पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश सरकार को निकाय चुनाव में ओबीसी को हिस्सेदारी देने सम्बन्धी अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपी

पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश सरकार को निकाय चुनाव में ओबीसी को हिस्सेदारी देने सम्बन्धी अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपी
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लखनऊ, 10 मार्च।
नगर विकास विभाग ने आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिलकर रिपोर्ट के बारे में विस्तृत जानकारी भी दे दी है। यह रिपोर्ट आज कैबिनेट बैठक में रखी जाएगी।
कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देते हुए यूपी में निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी।
इसी रिपोर्ट के आधार पर नगरीय निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में ओबीसी की हिस्सेदारी नए सिरे से तय की जाएगी।
इसी रिपोर्ट के आधार पर नगरीय निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में ओबीसी की हिस्सेदारी नए सिरे से तय की जाएगी।
प्रदेश सरकार ने 28 दिसंबर 2022 को स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए पांच सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में हुआ था। आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का काम अब पूरा कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार ओबीसी आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण में बड़ा उलटफेर हो सकता है।
नगर विकास विभाग ट्रिपल टेस्ट के आधार पर नगरीय निकायों में मेयर व अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण करेगा। अभी तक अनारक्षित कई सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए आयोग का गठन कर सर्वे के लिए 31 मार्च तक का समय दिया था। आयोग ने यह काम समय से पहले ही पूरा कर लिया है।
सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार आयोग की रिपोर्ट इसी माह सुप्रीम कोर्ट में पेश कर चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलते ही मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण काम शुरू हो जाएगा।
मार्च अंत तक सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी कर इसमें आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे। इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।