आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के सक्रिय सदस्य मुनीर आलम को गिरफ्तार किया।

एटीएस ने मुनीर को मंगलवार को मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से पकड़ा, बुधवार को लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने छह जुलाई से मुनीर की दस दिनों की पुलिस रिमांड स्वीकृत की।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के सक्रिय सदस्य मुनीर आलम को गिरफ्तार किया।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 6 जून।

एटीएस ने मुनीर को मंगलवार को मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से पकड़ा, बुधवार को लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने छह जुलाई से मुनीर की दस दिनों की पुलिस रिमांड स्वीकृत की।

एटीएस गुरुवार को उसे अपनी रिमांड पर लेकर कई बिंदुओं पर पूछताछ शुरू करेगी। मुनीर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए उग्र प्रदर्शनों में शामिल रहा था और जेल भी गया था।

एटीएस अधिकारियों के अनुसार, मेरठ से 22 दिसंबर, 2022 को पीएफआई के सक्रिय सदस्य मौलाना शादाब अजीज काशमी, मौलाना साजिद, मौलाना इस्लाम कासमी व मुफ्ती शहजाद को गिरफ्तार किया गया था। 

इन सबके विरुद्ध मेरठ के खरखौदा थाने में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम समेत अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी विवेचना एटीएस कर रही है।  

इन चाराें आरोपितों ने पूछताछ में अपने सक्रिय साथी मुजफ्फरनगर के दधेड़ेू कला गांव निवासी मुनीर आलम का नाम उगला था। 

आरोप है कि मुनीर पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बाद भी उसकी गतिविधियों के संचालन में जुटा था और गोपनीय योजनाओं पर काम कर रहा था। उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पीएफआई की गतिविधियों को बढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया था।

एटीएस अधिकारियों का कहना है कि मुनीर ने वर्ष 2012 में मुजफ्फरनगर के इस्लामिया इंटर कालेज से इंटर पास किया था और 

इसके बाद तीन वर्षाें तक घर पर ही रहा। इसके बाद उसने मेरठ के चाैधरी चरण सिंह विश्श्वविद्यालय में एलएलबी में प्रवेश लिया था। जहां मौलाना शादाब के संपर्क में आने के बाद वह पीएफआई से जुड़ गया। शादाब का मुनीर के गांव में भी आना-जाना था।

फिलहाल मुनीर ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह कई बार दिल्ली के शाहीनबाग स्थित पीएफआई मुख्यालय जा चुका है। 

वर्ष 2017 में उसे पीएफआई उत्तर प्रदेश एडहाक कमेटी का सदस्य बनाया गया था। वह मौलाना शादाब के साथ मिलकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पीएफआई की गतिविधियों को बढ़ाने में लगातार सक्रिय था और उसे पीएफआई से रकम भी मिलती थी।

पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद वह छिपकर उसकी प्रचार सामग्री लोगों तक पहुंचाता था, और उन्हें देश-विराेधी गतिविधियों के लिए उकसाता था। एटीएस अब उससे नए सिरे से पूछताछ करेगी। उसके पास से बरामद मोबाइल काे भी खंगाला जा रहा है।