मान्धाता पुलिस ने फरार चल रहे अभियुक्तों के खिलाफ किया सीआरपीसी 82 की कार्यवाही

प्रतापगढ़ न्यायालय के एसीजेएम कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 82 उद्घोषणा पत्र पांच अभियुक्तों के खिलाफ किया जारी मांधाता पुलिस ने गाजीपुर में 3 अभियुक्त व धरमपुर के 2 अभियुक्त के घर नोटिस चस्पा कर की मुनादी

 
कारवाई
रिपोर्टर अमित सिंह (राहुल) संवाददाता 

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़ 20 नवंबर : कोतवाली  मांधाता पुलिस ने रविवार को दो  गांव गाजीपुर और धरमपुर के फरार चल रहे कुल 5 अभियुक्तों के खिलाफ पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत सभी फरार अभियुक्तों के आवास पर नोटिस चस्पा कर इलाके में मुनादी करवाई|

उक्त कार्रवाई मांधाता थाने में दर्ज गाजीपुर निवासी दुर्विजय सिंह,वैभव सिंह,शत्रुघन सिंह के खिलाफ अपराध संख्या 384/20 आईपीसी की धारा 34,307,323,352,504,506 के तहत व कोतवाली मांधाता थाने में ही दर्ज ग्राम सभा धरमपुर निवासी बशीर,समीर के खिलाफ अपराध संख्या  302/21 आईपीसी की धारा 147,307,506 के तहत उक्त कार्रवाई हुए है|

पूरे प्रकरण में कोतवाली मांधाता के एसआई ब्रह्मदेव यादव ने बताया कि ये सभी आरोपी वर्षों से फरार चल रहे हैं न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तारी के लिए कई बार दबिश भी दी गई वारंट के बाद पुलिस फरार चल रहे मुकदमे के इन आरोपियों के घर व उनके संभावित ठिकानों पर कई बार दबिश दी गई लेकिन वह नहीं मिले न्यायालय के एसीजेएम कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 82 उद्घोषणा पत्र जारी किया जिसके बाद हम लोगों ने उक्त दोनों गांव के आरोपियों के आवास पर नोटिस चस्पा कर इलाके में मुनादी कराई उन्होंने आगे कहा कि नोटिस चस्पा के बाद भी अगर फरार आरोपी हाजिर नहीं होते हैं तो अगली कड़ी में सीआरपीसी की धारा 83 के तहत सभी आरोपियों के घर की संपत्ति की कुर्की होगी|

क्या है सीआरपीसी की धारा 82

व्यक्ति के लिए उद्घोषणा - यदि किसी न्यायालय को (चाहे साक्ष्य लेने के पश्चात् या लिए बिना) यह विश्वास करने का कारण है कि कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध उसने वारंट जारी किया है, फरार हो गया है, या अपने को छिपा रहा है जिससे ऐसे वारंट का निष्पादन नहीं किया जा सकता तो ऐसा न्यायालय उससे यह अपेक्षा करने वाली लिखित उद्घोषणा प्रकाशित करता है कि वह व्यक्ति विनिर्दिष्ट स्थान में और विनिर्दिष्ट समय पर, जो उस उद्घोषणा के प्रकाशन की तारीख से कम से कम तीस दिन पश्चात् का होगा, हाजिर होने का हुक्म होता है।

क्या है सीआरपीसी की धारा 83
 
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 83 फरार व्यक्ति  की संपत्ति की कुर्की करने का प्रावधान  करती है सीआरपीसी की धारा 83 के मुताबिक-

(1) धारा 82 के अधीन उद्घोषणा जारी करने वाला न्यायालय, ऐसे कारणों से, जो लेखबद्ध किए जाएंगे उद्घोषणा जारी किए जाने के पश्चात् किसी भी समय, उद्घोषित व्यक्ति की जंगम या स्थावर अथवा दोनों प्रकार की किसी भी संपत्ति की कुर्की  का आदेश दे सकता है लेकिन अगर उद्घोषणा जारी करते समय न्यायालय का शपथपत्र द्वारा या अन्यथा यह समाधान हो जाता है कि वह व्यक्ति जिसके संबंध में उद्घोषणा निकाली जाती है.

(2) ऐसा आदेश उस जिले में, जिसमें वह दिया गया है, उस व्यक्ति की किसी भी संपत्ति की कुर्की प्राधिकत करेगा और उस जिले के बाहर की उस व्यक्ति की किसी संपत्ति की कुर्की तब प्राधिकृत करेगा जब वह उस जिला मजिस्ट्रेट द्वारा, जिसके जिले में ऐसी संपत्ति स्थित है, पृष्ठांकित कर दिया जाए|