राज्य उपभोक्ता आयोग ने लापरवाह डाक्टर पर ठोंका बीस लाख का जुर्माना।
राज्य उपभोक्ता आयोग ने लापरवाह डाक्टर पर ठोंका बीस लाख का जुर्माना।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लखनऊ, 6 अप्रैल।
सात साल पहले इलाज में बरती गई लापरवाही पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने 'लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट' के डॉ. विवेक कुमार गर्ग पर 20 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है।
जांच रिपोर्ट के परीक्षण में डॉक्टर की लापरवाही लखीमपुर निवासी महिला को भारी पड़ गई थी
लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट के कैंसर सर्जन की गलती से टीबी से ग्रस्त महिला का गर्भाशय कैंसर पीड़िता की तरह इलाज शुरू हो गया। इस दौरान पहली कीमोथेरेपी के बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई।
राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डॉक्टर का दायित्व है कि मरीज से जुड़े सभी तथ्यों व जांच रिपोर्ट को पूरी गंभीरता से देखने के बाद ही इलाज शुरू करे।
आदेश दिया कि पीड़िता को मुआवजा राशि के साथ बतौर क्षतिपूर्ति एक अगस्त 2016 से 12 प्रतिशत की साधारण दर से ब्याज भी चुकाएं।
प्राप्त विवरण के अनुसार, मिथलेश गुप्ता की पत्नी कस्तूरबा जुलाई 2016 में जियामऊ स्थित लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट के कैंसर सर्जन डॉ. विवेक कुमार गर्ग के पास आई थीं।
डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने सभी जांच व परीक्षण 'राज स्कैनिंग लिमिटेड' में कराए। रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने उन्हें गर्भाशय कैंसर से पीड़ित बताया।
इलाज के 2.40 लाख रुपये जमा कराने के बाद दो अगस्त को पहली कीमोथेरेपी की गई। इसके बाद से कस्तूरबा की हालत बिगड़ने लगी। शरीर काला पड़ गया। सिर के बाल गिरने के साथ वह चलने-फिरने में लाचार हो गईं।
इस पर परिवारीजन उन्हें दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर लेकर पहुंचे।
यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें गर्भाशय का कैंसर नहीं टीबी है। लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट में गलत इलाज हुआ है।
इस लापरवाही से मानसिक कष्ट व खर्च रकम की क्षतिपूर्ति के लिए पीड़िता ने राज्य उपभोक्ता आयोग में वाद दाखिल किया था। वर्तमान में उनका 'डाट्स सेंटर' लखीमपुर खीरी में इलाज चल रहा है।