"श्री महालक्ष्मी क्रिएटिविटीज, नागपुर" के कलाकारों द्वारा "हम करें राष्ट्र आराधन" का नाट्य मंचन

'उत्तिष्ठ भारत संस्थान' व संस्कार भारती की प्रतापगढ़ इकाई के तत्वावधान में 'श्री महालक्ष्मी क्रिएटिविटीज, नागपुर' के कलाकारों द्वारा "हम करें राष्ट्र आराधन" का नाट्य मंचन कार्यक्रम नगर में आयोजित किया गया। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज

"श्री महालक्ष्मी क्रिएटिविटीज, नागपुर" के कलाकारों द्वारा "हम करें राष्ट्र आराधन" का नाट्य मंचन 

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

प्रतापगढ़, 23 जून।

'उत्तिष्ठ भारत संस्थान' व संस्कार भारती की प्रतापगढ़ इकाई के तत्वावधान में 'श्री महालक्ष्मी क्रिएटिविटीज, नागपुर' के कलाकारों द्वारा "हम करें राष्ट्र आराधन" का नाट्य मंचन कार्यक्रम नगर में आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह डॉक्टर सौरभ पांडेय और  महंत मनोज ब्रह्मचारी, डा रवि श्रीवास्तव, प्रो बृज भानु सिंह, गोविंद खंडेलवाल और रतन चंद्र जैन द्वारा भारत माता के चित्र के समक्ष विधिवत दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण करके किया गया। 

कार्यक्रम का संचालन प्रभा शंकर पांडेय और संयोजन शिशिर खरे ने किया। विशेष सहयोग श्री अशोक कुमार त्रिपाठी जी का रहा। 

कार्यक्रम के आरंभ में अपने उद्घाटन उद्बोधन में डॉ सौरभ पांडेय ने कहा कि आज यह नाट्य प्रस्तुति जनमानस के मन में चल रहे प्रश्नों का समुचित उत्तर देने में सक्षम है। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है और यह हम सब का सौभाग्य है कि आज ऐसे पवित्र संगठन की स्थापना काल से लेकर उसके द्वारा स्वाधीनता आंदोलन तथा अन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका से संबंधित नाट्य मंचन ऐतिहासिक कार्यक्रम के रूप में  उपस्थित होकर देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। 

कार्यक्रम में सदर विधायक राजेंद्र मौर्य, जिला अधिकारी प्रतापगढ़ डॉ नितिन बंसल, पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह की विशेष उपस्थिति रही। 

कार्यक्रम संयोजक शिशिर खरे ने कार्यक्रम के संदर्भ में अपना उद्बोधन दिया। कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के संदर्भ में मंचन के साथ कार्यक्रम का आरंभ हुआ। परम पूजनीय डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के कुशल मार्गदर्शन में 1925 में विजयदशमी के दिन स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे थे। 

शिशिर खरे ने बताया कि जंगल सत्याग्रह में स्वयंसेवकों ने अपने अपने दायित्वों को छोड़कर प्रतिभाग किया तथा जेल गये। इसी क्रम में डॉ हेडगेवार ने कुछ समय के लिए सरसंघचालक का दायित्व परांजपे जी को देकर सत्याग्रह में भाग लिया और जेल गए। उत्तरोत्तर विस्तृत होता हुआ संघ डॉक्टर साहब के मार्गदर्शन में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दे रहा था। इसी क्रम में स्वामी अखंडानंद जी के निर्देश पर सारगाछी आश्रम से चलकर परम पूज्य माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर "श्री गुरुजी" ने नागपुर पहुंचकर डॉक्टर हेडगेवार  से भेंट की और संघ कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान आरंभ किया। धीरे-धीरे संघ का विस्तार होता गया। 

उन्होंने कहा कि संघ ने भारत में कश्मीर के विलय में अपनी भूमिका का निर्वाहन किया और चीन के युद्ध में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके चलते उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों को नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में भी सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ। 1965 के पाकिस्तान युद्ध के समय भी तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आवाहन पर श्री गुरु जी ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया| 

संघ की विकास यात्रा और उसके समाज जीवन और राष्ट्र जीवन में विभिन्न योगदान पर आधारित यह नाट्य मंचन तीन घंटे तक चला। हजारों की संख्या में उपस्थित जनमानस ने नाट्य मंचन के माध्यम से अपने आप को राष्ट्रभक्त की धारा से जोड़ने का प्रयास किया। 

इस नाट्य मंचन का निर्माण अविनाश घॉघरेकर ने किया। आभार अशोक तिवारी ने किया। संपूर्ण मंचन को इसकी निर्मात्री श्रीमती कंचन घंगरेकर, नृत्य निर्देशक अमोल मोनेवार, लाइट बाबा पदम, साउंड बंडू पदम, मेकअप आर्टिस्ट लालजी श्रीवास, मंच समन्वयक समीर थोगडे, व्यवस्थापक आसिफ अहमद और लेखक प्रस्तुतकर्ता श्री अविनाश घंगरेकर जो सुप्रसिद्ध चलचित्र निर्माता हैं के द्वारा निष्पादित किया गया।

इन सबके साथ में सशक्त अभिनय पक्ष के निर्वहन में डा हेडगेवार का अभिनय अभिषेक बेल्लरवाल, श्री गुरु जी का अभिनय अमोल तेलपांडे, महात्मा गांधी प्रशांत मंगदे, डॉ आंबेडकर  अनिल कलमकर, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का अभिनय विलास कुबडे ने किया। 

सूत्रधार के रूप में अमीन सावरकर को विशेष तालियाॅ मिली। कार्यक्रम का समापन पद्मश्री बाबा योगेंद्र, संस्थापक संस्कार भारती की दिनांक 10 जून को 98 वर्ष की अवस्था में गोलोक गमन के कारण 2 मिनट के मौन के साथ हुआ।

इस अवसर पर रमेश त्रिपाठी, चिंतामणि दुबे, हरिओम मिश्र, डॉ अखिलेश पाण्डेय,विनोद कुमार द्विवेदी,शीतांशु ओझा, गिरजा शंकर, डॉक्टर रंगनाथ शुक्ल, संजीव आहूजा, कार्तिकेय द्विवेदी,सत्य प्रकाश, गोविंद खंडेलवाल, नितेश खंडेलवाल, हरीश कुमार,दिनेश सिंह दिन्नू, शरद केसरवानी, सूर्यकांत निराला, संजय तिवारी, रमाशंकर शुक्ल, विनय सिंह, अश्विनी केशरवानी, सुरेश संभव, पंकज तिवारी, प्रभात मिश्र , जे पी मिश्रा, सर्वोत्तम, हेमंत, अशोक शर्मा  आदि सहित हजारों की संख्या में प्रतापगढ़ का प्रबुद्ध जनमानस उपस्थित रहा।

इस कार्यक्रम की सफलता के लिये  जनपद की संस्थाओं यथा लायंस क्लब प्रतापगढ़, भारत विकास परिषद, आरोग्य भारती, शैक्षिक संघ, भारतीय भाषा आंदोलन, पतंजलि योगपीठ, अधिवक्ता परिषद, युवा व्यापार मंडल के सदस्य पदाधिकारियों के साथ जनपद के विभिन्न विशिष्ट व्यक्तियों कुलदीप सिंह, उदय भानु सिंह, शरद केसरवानी, डॉ पीयूष कांत शर्मा, आनंद केसरवानी, मुरली केसरवानी, दिनेश अग्रहरी, अर्पित खंडेलवाल, श्री रामचंद्र जी, प्रभात मिश्र, पंकज तिवारी, राजेश मिश्र, प्राथमिक शिक्षक संघ सत्य प्रकाश पांडे, अश्विनी केशरवानी, नीरज तिवारी, कविता केसरवानी, कंचन सिंह, डॉली केसरवानी, इंजीनियर शिवांग खरे, नरेंद्र सिंह, अशोक जायसवाल, आशीष जायसवाल आदि ने कार्यक्रम की सफलता में अपना विशेष योगदान दिया।