ओमप्रकाश राजभर के बिगड़े बोल, दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक की तुलना परमाणु बम से की

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी सिक्योरिटी के लोग बिहार गए हुए थे तो अखिलेश यादव ने चार लोगों को भेजा था वह अभी लोग अस्पताल में पड़े हुए है। उनके मुँह से बोली नही निकल रही है। कुछ बोल नहीं पा रहे हैं इनकी दवाई मेरे पास है मैं ही इनको ठीक करूंगा।
 
ओमप्रकाश राजभर

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

मऊ, 13 सितंबर:- ओमप्रकाश राजभर अपने विवादित बयानों के लिए लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। आज एक बार फिर कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक की तुलना परमाणु बम से कर दिया। बता दे की उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में घोसी विधानसभा सीट पर बीजेपी की हार के बाद कार्यकर्ता बैठक में पहली बार मऊ जनपद पहुंचे OP राजभर ने हमेशा की तरह इस बार भी अखिलेश यादव को लेकर के बाड बोलेपन में लगातार तंज कसते हुए हुए नजर आए।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मुझे सूचना मिली है कि अखिलेश यादव के लोग हमारे और हमारे कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान उनके लोग कुछ भी कर सकते हैं। साथ ही कहा कि उनके चेले अगर बम बनाते हैं तो उनको नहीं पता है कि मैं क्या बनाता हूं। मैं न्यूट्रॉन, प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक मिलकर इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन से क्या बनता है परमाणु बम बनता है, उनके चेले बम बनकर फेंकने की कोशिश कर रहे हैं हमारे यहां तो मालिक-सालिक पता नहीं कितने बम फेंक चुके हैं। बिहार दौरे का जिक्र करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हमारी सिक्योरिटी के लोग बिहार गए हुए थे तो अखिलेश यादव ने चार लोगों को भेजा था वह अभी लोग अस्पताल में पड़े हुए है। उनके मुँह से बोली नही निकल रही है। कुछ बोल नहीं पा रहे हैं इनकी दवाई मेरे पास है मैं ही इनको ठीक करूंगा।

साथ ही कहा कि अगर उनके लोग हमारे किसी कार्यक्रम में आते है तो उसको पकड़ करके सिर्फ मेरे हवाले कर देना। जब मैं मरता हूं तो ना तो ना तो चोट लगती है ना खून बहता है ऐसी जगह मरता हूं कि वह किसी को दिखा भी नहीं पाएगा सिर्फ अखिलेश जी को ही दिखा सकता है। पंचायत चुनाव के दौरान 27% आरक्षण को लेकर के जब लोकसभा विधानसभा में वह लोग थे तो कभी आवाज नहीं उठाया और जब मैं आज पिछड़ों की बात करता हूं तो हमारे ऊपर वह लोग बोली बोलते हैं हमने हमने कई बार पिछड़ों की बात उठाया तो यही बात और लोगों को नागवार गुजरती है। जिसको लेकर के वह लोग हमारा विरोध करते हुए नजर आते हैं।