मुख्तार के पुत्र अब्बास अंसारी के खिलाफ एसटीएफ ने सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल किया।

साथ ही एसटीएफ शस्त्र लाइसेंस व नियम विरुद्ध विदेश से घातक असलहे खरीदे जाने को लेकर तोड़े गए नियमों से जुड़े प्रमाणित दस्तावेज हासिल करने का प्रयास कर रही थी। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज

मुख्तार के पुत्र अब्बास अंसारी के खिलाफ एसटीएफ ने सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल किया।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 25 मई।

शस्त्र लाइसेंस पर नियम विरुद्ध कई घातक असलहे खरीदने के मामले में एसटीएफ ने माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी के विरुद्ध सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल कर दिया है। 

लखनऊ स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में दाखिल किए गए अनुपूरक आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस, कस्टम विभाग, लखनऊ पुलिस व यूपी राइफल एसोसिएशन के प्रमाणित दस्तावेज व अधिकारियों के लिए गए बयानों को भी शामिल किया गया है। 

इस मामले में जांच एजेंसी अब जल्द आरोप तय कराने का प्रयास करेगी, जिससे अब्बास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

ईडी की जांच में यह भी सामने आ चुका है कि अब्बास ने विदेश से असलहे अपराध की काली कमाई से खरीदे थे।

एसटीएफ अब्बास अंसारी के विरुद्ध पूर्व में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। लेकिन एसटीएफ की कई बिंदुओं पर जांच जारी भी थी। 

साथ ही एसटीएफ शस्त्र लाइसेंस व नियम विरुद्ध विदेश से घातक असलहे खरीदे जाने को लेकर तोड़े गए नियमों से जुड़े प्रमाणित दस्तावेज हासिल करने का प्रयास कर रही थी। 

अब्बास की ओर से कई गलत सूचनाएं भी दी गई थीं, जिन्हें लेकर भी जांच चल रही थी। 

एसटीएफ ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर तैनात रहे कस्टम के तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर विद्यासागर बी. पचौरे व अन्य अधिकारी कुलदीप, दिल्ली पुलिस के तत्कालीन जेसीपी प्रभाकरन, शंकर दास, सुभाषीश चौधरी, एसीपी वेद प्रकाश (अब सेवानिवृत्त) व शस्त्र निरीक्षक के भी बयान दर्ज किए थे। 

इसके अलावा, लखनऊ के तत्कालीन डीएम अनुराग यादव, लखनऊ पुलिस व यूपी रायफल एसोसिएशन के अधिकारियों के बयान भी दर्ज किए गए थे। बयानों को अनुपूरक आरोपपत्र में शामिल किया गया है। 

निशानेबाज अब्बास अंसारी ने एक ही शस्त्र लाइसेंस पर विदेश से प्रतिबंधित बोर के चार असलहे खरीदे थे। उत्तर प्रदेश में बने शस्त्र लाइसेंस को वर्ष 2015 में नियम विरुद्ध दिल्ली के पते पर ट्रांसफर भी कराया गया था। 

अब्बास ने दिल्ली में एक कमरा किराये पर लिया था और उस पते पर शस्त्र लाइसेंस ट्रांसफर करा लिया था। 

दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की वेरिफिकेशन रिपोर्ट मिलने से पहले ही शस्त्र लाइसेंस को दिल्ली के पते पर रजिस्टर्ड कर दिया था। 

वर्ष 2016 में अब्बास विदेश से अपने पर्सनल बैगेज में विदेश से जो शस्त्र लाया था, उन्हें रिलीज करने में कस्टम अधिकारियों की भूमिका जांच के दायरे में आई थी। 

अब्बास ने स्लोवेनिया से नियम विरुद्ध घातक असलहे खरीदे थे। अब तक की जांच में अब्बास के एक शस्त्र लाइसेंस पर आठ असलहे खरीदे जाने की बात सामने आ चुकी है।

एसटीएफ की जांच में दिल्ली पुलिस, कस्टम व लखनऊ पुलिस के जिन अधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही सामने आई थी, उनके विरुद्ध एडीजी एसटीएफ की ओर से विभागीय कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है।