संभल कर चलिए जनाब! ये है योगी राज की ''गड्ढा मुक्त'' सड़क,जो खुलेआम दे रही हादसों को न्यौता

सड़क पर तालाब या तालाब में सड़क समझ पाना मुश्किल, हमेशा बनी रहती है दुर्घटना की संभावना, विकासखंड मान्धाता के ग्राम सभा पर्वतपुर-रामगंज आने जाने वाली सड़क का खस्ताहाल, ग्रामीण व स्कूलों के बच्चे इसी सड़क के आने जाने को मजबूर, ब्लॉक मांधाता प्रधान संघ अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ उर्फ (बबऊ) इस समस्या को लेकर अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को लिखा पत्र इसके बाद भी जिम्मेदार बेपरवाह

 
ग्रामीण समस्या

रिपोर्टर अमित सिंह (राहुल) संवाददाता 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़ मांधाता : जब भी चुनाव का वक्त आता है तो सभी राजनीतिक पार्टियां जनता को बेहतर सड़क बिजली और पानी देने का दावा करती है ऐसा ही एक दावा सरकार के बनते ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किया था यूपी सरकार ने कहा था कि वह प्रदेश की हर सड़क को गड्ढा मुक्त करेंगे लेकिन सरकार के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी ये वादा अभी तक पूरा नहीं हो सका है|

बता दें कि ये तस्वीरें प्रतापगढ़ विकासखंड मांधाता के ग्राम सभा पर्वतपुर से रामगंज बाजार तक 16 सौ मीटर की सड़क में नगियापुर पटेल बस्ती और सरोज बस्ती के पास आने जाने वाली सड़क का खस्ताहाल हो गया है यह सड़क कई गावों को जोड़ती है लेकिन इस सड़क पर दूर-दूर तक गड्ढा मुक्त और जलभराव  सड़क दिखाई नहीं दे रही है बल्कि हर जगह बड़े-बड़े गड्ढे और गड्ढों में पानी का अंबार लगा हुआ है गांव की हालात ऐसी है कि सड़कों पर बारिश का पानी जमा रहता है जिसके कारण आने जाने वाले राहगीरों से लेकर स्कूली बच्चों तक इस सड़क से गुजरने के लिए चुनौती का सामना करना पड़ता है लोगों का डर रहता है कि कहीं इन गड्ढों के कारण कोई बड़ा हादसा घटित न हो जाए लाखों खर्च कर बनाई इन सड़कों की दशा और दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है दिन के समय में तो फिर भी गनीमत है, पर रात का सफर तो बिल्कुल ही खतरे से खाली नहीं है।

वहीं इस पूरे प्रकरण में प्रधान संघ अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ (बबऊ) ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि गांव की इस सड़क की सबसे जटिल समस्या है इस समस्या को मेरे द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर अवगत कराया गया लेकिन फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है जिसके कारण आने जाने वाले राहगीरों को और स्कूली बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है रात के समय या समस्या और भी जटिल हो जाती है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे है|