कजली गायिका पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव ने नवोदित कलाकारों को कजली गायन में प्रशिक्षित किया।

आजादी का अमृत महोत्सव पर कोन विकास खंड के मुजेहरा गांव में 10 दिवसीय कजली प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। नवोदित कलाकारों को कजली गायिका पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव ने कजली विधा से परिचित कराया।
 
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

झूला झूले की जगहों बटाईल गईल, गऊवौ हेराई गईल ना 

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

मिर्जापुर, 14 मई।

मिर्जापुर में आयोजित "कजली प्रशिक्षण शिविर" में युवा प्रतिभागियों को
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अजिता श्रीवास्तव ने प्रशिक्षित किया।

आजादी का अमृत महोत्सव पर कोन विकास खंड के मुजेहरा गांव में 10 दिवसीय कजली प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। नवोदित कलाकारों को कजली गायिका पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव ने कजली विधा से परिचित कराया।

समापन समारोह की मुख्य अतिथि पूर्व विधायक शुचिस्मिता मौर्या ने युवा पीढ़ी की ललक को सराहा कहा कि अपनी माटी से उपजी थाती को सम्हालने का काम युवा पीढ़ी के ही कंधे पर हैं।

जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरीश चंद्र दूबे ने कहा कि अपनी संस्कृति को संजोने की ललक ही विरासत को बचाए रखने में सहायक होती हैं । कवि गणेश गम्भीर ने कजली के इतिहास पर प्रकाश डाला । शीला सिंह ने इस प्रकार के आयोजन में सहयोग का वादा किया।

प्रशिक्षण शिविर का आयोजन उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी एवं सरगम सांस्कृतिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। 5 मई से आरम्भ कजली कार्यशाला का समापन शनिवार को किया गया। 

मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।  विद्यालय के बच्चों द्वारा वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।

श्रीमती अजिता श्रीवास्तव ने कार्यशाला एवं प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के उत्साह एवं लगन की सराहना की। कहा कि इस तरह छोटा छोटा शिविर लगाया जाए तो युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत और कला से जुड़ने का मौका मिलेगा।

उन्होंने कहा कि गांव बदल गया है । पहले वाला गांव का माहौल, आत्मीयता अब कम हो गई है । कजरी में पीड़ा को व्यक्त किया कि "बुढ़वा पिपरो सुखाइल और गांछ निबिया के कटाईल, कजरी खेलें झूला झूले की जगहों बटाईल गईल, गऊवौ हेराई गईल ना।" शिविर के प्रतिभागियों ने "राधे संग झूले नंदलाल हो, पडेला झीर झीर बुनिया।" बालिकाओं ने "पूरी दुनिया में बाटै मशहूर पिया, चलब मिर्जापुर पिया ना" सुनाकर मन मोहा।

वैष्णवी अग्रवाल ने मधुर कंठ से लताजी को श्रद्धांजलि स्वरुप सत्यम शिवम सुंदरम गीत सुनाया । पंडित महेश्वर त्रिपाठी के योग्य शिष्य मनीष शर्मा ने शिव स्तुति कजरी गीत पर भाव नृत्य प्रस्तुत किया।

अतिथियों का माल्यार्पण और अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया । पूर्व ग्राम प्रधान प्रेमचंद को सम्मानित किया गया । स्वागताध्यक्ष अनूप श्रीवास्तव ने अतिथियों का आभार जताया। संचालन लल्लू तिवारी ने किया। 

कार्यक्रम में जय कुमार,  मोनिका,  ज्योति,  संगीता आदि का सहयोग सराहनीय रहा। पूर्व प्रधान प्रेमचंद को सम्मानित कर बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए उपहार प्रदान किया गया। इस मौके पर प्रकृति संरक्षण के लिए अतिथियों ने वृक्षारोपण किया।