योगी सरकार के आजीविका मिशन में आजीविका तो न के बराबर है लेकिन रिश्वत जी भर के, ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्वयं सहायता समूहों में भी सेंध लगा गए मांधाता ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी

स्वयं सहायता समूह के द्वारा रोजगार मिलने के अवसर में भी रिश्वत का खेल, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में आजीविका तो न के बराबर है लेकिन रिश्वत जी भर के, ब्लॉक मांधाता के अधिकारियों और कर्मचारियों पर नहीं लग रही लगाम जिसके कारण गरीबों का भी पैसा डकार जा रहे हैं ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी, मनरेगा के तहत विभिन्न गांवों में महिला ने दी थी वृक्षारोपण के लिए पौधे  और सी.आई.बी बोर्ड जिसका कमीशन के चक्कर में आज तक नहीं हुआ भुगतान, लगभग 3 वर्षों से महिलाएं लगा चुकी जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक तक अनेको चक्कर, लेकिन हुक्मरानों ने दलाली के चक्कर में नहीं किए भुगतान,आजीविका मिशन के अंतर्गत 80 हजार का कर्ज लेकर महिला ने शुरू किया था नर्सरी का व्यवसाय,भुगतान रुकने से महिला ठोकरें खाने को हुए मजबूर, वहीं इस वर्ष वृक्षारोपण के लिए ब्लॉक के जिम्मेदारों ने नहीं लिया एक भी पौधे जिसके चलते गरीब महिलाओं का हो रहा है लाखों का नुकसान, ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी कहते हैं जब वन विभाग से मिल रहा है फ्री में तो क्यों ले आप का पौधा

 
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी स्वयं समूह

रिपोर्टर अमित सिंह (राहुल) संवाददाता

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़ मांधाता 24 सितंबर : गांव की गरीब महिलाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित के लिए महिला स्वयं सहायता समूह का गठन तो हो गया लेकिन जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के चलते समूह का गठन का कार्य सफल नहीं हो पा रहा है प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना चलाई जा रही है जिसके तहत महिलाओं को समूह में रहकर अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है गांव की गरीब महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उस क्षेत्र में मांग के अनुरूप व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए बैंकों से आर्थिक मदद प्रदान की जाती है यह सब कुछ महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ही संभव होता है|

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के सपने देख रहे है तो वहीं उनके ही अफसर इन सपनों में पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे|

हम बात कर रहे हैं मांधाता ब्लॉक की जय दुर्गा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और पार्वती आजीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत इन्होंने अपना व्यवसाय प्रारंभ किया इनका मुख्य रूप से व्यवसाय पौधे की नर्सरी और सी.आई.बी बोर्ड के लिए महिलाओं ने बैंक से कर्ज लेकर व्यवसाय शुरू किया जिसके बाद महिला ब्लॉक मांधाता के विभिन्न गांवों के प्रधानों को नर्सरी के पौधे और बोर्ड सप्लाई देना शुरू कर दिया लेकिन प्रधानों और जिम्मेदार अधिकारियों ने महिलाओं का लगभग हजारों का पैसा आज तक नहीं दिया जिसको लेकर महिला ने मुख्य विकास अधिकारी से लेकर अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायती पत्र भी लिखा उसके बाद भी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई वही महिला का कहना है कि कमीशन न देने के चक्कर में मेरा पैसा नहीं मिल रहा है महिला ने बताया कि मांधाता ब्लॉक का सैकड़ों चक्कर लगा चुकी हूं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं वहीं अगर कोई ध्यान भी देता है तो पहले पर्सेंट कमीशन मांगता करते है वही इस वित्तीय वर्ष में नर्सरी में तैयार पौधे लेने वाला कोई नहीं है ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी कहते हैं जब वन विभाग से हमको फ्री में मिल रहा है तो क्यों ले आपके पौधे जिसके कारण गरीब महिलाओं का लाखों रुपए डूबते नजर आ रहे हैं|