मां की कोख में पल रहे बच्चे का पैदा होने से पहले ही करते थे सौदा, एक बच्चे की कीमत ढाई लाख रुपए

पुलिस ने एक नवजात बच्ची बरामद की है। पुलिस ने उसकी मां को थाने बुलाया है, बच्ची की मां ने कहा कि उसे तो यह कहा गया था कि बच्ची को एक बिन औलाद के मां-बाप को जरूरत है। उसकी पहले से तीन बेटियां हैं, इसलिए अपनी चौथी बेटी को सास के कहने पर इन लोगों को दे दिया था। उसे नहीं पता था कि यह लोग बच्चे को बेच देंगे। दरअसल, इस गैंग के गिरफ्तार सदस्यों ने बिलारी थाना इलाके से भी एक ऐसे परिवार को टारगेट किया, लेकिन वहां ये पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
 
किराए की कोख

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

मुरादाबाद, 09 सितंबर:- उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस ने एक ऐसे शातिर गैंग का खुलासा किया है, जो मां की कोख में पल रहे बच्चे का पैदा होने से पहले ही सौदा कर लिया करते थे। एक बच्चे की कीमत ढाई लाख रुपए होती थी, मां-बाप को एंडवास के तौर पर 30 रुपए पहले ही दे दिए जाते थे। डिलीवरी होने के बाद बाकी के 2 लाख 20 हजार रुपए देकर बच्चे को गैंग वाले मां-बाप से ले लेते थे। इस गैंग में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी हैं, पुलिस ने गैंग के जिन छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है, उनमें चार महिलाएं हैं। आइए जानते हैं आखिर यह गैंग कैसे बच्चों को सौदा करता था?

गैंग के 6 सदस्य गिरफ्तार- मुरादाबाद पुलिस ने शुक्रवार को इस शातिर गैंग के छह सदस्यों गौरव, यूनुस, शबनम, गीता, नीतू और शाजिया को गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे हुए, एसएसपी हेमराज मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस गैंग में शामिल महिलाएं ग्रामीण इलाकों में ऐसी गर्भवती महिलाओं को ढूंढती थीं, जिनके पहले से कई बच्चे होते थे और उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होता था। ये लोग उस गर्भवती महिला और उसके पति को पहले झांसे में लेते थे, झांसे में लेने के बाद उनसे बच्चे का सौदा करते थे। एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि एक बच्चे की कीमत ढाई लाख रुपए थी। पति-पत्नी को एडवांस के तौर पर पहले 30 हजार रुपए ये लोग देते थे और बाकी के बचे 2 लाख 20 हजार रुपए डिलीवरी के बाद दिए जाते थे। एसएसपी ने बताया कि इस गैंग की मुख्य आरोपी दीपमाला है। दीपमाला ही बच्चे खरीदने वाले ग्राहकों को लाती थी। वह ग्राहकों को उन बच्चों के मां-बाप से मिलवाती थी, जिनको बच्चा खरीदना होता था।

झोलाछाप डॉक्टरों के निजी अस्पतालों में कराई जाती थी डिलेवरी- एसएसपी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं का इलाज किसी बड़े अस्पताल के बजाए झोलाछाप डॉक्टरों के निजी अस्पतालों में कराया जाता था और फिर बच्चा पैदा होने पर उसे निसंतान दंपति को दे दिया जाता था। एसएसपी ने बताया कि पुलिस अब इस गैंग के गिरफ्तार सदस्यों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी कि इससे पहले वह कितने नवजात शिशुओं को पैदा कराकर सौदा कर बेच चुके हैं। वहीं इस मामले में पुलिस ने एक नवजात बच्ची बरामद की है। पुलिस ने उसकी मां को थाने बुलाया है, बच्ची की मां ने कहा कि उसे तो यह कहा गया था कि बच्ची को एक बिन औलाद के मां-बाप को जरूरत है। उसकी पहले से तीन बेटियां हैं, इसलिए अपनी चौथी बेटी को सास के कहने पर इन लोगों को दे दिया था। उसे नहीं पता था कि यह लोग बच्चे को बेच देंगे। दरअसल, इस गैंग के गिरफ्तार सदस्यों ने बिलारी थाना इलाके से भी एक ऐसे परिवार को टारगेट किया, लेकिन वहां ये पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस पूछताछ में इस गैंग ने स्वीकार किया है कि इनके पास बच्चे की डिमांड आती थी। उसी के आधार पर ये परिवार को ढूंढने में लग जाते थे। पकड़ी गई महिलाओं में शबनम और गीता दाई का काम करती है। ये दोनों अस्पताल में ऐसे माता-पिता को ढूंढने में सहायक होती थी। इन्होंने अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा बच्चे बेचने की बात स्वीकार की है, इनकी एक साथी अभी मुंबई में है, जिसकी तलाश में टीम लगाई गई है और बिलारी से बेची गई एक नवजात बच्ची को इनके पास से बरामद करते हुए परिवार के सुपुर्द कर दिया गया है।