षण की क्षमता लगभग सात हजार है। बड़ी भर्तियां होने पर प्रशिक्षु पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग के लिए दूसरे राज्यों के प्रशिक्षण केंद्रों में भी भेजना पड़ता है।