शेर ए अतीक व्हाट्सऐप ग्रुप तक पहुंची एसटीएफ, असद था ग्रुप एडमिन

उमेश पाल हत्याकांड में मरियाडीह के जिस शूटर साबिर का नाम प्रकाश में आया उसके भाई जाकिर को अबू जैद व राला गांव निवासी कादिर ने शरण दी थी। पुलिस की घेराबंदी के दौरान जाकिर भागा और कछार में मवेशियों से खेत की रखवाली के लिए लगाए गए कटीले तार में फंसकर जख्मी हुआ, इसके बाद हार्टअटैक से उसकी मौत हुई।
 
Sher-e-Ateeq WhatsApp group

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 13 मार्च:- उमेश पाल हत्याकांड में फरार माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के व्हाट्सएप ग्रुप ’शेर-ए-अतीक’ को एसटीएफ ने ट्रेस कर लिया है, इस ग्रुप से जुड़े दो लोगों को रविवार को एसटीएफ ने उठा लिया, असद इस ग्रुप का एडमिन था। इसमें 14 जिले के 56 लोग जुड़े थे और आपस में संदेशों का अदान-प्रदान कर रहे थे। कहा जा रहा है कि जिन लोगों को एसटीएफ ने उठाया उनका कनेक्शन उमेश पाल हत्याकांड से भी जुड़ा हो सकता है।

व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए आपस में जुड़ेते थे- गिरफ्तारी के दौरान पुलिस भी थी, लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है, सूत्रों की मानें तो ग्रुप के मेंबर इसके बाद व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए आपस में जुड़े रहे। इसी में प्रयागराज का रहने वाला अबू जैद भी शामिल था। मौजूदा समय अबू जैद अपनी ननिहाल कौशाम्बी जिले के कोखराज कोतवाली के सिहोरी गांव में रहता था। चर्चा रही कि उमेश पाल हत्याकांड में मरियाडीह के जिस शूटर साबिर का नाम प्रकाश में आया उसके भाई जाकिर को अबू जैद व राला गांव निवासी कादिर ने शरण दी थी। पुलिस की घेराबंदी के दौरान जाकिर भागा और कछार में मवेशियों से खेत की रखवाली के लिए लगाए गए कटीले तार में फंसकर जख्मी हुआ, इसके बाद हार्टअटैक से उसकी मौत हुई। पुलिस ने पिछले दिनों उसकी लाश सरसो के खेत से बरामद की, इसी मामले में एसटीएफ ने रविवार की शाम कोखराज इलाके में सघन चेकिंग अभियान चलाया।