Pratapgarh- रेप और हत्या के प्रयास के आरोपी दरिन्दों को मिली मौत की सजा

हलीम उर्फ खड़बड़ एवं रिजवान को मृत्युदंड से दंडित किया है एवं 50000 का दोनो को अर्थदंड आरोपित किया। यह क्रूरतम अपराध उस समय जनसामान्य के बीच में चर्चा का विषय रहा क्योंकि इससे दो समुदायों के बीच में काफी तनाव पैदा हो गया था।
 
प्रतापगढ़ न्यूज़

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 02 नवंबर:- प्रतापगढ़ न्यायालय ने बलात्कार, अपहरण और हत्या मामले में दोषी पाए गये दो अभियुक्तों को सुनवाई के बाद मृत्युदंड की सजा, पॉक्सो अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं में दोष सिद्ध पाए जाने पर न्यायालय ने सुनाया अपना फैसला, नवाबगंज कोतवाली इलाके के परसई गांव हलीम उर्फ खड़बड और रिजवान को सुनाई गई मृत्यदंड की सजा और ₹50 हज़ार का जुर्माना, 27 दिसंबर 2021 को दरिंदों ने दिया था नाबालिक के साथ घटना को अंजाम, 30 दिसंबर 2021 को नवाबगंज थाने में पीड़िता के भाई के तहरीर पर दर्ज हुई थी एफआईआर, अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, विशेष लोक अभियोजक निर्भय सिंह ने की पैरवी।

पूरा मामला- बता दे की अपर जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सोअधिनियम पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बलात्कार अपहरण एवं अपराधिक मानव वध के आरोप मे हलीम उर्फ खड़बड़ एवं रिजवान निवासी ग्राम- परसई, थाना- नवाबगंज, जनपद- प्रतापगढ़ को विरलतम अपराध का दोषी पाते हुए मृत्युदंड व बाइस हजार रूपया अर्थदंड से दंडित किया/अर्थदंड की राशि पीड़िता को उसके चिकित्सा एवं मानसिक आघात की पूर्ति एवं उसके पुनर्वास हेतु नियमानुसार प्रदान किया जाएगा। घटना दिनांक 27 दिसंबर 2021 की शाम 6:00 बजे की है जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना नवाबगंज पर दिनांक 30 दिसंबर 2021 को पीड़िता के भाई द्वारा अज्ञात के विरुद्ध पंजीकृत कराई गई जिसकी विवेचना तत्कालीन थानाध्यक्ष रुकुम पाल सिंह एवं उपनिरीक्षक सुरेंद्र सिंह द्वारा संपादित की गई। घटना के  दिन मामले की पीड़िता जो थाना नवाबगंज की है शाम को गांव की दुकान पर बेसन लेने जा रही थी तभी मामले के अभियुक्तगण अमन उर्फ कासिम, रिजवान और हलीम उर्फ खड़बड़ उसे पकड़ लिए और रेलवे ट्रैक के पास ले जाकर उसके साथ जबरन बलात्कार किए और उसके विरोध करने पर बहुत ही क्रूर तरीके से उसके सिर में मारा उसके चेहरे की हड्डी तोड़ दी और आंख में चाकू मार दिए जिससे वह अंधी हो गयी और पैर तोड़ दिए और बेहोशी हालत में वही छोड़ दिए।

गंभीर हालत में प्रयागराज किया गया था रेफर- जिसे वहीं से बेहोशी हालत में लोगों की मदद से सी.यच.सी. कालाकांकर लाया गया जहां उसकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए उसे यस.आर.एन. मेडिकल कॉलेज प्रयागराज रिफर कर दिया गया जहां  उसका इलाज चला जब पीड़िता 5 दिन बाद होश में आयी तब उसने बताया कि उसके साथ उपरोक्त अभियुक्तगण अमन उर्फ कासिम, रिजवान और हलीम उर्फ खड़बड़ ने यह क्रूरतम अपराध कारित किया तभी इन अभियुक्तगणों का नाम प्रकाश में आया और इनके विरुद्ध विवेचना प्रचलित हुई तथा मामले मे विवेचनोपरांत तीनों अभियुक्तगणों के विरुद्ध आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया गया जिसमें से एक अभियुक्त अमन उर्फ कासिम को माननीय न्यायालय द्वारा बाल अपचारी घोषित कर उसकी  पत्रावली पृथक कर बाल न्यायालय भेज दी गयी तथा अन्य दोनों अभियुक्तगण हलीम उर्फ खड़बड़ एंव रिजवान के विरुद्ध माननीय न्यायालय ने दिनांक 07 मई 22 को आरोप विरचित किया तथा दौरान विचारण अभियोजन द्वारा कुल 11 गवाहों को पेश किया गया और उन्हें परीक्षित किया गया तथा दिनांक 15 अक्टूबर 22 को मामले में अंतिम बहस हुई जिसके पश्चात माननीय विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय द्वारा 6 माह के अंदर विचारण समाप्त कर दिनांक 21 अक्टूबर 22 को निर्णीत कर अभियुक्तगण हलीम उर्फ गड़बड़ एवं रिजवान को मामले में दोष सिद्ध किया गया।

आज मिली मौत की सजा- आज दिनांक 02 नवंबर 2022 को सजा हेतु तिथि नियत की गई थी जिसे माननीय न्यायालय द्वारा विरलतम अपराध घोषित करते हुए दोनों अभियुक्तगणों हलीम उर्फ खड़बड़ एवं रिजवान को मृत्युदंड से दंडित किया है एवं 50000 का दोनो को अर्थदंड आरोपित किया। यह क्रूरतम अपराध उस समय जनसामान्य के बीच में चर्चा का विषय रहा क्योंकि इससे दो समुदायों के बीच में काफी तनाव पैदा हो गया था। मामले मे राज्य की ओर से प्रभावी पैरवी विशेष लोक अभियोजक निर्भय सिंह द्वारा की गई जिनके द्वारा प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि यह माननीय न्यायालय द्वारा दिया गया कठोर एवं गंभीर निर्णय समाज में महिलाओं एवं बच्चियों के विरुद्ध हो रहे अपराध को रोकने में मील का पत्थर साबित होगा।