सपा के प्रदेश सचिव प्रमोद कुमार मौर्य ने दिया इस्तीफा, अखिलेश यादव पर लगाए गंभीर आरोप

प्रमोद ने पत्र में लिखा कि, समाजवादी पार्टी ज्वाइन करते समय मेरे कुछ शुभ चिन्तकों ने यह कहा था कि सपा केवल एक जाति विशेष के लोगों की पार्टी है, लेकिन फिर भी मैंने आपसे प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी।
 
Pramod maury ne kyo diya istifa Global Bharat

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 21 अप्रैल:- समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव प्रमोद कुमार मौर्य ने इस्तीफा दे दिया है, और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर लगाए जातिवादी होने के आरोप। प्रमोद कुमार मौर्य ने पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को जातिवादी बताया है, उन्होंने कहा कि सपा ज्वाइन करते समय मेरे शुभ चिन्तकों ने कहा था कि ये बस एक जाति विशेष के लोगों की पार्टी है, लेकिन फिर भी मैंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देते हुए आरोप लगाया है कि सपा ने मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया है। इसी के साथ प्रमोद कुमार मौर्य ने पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को जातिवादी बताया है। प्रमोद मौर्य द्वारा अखिलेश यादव को लिखे पत्र में कहा गया है कि 17 फरवरी 2018 को मैंने सपा की सदस्यता अखिलेश यादव को अपना नेता मानकर ग्रहण की थी, उस समय यह लगता था कि अखिलेश यादव दलितों, पिछड़ो के नेता हैं। प्रमोद ने पत्र में लिखा कि, समाजवादी पार्टी ज्वाइन करते समय मेरे कुछ शुभ चिन्तकों ने यह कहा था कि सपा केवल एक जाति विशेष के लोगों की पार्टी है, लेकिन फिर भी मैंने आपसे प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी।

अपने पत्र में आगे उन्होंने लिखा- जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा स्थानीय नेताओं से फोन के माध्यम से यह कहा गया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी कौन होगा यह पूछा गया, जबकि आपको पता था कि मैं दो बार जिला पंचायत प्रतापगढ़ का अध्यक्ष रहा हूं तथा मेरी पत्नी डॉक्टर पुष्पलता मौर्य चौथी बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव 5000 मतों से जीती हैं। आपके द्वारा निर्देश देने के उपरांत स्थानीय नेताओं ने मीटिंग करके कहा कि जब अखिलेश यादव जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए पैसे देंगे तो और समाज के व्यक्ति क्यों अध्यक्ष लड़े। हम लोग यादव समाज से ही लाएंगे और अपने एक ऐसे यादव समाज के प्रत्याशी को टिकट दे दिया जिनकी परिस्थितियां उस में चुनाव लड़ने की नहीं थी जो कि आप की जातिवादी मानसिकता को भी प्रदर्शित करता है।

आगे उन्होंने लिखा जिला पंचायत चुनाव के समय मेरे बड़े भाई राधेश्याम मौर्य की मृत्यु 1 जून 21 को हो गई थी, पार्टी की तरफ से कोई शोक संवेदना प्रकट नहीं की गई जबकि मेरे द्वारा फोन से उक्त शोक की सूचना रामचंद्र को प्रदेश कार्यालय में दी गई थी, जबकि यादव समाज के कोई भी छोटा से छोटा पदाधिकारी के परिवार में किसी की मृत्यु होने पर पार्टी द्वारा शोक व्यक्त किया जाता है, और ना ही समाजवादी पार्टी द्वारा मेरे घर पर किसी भी पदाधिकारी द्वारा शोक व्यक्त करने के लिए भेजा गया जो कि समाजवादी पार्टी की जातिवादी मानसिकता को प्रदर्शित करता है।

सपा में अपराधियों मदद की जाती है- अपने पत्र में आगे उन्होंने लिखा कि ब्लॉक प्रमुख आसपुर देवसरा के चुनाव में थाना आसपुर देवसरा में मेरे खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था, मैं जब पार्टी पदाधिकारियों के साथ आपसे मिलने प्रदेश कार्यालय गया तो आपने केवल अपने समाज के लोगों से बात की थी तथा उनकी मदद की हमारी व अन्य समाज के लोगों पर जो मुकदमा दर्ज हुआ था उस पर कोई बात राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा नहीं की गई, यह दर्शाता है कि आपके समाज के अपराधिक प्रवृति के व्यक्ति समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हैं तथा अन्य समाज के लोग केवल पार्टी के संघर्ष के लिए ही हैं।

समाजवादी पार्टी में टिकट पाने का पहला पैमाना शायद अपराधी होना है- विधानसभा चुनाव के पहले स्वामी प्रसाद मौर्या जो कि वर्तमान में भाजपा सरकार में मंत्री थे उन्होंने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली तब हम लोगों को लगा था कि अब मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज की ओर समाजवादी पार्टी में महत्त्व मिलेगा। लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करते ही आपने मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी विरोधी मानसिकता का परिचय देते हुए जहां जहां पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाज के लोगों को टिकट देने की बात कही थी, आपने उनको टिकट देने के लिए माना था किंतु टिकट फाइनल करते समय आपने चंद्रपाल सैनी हसनपुर अमरोहा, बलराम सैनी बिलारी मुरादाबाद, हरपाल सैनी मेरठ, देवेश शाक्य बिधूना औरैया, अमरनाथ मौर्य शहर पश्चिमी इलाहाबाद, बलराम मौर्य रुदौली फैजाबाद, दामोदर मौर्य मंझाव मिर्जापुर, तेज बहादुर सदर जौनपुर को टिकट देकर इसलिए काट दिया कि अगर यह लोग चुनाव जीत गए तो मोड कुशवाहा शाक्य सैनी समाज पार्टी में मजबूत होगी। इसी तरह से आपने मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज को अपमानित और कमजोर करने का षड्यंत्र आपके द्वारा किया गया यही नहीं आपके द्वारा जिसे भारतीय जनता पार्टी को पिछड़ा मौर्य, कुशवाहा समाज विरोधी बताया गया था।

जबकि भारतीय जनता पार्टी ने मौर्य, कुशवाहा समाज से 12 लोग विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचे तथा समाजवादी पार्टी से केवल 2 लोग ही जीतकर विधानसभा में विधायक बने। मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज को टिकट इसलिए नहीं दिए गया क्योंकि वह आपराधिक प्रवृति के नहीं थे समाजवादी पार्टी में टिकट पाने का पहला पैमाना शायद अपराधी होना है। मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज को टिकट देकर काट देना आपकी समाज विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। अंत में उन्होंने लिखा मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के प्रति घोर उपेक्षा पूर्ण रवैया और समाज विरोधी मानसिकता के कारण मैं प्रमोद कुमार मौर्या प्रदेश सचिव समाजवादी पार्टी वाला समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।।