बढ़ते डेंगू के मरीज के बीच जनप्रतिनिधियों ने साधी चुप्पी, झूठे दावे और लुभावने वादे पर टिकी राजनीति

प्रतापगढ़ के सांसद, विधायक से लेकर अन्य जिम्मेदार अधिकारी डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर नहीं दे रहे हैं ध्यान, चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं जनप्रतिनिधियों द्वारा कहा जाता है कि हम आपके सुख दुख में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े मिलेंगे लेकिन वही आज डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है मौतें हो रही है सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही है जिससे लोगों को महंगे प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है इस बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भी गांव में व्यापक रूप से दवा का छिड़काव नहीं किया जा रहा है गांव-गांव गली-गली में गंदगी फैली हुई है जिसके कारण डेंगू की बीमारी अपना पैर पसार रही है,इन सब के बावजूद भी जिले के जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं|

 
डेंगू का डंक
रिपोर्टर अमित सिंह (राहुल) संवाददाता 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क 

प्रतापगढ़ 5 नवंबर : उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का वादा भले ही कर रही हो लेकिन प्रदेश में जिस प्रकार से डेंगू और तेज बुखार का प्रकोप फैल रहा है और अस्पतालों में अराजकता का वातावरण पैदा हुआ है उससे सभी सरकारी दावों की पोल खुल गयी है।

भाजपा सरकार संतुलित एवं समावेशी विकास का दावा कर रही है लेकिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों की लम्बी – लम्बी कतारें लग गयी हैं। लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्री और अफसर मस्ती में हैं। 

वहीं दूसरी ओर प्रतापगढ़ के सांसद विधायक से लेकर अन्य जिम्मेदार अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं जनप्रतिनिधियों द्वारा कहा जाता है कि हम आपके हर सुख दुख में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े मिलेंगे लेकिन वही आज डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रहे हैं जिससे लोगों को प्राइवेट की ओर रुख करना पड़ रहा है इस बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भी गांव में व्यापक रूप से दवा का छिड़काव नहीं किया जा रहा है इन सब के बावजूद भी जिले के जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं बड़ा सवाल आखिर इन जनप्रतिनिधियों की नींद कब खुलेगी क्या अभी और बढ़ा प्रकोप होने का इंतजार कर रहे हैं वह दूसरी ओर जिला अधिकारी प्रतापगढ़ के भी आदेशों का पालन नहीं हो रहा है प्रत्येक ग्राम सभा के प्रधानों को निर्देशित किया गया है कि अपने अपने गांव में दवा का छिड़काव कराया लेकिन अधिकांश गांव आज भी दवा के छिड़काव से वंचित है जिसके कारण डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और जनप्रतिनिधि से लेकर जिम्मेदार अधिकारी व ग्राम प्रधान चुप्पी साधे हुए हैं|

वहीं सरकारी अस्पतालों की बात करें तो एक प्रकार से अस्पतालों में अराजकता का वातावरण पैदा हो गया है। आये दिन पीएचसी सीएचसी में हंगामें हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि पीएससी में अभी डेंगू वार्ड नहीं बनाए जा सके है प्रदेश में चुनावों का मौसम आने वाला है सभी दल चुनावें की तैयारी में मस्त हैं तो विरोधी दल उसी हिसाब से अपनी बयानबाजी कर रहे हैं जबकि सरकार अपने गणित को ठीक करने में लगी हुयी है। इसी बीच डेंगू जनित बीमारियों और उनके फैलते प्रकोप का का मामला भी प्रयागराज में अदालात की चैखट पर जा पहुंचा है और इस पूरे मामले को गंभीर मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सबंधित विभागों के सभी अधिकारियों को पूरी कार्रवाई रिपोर्ट के साथ अदालत के समक्ष तलब कर लिया है।

इन हालातों में फिलहाल मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। वहीं इसी गहमागहमी में सूत्रों की माने तो अस्पतालों में हर प्रकार के दलाल भी सक्रिय हो गये हैं। यह दलाल अस्पतालों में मरीजों की भर्ती कराने से लेकर उनको रक्तदान कराने प्लेटलेट्स उपलब्ध कराने व दवाईयां आदि तक दिलाने के लिए सक्रिय हैं जसके कारण व्यवस्थायें और चरमरा गयी हैं। इन दलालों की नीचे से ऊपर तक पहुंच हैं। इन दलालों को छूने वाला कोई नहीं हैं। बीमारियों के चलते आजकल हर प्रकार की जांचों के लिए भी कोई निश्चित दाम नहीं हैं।
वर्तमान समय में सरकारी आंकड़ों में डेंगू व अन्य बीमारियों से प्रभावित पीड़ितों की संख्या का कोई अनुमान नहीं है प्रतापगढ़ के सरकारी आंकड़े के अनुसार अनुरूप कई गुना अधिक डेंगू मरीज मिल चुके हैं और मौतें भी बराबर हो रही है किंतु अधिकारी किसी भी प्रकार की मौत के आंकड़े सही मानने को तैयार नहीं है।

अखबारों व मीडिया रिर्पाेटस के अनुसार डेंगू से मरने वालो की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है अधिकारीगण सरकार को आंकड़ों के खेल में गुमराह कर रहे हैं। आज अस्पतालों की हालत यह हो रही है कि लाइन में खड़े होने व पर्चे बनवाने से लेकर दवाइयों की लाइन में लगने तक मारपीट व हंगामा तक हो रहा है। अस्पतालों में मरीजों व तीमारदारों की सुरक्षा भी ताक पर है। अस्पतालों में भारी भीड़ के चलते कहीं – कहीं पर महिलाओं को
सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है अस्पतालों में चिकित्सकों की ओर से लापरवाही भी कम नहीं की जा रही है। ऐसे वक्त में भी डॉक्टरों को छुट्टियां दे दी जा रही हैं जिसके कारण पीएससी में डॉक्टरों के ना होने से मरीजों और तीमारदारों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसका जिगता जागता उदाहरण मांधाता पीएससी में देखने को मिल रहा है|

अस्पतालों का आलम यह हो रहा है कि जिला अस्पताल में सभी वार्ड फुल हो गए हैं हालांकि जिम्मेदार दूसरा वार्ड तैयार करने का दावा कर रहे हैं वार्ड फुल होने के कारण मरीज फर्श पर ही तड़प रहा है किसी बच्चे को गोद में लेकर तो किसी को कुर्सी पर बैठा कर ही ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है।

 मरीजों के दबाव की वजह से अस्पतालों की इमरजेंसी में भर्ती तक ठप हो रही है। मांधाता के पीएचसी ओपीडी व बरामदे में पैर रखने तक की जगह नहीं बचती है। 

आज डेंगू के साथ तेज बुखार के कारण प्रतापगढ़ ही नहीं अपितु प्रदेश के कई शहरों की जनता आक्रोशित भी हो रही है जिसके कारण कानून व्यवस्था की समस्या भी पैदा होने लग गयी है। प्रदेश में सफाई व्यवस्था व फागिंग आदि का भी बुरा हाल हो रहा है। मशीनों की खराबी के कारण कई जगह फागिंग तक नहीं हो पा रही है। वहीं फागिंग को लेकर भी लेकर भी राजनीति हो रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश में फैल रही गंदगी के कारण ही खतरनाक मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं। फिर भी सफाई अभियान की प्रदेश में ऐसी की तैसी की जा रही है।  एक प्रकार से वर्तमान समय में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवायें बदहाल हैं और चुने गए जनप्रतिनिधि अपने में मस्त हैं जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है|

समाचार पत्र -पत्रिकाओं में विज्ञापन के माध्यम से बड़े- बड़े दावे किये जा रहे हैं।

सूबे की सरकार का दावा है कि स्वास्थ्य सेवा काफी प्रभावी और लोकप्रिय एम्बुलेंस सेवा है। इस सुविधा से लाखों लोग लाभन्वित हुए हैं। बेहतर अस्पतालों और दवाइयों के इंतजाम के लिये राज्य सरकार ने काफी काम किया है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पहले से बेहतर हुयी हैं। राज्य सरकार इन्हें और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिये अभी काफी काम करना है। नये अस्पताल और मेडिकल कालेज बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। जिला अस्पतालों को और अच्छा बनाने सफाई की बेहतर व्यवस्था और दवाई के इंतजहाम पर विशेयाध्यान देना है। जनता को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिये जेनेरिक मेडिसिन उपलब्ध कराने के सम्बंध में भी सरकार जल्द ही फैसला लेगी। सरकार सुविधायें दे भी रही है तथा नित नयी योजनायें लाभी रही है|

लेकिन आपज प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य स्वयं बिगड़ गया है। यह सब कुछ अफसरों की लापरवाही और विभागीय मंत्रियों की सुस्ती का भी परिणाम है कि डेंगू जैसी महामारियों ने प्रदेश में विकाराल रूप धारण करती जा रही है और जनमानस मच्छरों के आतंक के साये में जीने के लिये मजबूर है। आज आवश्कता इस बात की है कि जब तक साज स्वयं मजबूती के साथ नहीं खड़ा होगा तथा हर छोटी से छोटी समस्या के लिए सरकार व सरकारी कर्मचारियों की ओर उम्मीदों भरी निगाहों से देखता रहेगा तब तक समाज को इस प्रकार की अराजकता का सामना करना ही पड़ेगा। यदि जनमानस स्वयं जागरूक होकर स्वच्छता अभियान पर ध्यान दे दे तो आधे मच्छरों का ऐसे ही सफाया हो जायेगा।आज आवश्यकता इस बात की है कि प्रदेश में व्यापक पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया जाये यह किसी राजनैतिक दल के लिए नहीं अपितु जनस्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा। स्वच्छता अभियान से कई बीमारियों को दूर भगाया जा सकता है। आज जो बीमारियां पैदा हो रही हैं उन बीमारियों की असली जड़ गंदगी में ही पनपती है।