खाद की किल्लत से परेशान किसान, महंगे दामों में खरीदना मजबूरी

इस समय किसान गेहूं,आलू सरसों,मसूर और मटर की बुवाई करने की फिराक में दिन रात एक किए हुए हैं किसानों की तबाही का कारण पहले सूखा बना बाद में बेमौसम बरसात ने तैयार धान की फसल को बर्बाद कर दिया जिले के किसान के किसी तरह रवि की फसल की बुआई के लिए बैंक,सेठ और साहूकारों से ऋण लेकर फसल बोने का विचार कर रहे हैं तो उसे समय पर खाद नहीं मिल रही है साधन सहकारी समितियों से खाद नहीं मिल पाने के कारण किसान परेशान हैं। उन्हें निजी दुकानों पर महंगे दाम पर खाद लेनी पड़ रही है। ये बात अलग है कि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले में खाद की कोई समस्या नहीं है।

 
डीएपी की किल्लत
रिपोर्टर अमित सिंह (राहुल) संवाददाता 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क 

प्रतापगढ़ 15 नवंबर : जिले में पहले सूखा,बाद में बेमौसम बरसात की मार झेल चुके किसानों के सामने अब एक और संकट खड़ा हो गया है। साधन सहकारी समितियों से खाद नहीं मिल पाने के कारण किसान परेशान हैं। उन्हें निजी दुकानों पर महंगे दाम पर खाद लेनी पड़ रही है। ये बात अलग है कि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले में खाद की कोई समस्या नहीं है। धान की कटाई के बाद बुवाई का दौर पूरे उपज पर है खाद और बीज के लिए क्षेत्र के किसानों की लंबी कतार सरकारी दुकानों पर देखने को मिल रही है इस समय किसान गेहूं आलू सरसों मसूर और मटर आदि की बुवाई करने की फिराक में दिन रात एक किए हुए हैं किसानों की तबाही का कारण पहले सूखा बना तो बाद में बेमौसम बरसात ने तैयार धान की फसल को बर्बाद कर दिया जिले के किसी तरह रबी की फसल की बुआई के लिए बैंक सेठ और साहूकारों से ऋण लेकर फसल बोने का विचार किया तो उसे समय पर खाद नहीं मिल रही है ऐसे में अन्नदाता किसान की मुश्किलें और बढ़ रही हैं|

विकासखंड मांधाता क्षेत्र के  सभी समितियों पर किसान आते हैं और समिति बंद देख अपने घर को बैरंग वापस चले जाते हैं इस स्थिति में किसान कैसे मटर गेहूं सरसों मसूर आलू की बुवाई कर सकेंगे यह बड़ा सवाल है| और सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर खाद की किल्लत कहीं ना कहीं सरकारी आदेशों और बड़े-बड़े दावों को चिड़ा रही हैं किसानों का आरोप है कि साधन सहकारी समितियों में अगर कभी खाद आती भी है तो सबसे पहले अपने चहेतों को मिलती है लेकिन वहीं अन्य किसानों की बात की जाए तो दिन रात लाइन में खड़े करने के बाद भी एक बोरी खाद देने से कतराते हैं किसान खाद की किल्लत के चलते निजी दुकानों से महंगी खाद खरीदने को मजबूर है बात यहीं खत्म नहीं होती खाद की समस्या का मामला पूरे प्रतापगढ़ क्षेत्र के साधन सहकारी समितियों में बना हुआ है जानकारी के मुताबिक चहेतों को रात में खाद की सप्लाई की जाती है और मध्यम वर्ग श्रेणी के किसानों को राहत के बजाय भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है|