परिवार रजिस्टर में नाम चढ़वाने के लिए 70 साल की हार्ट पेशेंट वृद्ध महिला लगा रही डीपीआरओ कार्यालय के चक्कर

डीपीआरओ कार्यालय का चक्कर लगा रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, पीड़िता महिला के बेटे वसीक अहमद का बड़ा आरोप है कि जब वह सेक्रेटरी संगीता सरोज के पास गया तो उन्होंने कहा कि सरकारी कागज़ खो गया है तब पीड़िता के बेटे ने कहा कि आप हम को लिखित में दे दीजिए तो सेक्रेटरी संगीता सरोज ने कहा कि ज्यादा सवाल जवाब ना करो नहीं तो फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भिजवा दूँगी।
 
Pratapgarh
रिपोर्ट- गौरव तिवारी संवाददाता

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 30 नवंबर:- यूपी के जनपद प्रतापगढ़ के विकास भवन के डीपीआरओ कार्यालय और ब्लॉक की सेक्रेटरी का बड़ा कारनामा सामने आया है, जहां 70 साल की हार्ट पेशेंट बुजुर्ग महिला को अपना नाम परिवार रजिस्टर नकल में चढ़वाने के लिए डीपीआरओ कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, वही शिकायत मिलने पर सीडीओ ईशा प्रिया ने 24 घंटे में समस्या का निस्तारण करने का आदेश दिया है।

पूरा मामला- विकास भवन के डीपीआरओ कार्यालय और सदर ब्लाक के पूरे मुस्तफा खा सिटी की सेक्रेटरी का बड़ा कारनामा सामने आया है, पीड़ित महिला शकीला बानो के बेटे वसीक अहमद ने बताया कि उसके पिता ने दो शादी की है और पिछले साल उनका देहांत हो गया और उसकी माँ का कोर्ट में मुकदमा चल रहा है, उसकी मां शकीला बानो ने सदर ब्लाक के पूरे मुस्तफा खा सिटी के सेक्रेटरी संगीता सरोज को परिवार रजिस्टर में अपना नाम चढ़ावाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था जिसके बाद एडीओ ने नाम चढ़वाने के लिए आदेश दे दिया था उसके 3 महीने बाद भी सेक्रेटरी संगीता सरोज ने उसकी मां का नाम परिवार रजिस्टर में नही चढ़ाया जिसके बाद वह 15 दिन से डीपीआरओ कार्यालय का चक्कर लगा रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, पीड़िता महिला के बेटे वसीक अहमद का बड़ा आरोप है कि जब वह सेक्रेटरी संगीता सरोज के पास गया तो उन्होंने कहा कि सरकारी कागज़ खो गया है तब पीड़िता के बेटे ने कहा कि आप हम को लिखित में दे दीजिए तो सेक्रेटरी संगीता सरोज ने कहा कि ज्यादा सवाल जवाब ना करो नहीं तो फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भिजवा दूँगी।

वसीक अहमद का कहना है कि वह अपनी मां शकीला बानो के साथ मजबूरन आज डीपीआरओ कार्यालय आया जबकि उसकी माँ हॉट और किडनी की पेशेंट है और उनका इलाज पीजीआई में चल रहा है और उनकी उम्र में लगभग 70 वर्ष है उसके बाद भी डीपीआरओ साहब ने उनसे बदतमीजी से बात की और कहा कि ज्यादा सवाल जवाब ना करो नहीं तो ऑफिस से उठाकर बाहर फेंकवा दूंगा। पीड़ित महिला के बेटे ने इसकी शिकायत सीडीओ ईशा प्रिया से किया तो सीडीओ ने 24 के अंदर समस्या का निस्तारण करने का आदेश दिया। बड़ा सवाल उठता है कि जब अधिकारी ही बेलगाम हो जाएंगे तो आम जनता को कैसे राहत मिलेगी और वह किसके पास जाएंगे अपनी समस्या लेकर।