10 लोगो के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य बोले, अगर अपने पूजा पाठ पर विश्वास होता तो तप से भस्म कर देते

सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों’ के उल्लेख वाले श्रीरामचरितमानस के ‘पन्ने’ की फोटोकॉपी जलायी। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने मौर्य के समर्थन में लखनऊ के वृंदावन योजना सेक्टर में ‘सांकेतिक’ विरोध प्रदर्शन करते हुए श्रीरामचरितमानस के पन्ने की छायाप्रतियां जलायीं।
 
एफआईआर

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ, 31 जनवरी:- ओबीसी महासभा की ओर से श्रीरामचरितमानस के पन्नों की फोटोकॉपी जलाने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अब इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया सामने आई है, उन्होंने कहा है कि यह एफआईआर मजबूरी में लिखी गई है। सरकार की ओर से जो भी दबाव हो, लेकिन न्यायालय से हमें न्याय मिलेगा। इनको (बीजेपी) अगर अपने पूजा पाठ पर विश्वास होता तो तप से भस्म कर देते, 21 लाख का सुपारी देकर गर्दन काटने का फरमान जारी कर इन्होने अपने असली चेहरे को दिखाया है। बेतुकी बात करना बीजेपी की आदत हो गई है। वहीं, इस मामले में पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि सतनाम सिंह लवी नाम के व्यक्ति की शिकायत पर यहां पीजीआई थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया भारतीय दंड संहिता की धारा 142, 143, 153 ए, 295, 295 ए, 298, 504, 505, 506 और 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। प्राथमिकी में मौर्य के अलावा देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह, सत्येंद्र कुशवाहा, देवेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, सुरेश सिंह यादव, संतोष वर्मा, मो सलीम और अन्य अज्ञात शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला- उल्लेखनीय है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों’ के उल्लेख वाले श्रीरामचरितमानस के ‘पन्ने’ की फोटोकॉपी जलायी। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने मौर्य के समर्थन में लखनऊ के वृंदावन योजना सेक्टर में ‘सांकेतिक’ विरोध प्रदर्शन करते हुए श्रीरामचरितमानस के पन्ने की छायाप्रतियां जलायीं। महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र प्रताप यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में बताया गया है कि हमने श्रीरामचरितमानस की प्रतियां जलाई है, यह कहना गलत है। पुस्तक की आपत्तिजनक टिप्पणियों की फोटोकॉपी, जो ‘शूद्रों’ (दलितों) और महिलाओं के खिलाफ थीं, और फोटोकॉपी पेज को सांकेतिक विरोध के रूप में जला दिया।