भू माफियाओं के हौसले बुलंद, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान, किसी बड़ी अनहोनी होने की आशंका

जमीन बिक्री में खूब हो रहा फर्जी बैनामा, भू-स्वामी दर-दर भटकने को मजबूर, नहीं हो रही सुनवाई

 
भू माफियाओं का अवैध कब्जा
रिपोर्टर अमित सिंह (राहुल) संवाददाता 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क 

प्रतापगढ़ 11 नवंबर : उत्तर प्रदेश सरकार दबंग भू माफियाओं पर लाख शिकंजा कसने की बातें कहे लेकिन प्रदेश की जो वास्तविक हकीकत है वह कुछ और ही बयां कर रही है। बेखौफ दबंग भूमाफिया गरीबों की जमीन पर शिकंजा कसते जा रहे हैं और गरीब प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हैं, तो सिर्फ बदले में आश्वासन ही मिलता है।

मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बलीपुर पंडित कोतवाली नगर में बेखौफ दबंग भू माफियाओं का कहर देखने को मिला है जहां मोतीलाल नाम के व्यक्ति के जमीन गाटा सं 15 पर कुछ दबंग जबरन कब्जा कर रहे हैं जिसको कोतवाली नगर थाने में पीड़ित ने तहरीर देते हुए न्याय की गुहार लगाई लेकिन उसे उसके एवज में सिर्फ आश्वासन ही मिला।

क्या है पूरा मामला : मोतीलाल पुत्र मैकूलाल जोकि बलीपुर पंडित कोतवाली नगर के रहने वाले हैं। उन्होंने कोतवाली में शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि उनकी जमीन पर इरफान पुत्र रियाज अहमद निवासी किशुनदासपुर कोतवाली नगर सह खातेदार होने का फायदा उठा के अपने हिस्से से अधिक भूमिका विक्रय चंद्रभान सिंह पुत्र राम अवध सिंह निवासी ग्राम व थाना आसपुर देवसरा प्रतापगढ़ को फर्जी बैनामा तैयारकर कर दिया|

भू-स्वामी मोतीलाल लाल का कहना है कि फर्जी बैनामा के आधार पर चंद्रभान सिंह व इरफान ने भूमि पर जबरन दबंगई के बल पर अवैध कब्जा कर रहे है| पीड़ित का आरोप है कि जब मैं शिकायत करने कोतवाली नगर गया तो पुलिस राजस्व का मामला बता कर सिर्फ आश्वासन दे दिया लेकिन मामले पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और दबंग भूमाफिया जमीन पर कब्जा करने में लगे हुए हैं। बड़ा सवाल आखिर क्यों कोतवाली नगर पुलिस पीड़ित द्वारा जब थाने में तहरीर देते हुए न्याय की गुहार लगाई गई इसके बाद आखिर प्रशासन की आंखें क्यों नहीं खुली, यह सबसे बड़ा सवाल पुलिस की कार्यशैली पर खड़ा होता है। क्या पुलिस किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रही है|

पीड़ित ने कहा कि उसने कब्जा करने वाले लोगों से हाथ जोड़कर गड़गड़ा कर विनती भी की कि वह उनसे लड़ने लायक नहीं है छोटी सी जगह है रहम कर दें लेकिन फिर भी किसी का दिल नहीं पसीजा। तब जाकर पीड़ित ने प्रशासन की सुध ली लेकिन वहां से भी उसको कुछ खास हाथ नहीं लगा शायद थाने के भी दरवाजे पीड़ित के लिए बंद नजर आए।

जिसके बाद पीड़ित ने अपनी जमीन बचाने के लिए एसडीएम से गुहार लगाई है अब देखना यह है कि एसडीएम द्वारा इसपर क्या संज्ञान लिया जाता है या राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के द्वारा किसी बड़ी घटना का इंतजार रहेगा|