शोपीस बना सामुदायिक शौचालय, मजबूरन बाहर जाने को मजबूर ग्रामीण

मांधाता खंड विकास अधिकारी रहे आरसी शर्मा व सहायक विकास अधिकारी रहे हरिशंकर पटेल के कार्यकाल में  सामुदायिक शौचालयों में हुआ करोड़ों का घोटाला, मांधाता ब्लाक के अधिकांश सामुदायिक शौचालय की दीवारों पर लिखे मिलेंगे आपको खंड विकास अधिकारी आरसी शर्मा व प्रभारी सहायक विकास अधिकारी हरिशंकर पटेल, मांधाता खंड विकास अधिकारी रहे आरसी शर्मा वर्तमान समय में जिले के परियोजना निदेशक (पीडी) के पद पर है कार्ययत तो वही हरिशंकर पटेल गौरा ब्लाक में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर हैं कार्ययत, इन दोनों साहब के कार्यकाल में कई प्रधानों और सचिवो ने डकार लिए सामुदायिक शौचालयों के लाखों रुपए बड़ा सवाल? क्या साहब को नहीं लगी भनक या यह भी खा गए मलाई, ब्लॉक मांधाता में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण परियोजनों को अफसर जाते जाते जमकर लगा गए चूना यहां कई दर्जन सामुदायिक शौचालय हैं अधूरे बावजूद पैसे निकालकर कागजों पर उन्हें दिखाएं गए है पूरे, ब्लॉक मांधाता के भरतपुर (बुआपुर) सामुदायिक शौचालय का 2 वर्ष बाद भी आज तक नहीं हो सका उपयोग निर्माण कार्य आज भी हैं अधूरे लेकिन वही पैसा निकाल लिए गए हैं पूरे, बड़ा सवाल? अब वर्तमान में पीडी साहब के ऊपर कौन करेगा कार्रवाई कहीं ऐसा तो नहीं मांधाता ब्लॉक के अंतर्गत बने सामुदायिक शौचालयों की अगर कराई जाएगी गहनता से जांच तो पीडी साहब की भी गर्दन फंसते आएगी नजर, इन्हीं दोनों के नक्शे कदम पर चल रहे हैं वर्तमान मांधाता खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार व सहायक विकास अधिकारी विजय शुक्ला

 
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सामुदायिक शौचालय

रिपोर्टर अमित सिंह (राहुल) संवाददाता

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़ 23 सितंबर : केंद्र एवं प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत निर्मित कराए गए सामुदायिक शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए संपूर्ण लागत की भुगतान होने के बावजूद शौचालय आधे अधूरे रह गये ऐसा लगता है जिला प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है इस कारण से आम लोगों के लिए बने सामुदायिक शौचालय का लाभ लोगों के पहुंचने के पूर्व ही दम तोड़ चुका है इन सामुदायिक शौचालय के अधूरे कामों के लिये जिम्मेदार लोगों ने कार्रवाई मात्र खानापूर्ति करने में लग गए है जिसके कारण यह पूरी परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है ग्रामीणों में चर्चा : जब सरकार ने अच्छी क्वालिटी का समुदायिक शौचालय के निर्माण पैसा भेजा पैसा भी निकल गया तो अब तक काम क्यों नहीं पूरा हुआ? यहां कई कार्यों प्रोजेक्ट पर अधिकारियों की मिलीभगत से स्वच्छ भारत मिशन मनरेगा जैसी योजन को रसातल में ले जा रहे हैं ब्लॉक के अधिकारी व कर्मचारियों की लोगों ने इस समुदायिक शौचालय की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की   सुनगुनाहट ग्रामीणों से मिल रही है|

विकासखंड मांधाता के ग्राम सभा भरतपुर बुआपुर में बना सामुदायिक शौचालय मात्र शोपीस बनकर रह गया है लाखों रुपए की लागत से वर्षों पहले बनाया शौचालय आज भी नहीं चालू हो सका वर्षों से शौचालय पर ताला लटक रहा है और शौचालय के आसपास बड़ी बड़ी झाड़ियां उग गए हैं जिसमें विषैले जानवरों का वास हो गया है हैरत की बात यह है कि शौचालय चालू भी नहीं है शौचालय निर्माण के नाम पर पूर्व प्रधान व सचिव ने मिलकर पैसों का बंदरबांट कर लिया और वर्तमान प्रधान भागीरथी सिंह ने शौचालय के आसपास मिट्टी भराई के नाम पर मनरेगा के तहत लाखों रुपए डकार गए हालांकि प्रधान द्वारा थोड़ा बहुत मिट्टी गिराई गई लेकिन जमीनी हकीकत देखने पर यही लगता है कि इसमें लगभग डेढ़ लाख की मिट्टी नहीं लग सकती बड़ा सवाल? अगर डेढ़ लाख रुपए की मिट्टी लगी है तो सामुदायिक शौचालय का निर्माण कैसे कराया गया क्योंकि सामुदायिक शौचालय को देखकर नहीं लगता यहां इतना भारी गड्ढा रहा होगा विभागीय उदासीनता एवं प्रधान व समूह के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है ग्रामीण मजबूरन शौच के लिए घर से बाहर जाने को मजबूर है| ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत हुआ है जबरदस्त घोटाला अगली कड़ी में खबर प्रकाशित होगी|