Pratapgarh- गांव के दबंगों ने 20 वर्ष पुराना रास्ता किया बंद, पीड़ित परिवार ने जिलाधिकारी से की शिकायत

आरोप है कि पीड़ित और उसके परिवारजनों का 20 वर्ष से भी पुराना रास्ता दबंगों ने लकड़ी, बबूल, गोबर आदि रखकर रास्ते को बन्द कर दिया है। जिस पर पीड़िता द्वारा पुलिस अधीक्षक को शिकायत करने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा पूर्व में रास्ता खुलवाया गया था। लेकिन दबंगों ने अपनी दबंगई के बल पर उस रास्ते को दुबारा बन्द कर दिया।
 
प्रतापगढ़
रिपोर्ट- गौरव तिवारी संवाददाता

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 18 नवंबर:- खबर प्रतापगढ़ से जहाँ थाना कंधई क्षेत्र की पीड़िता लक्ष्मी ग्राम दरछूट की रहने वाली है। पीड़िता अपनी आबादी की जमीन पर अपने पांच परिवार के साथ कई वर्षों से आबाद है, लेकिन गांव के पड़ोसी दबंगों व अपराधी किस्म के व्यक्तियों द्वारा पीड़िता का रास्ता बंद कर दिया गया है। पीड़ित महिला अपने परिजनों के साथ पूरे मामले की जिलाधिकारी से प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की है।

पूरा मामला- पीड़िता लक्ष्मी अपने सभी परिवारजनो के साथ ग्राम छरछुट थाना कंधई, तह०पट्टी की रहने वाली है। आरोप है कि पीड़ित और उसके परिवारजनों का 20 वर्ष से भी पुराना रास्ता दबंगों ने लकड़ी, बबूल, गोबर आदि रखकर रास्ते को बन्द कर दिया है। जिस पर पीड़िता द्वारा पुलिस अधीक्षक को शिकायत करने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा पूर्व में रास्ता खुलवाया गया था। लेकिन दबंगों ने अपनी दबंगई के बल पर उस रास्ते को दुबारा बन्द कर दिया। पीड़ित ने बताया कि गांव के पूर्व प्रधान द्वारा पाल बस्ती से हरिजन बस्ती तक वर्ष 1998 में जवाहर रोजगार योजना के अर्न्तगत 25 मीटर गड्ढे को पाटकर सम्पर्क मार्ग बनाया गया था और वर्ष 2007 में प्रधान द्वारा पुनः मरम्मत कराकर एक नग हयूप पाइप डाली गयी थी, उसी स्थान के उत्तर तरफ लगभग 25 मीटर की दूरी पर विपक्षी केशव प्रसाद यादव और उनके परिवार जनों का मकान है।

पीड़िता का आरोप है कि इन लोगो का सहन दरवाजा उत्तर की तरफ है, परन्तु इस समय केशव प्रसाद यादव द्वारा जबरन संरहगई और गुण्डई के बल पर जमीन और रास्ता बन्द करके कब्जा कर लिया गया है। पूर्व में तीन बार विपक्षीगण ने पीड़िता परिवारजनों को मारेपीटे है जिस मामले में कंधई थाने में दबंगों के ऊपर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। पीड़िता ने बताया कि विपक्षीगण का कहना है कि जब तक मुकदमा वापस नहीं लोगे तब तक जमीन और रास्ता नहीं छोड़ेगें।