सेवा भारती द्वारा आयोजित नगर के किशोरी सदन में सुसज्जित भव्य पंडाल में श्री राम कथा का तृतीय दिवस।

सेवा भारती द्वारा आयोजित नगर के किशोरी सदन में सुसज्जित भव्य पंडाल में श्री राम कथा का तृतीय दिवस।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
प्रतापगढ़, 25 सितम्बर।
आज मानस मर्मज्ञ श्री दिलीप कृष्ण भारद्वाज ने भगवान शिव एवं माँ पार्वती के मध्य हुए संवाद का अद्भुत वर्णन किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री बृजेश शर्मा ने कथा व्यास के प्रति स्वागत सम्मान व्यक्त किया।
कथा व्यास ने कहा कि कैलाश पर्वत पर अवस्थित एक सुन्दर बट बिटप के नीचे भगवान शिव अत्यंत शांत भाव से मृगछाला बिछा कर आसीन हुए बाम भाग माँ पार्वती भी विराजमान हुईं और अपने पूर्व जन्म सती रूप में भगवान राम के मानव रूप पर अपनी शंका के लिए पछतावा व्यक्त किया साथ ही भगवान श्री राम के मानव रूप के विषय में कतिपय प्रश्न किए।
प्रश्न के उत्तर में भगवान शिव ने माता पार्वती को सम्बोधित करते हुए कहा कि हे देवी सर्वेश्वर भगवान विष्णु ही श्रीराम के रूप में अवतरित हुए।
कारणों की व्याख्या करते हुए भगवान आशुतोष ने बताया कि वैसे तो अनेक कारण थे किंतु ५ कारण मुख्य थे । भगवान नारायण के द्वारपालों जय एवं विजय को सुनक आदि ऋषियों द्वारा शाप और उन दोनों का हिरण्यकश्यपु एवं हिरण्याक्ष के रूम में तथा अंत में रावण कुंभकर्ण के रूप में जन्म लेना , अपनी परम पतिव्रता पत्नी के कारण सभी देवताओं को जालंधर द्वारा पराजित करना, भगवान नारायण द्वारा उसकी पत्नी का छद्म रूप से शील भंग जिसके कारण उस पतिव्रता द्वारा नारायण को शाप मोह से आच्छादित नारद जी द्वारा भगवान विष्णु को मानव योनि में जाने का श्राप मनु शतरूपा द्वारा तपस्या एवं भगवान विष्णु को पुत्र रूप में प्राप्त करने का वरदान प्राप्त करना ।
इस प्रसंग की विशद व्याख्या श्री दिलीप कृष्ण महाराज जी द्वारा प्रस्तुत की गयी एवं राजा प्रताप भानु को ब्राह्मणों के श्राप की कथा भी बताया।
कथा को आगे बढ़ाते हुए श्री दिलीप कृष्ण जी ने बताया कि बढ़ते हुए पाप, अत्याचार से त्रस्त पृथ्वी का समस्त देवताओं के साथ भगवान विष्णु से पापाचार को मिटाने के लिए प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अवतरित होने का आश्वासन दिया।
इधर अयोध्या नरेश दशरथ जी ने पुत्र प्राप्ति हेतु वशिष्ठ जी के परामर्श पर श्रृंगी ऋषि से यज्ञ कराया। यज्ञ कुंड से अग्नि महाराज ने प्रकट होकर राजा दशरथ को चरू प्रदान किया तथा रानियों में बाँट देने का निर्देश दिया चरु प्रसाद पान के फलस्वरूप तिथियों की रानी नवमी तिथि का मान बढ़ाने मध्य दोपहरी में भगवान श्री राम ने अयोध्या की पावन धरा पर मनुष्यावतार ग्रहण किया यथा “ नवमी तिथि मधुमास पुनीता। सुकल पच्छ अभिजित हरि प्रीता मध्य दिवस अति शीत न घामा पावन काल लोक विश्रामा॥” को चरितार्थ करते हुए कौशल्यानंदन भगवान राम का अवतरण हुआ।
इस अवसर पर प्रभु श्री राम दरबार की अद्भुत झांकी प्रस्तुत की गयी और भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी गाते ही पांडाल के स्त्री पुरूष हर्षोल्लास से करतल ध्वनि व नर्तन करने लगे आज की कथा में बहुत ही उल्लासपूर्ण वातावरण रहा जिसका सभी श्रोताओं ने भरपूर आनंद लिया।
कथा प्रारंभ होने के पूर्व मुख्य यजमान श्री सिया राम गुप्ता जी ने विधिवत् पूजन आरती सम्पन्न किया। संपूर्ण वातावरण राम मय रहा।
श्री राम कथा संयोजक डाक्टर सौरभ पाण्डेय ने बताया कि 26 सितम्बर की कथा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रान्त के प्रान्त प्रचारक रमेश जी की उपस्थिति मुख्य अतिथि के रुप में रहेगी
आज की कथा में मनोज ब्रह्मचारी, ओम प्रकाश त्रिपाठी, पूर्व मंत्री बृजेश शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा आशीष श्रीवास्तव विनोद पाण्डेय, उमा खंडेलवाल, राघवेन्द्र शुक्ल राजेश सिंह, गोविंद खण्डेलवाल, संजीव आहूजा, शरद केशरवानी, शिशिर खरे, अमित शुक्ल, एस के शर्मा, धर्म प्रकाश पाण्डेय, राजेश्वर उपाध्याय, नीतेश खंडेलवाल, गिरिजा शंकर मिश्र, प्रह्लाद खंडेलवाल,आशीष जायसवाल,सुनील दुबे , डॉ कामायनी उपाध्याय, शरद केसरवानी, रतन चंद जैन, जवाहर लाल मिश्र, राम तीरथ मिश्र, राजेश मिश्र, सुधीर पाण्डेय, दिनेश अग्रहरि, शकुंतला, सुधा, सुमन, संगीता खण्डेलवाल इत्यादि उपस्थित रहे।