सस्ता नशा करके सपा नेताओं द्वारा की जा रही रामचरितमानस पर विवादित टिप्पडी-आचार्य राकेश शास्त्री

स्वामी प्रसाद मौर्य के पद चिन्हों पर चलकर रानीगंज के विधायक डॉक्टर आरके वर्मा ने दिया रामचरितमानस पर विवादित बयान
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 30 जनवरी।। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा लगातार हिंदू ग्रंथों को निशाना बनाया जाना कोई नई बात नहीं है.. लेकिन अब उनके पद चिन्हों पर चलकर सपा के अन्य नेता भी हिंदू आस्था और ग्रंथों के प्रति अमर्यादित और विवादित टिप्पणी करने में अपनी शान समझ रहे हैं। राजनीति में पिछले पायदान पर पहुंचने के बाद शायद सस्ती लोकप्रियता पाने के इस चक्कर में वह करोड़ों हिंदुओं के आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं और रामचरितमानस जैसे पवित्र ग्रंथ पर भी सवाल खड़ा करना और विवादित टिप्पणी करके वह राजनीति में बने रहने का प्रयास कर रहे हैं । उक्त बातें आचार्य राकेश शास्त्री ने कहा और भगवान श्रीराम से प्रार्थना किया की ऐसे लोगो की सद्बुद्धि दे।

हालांकि पार्टी लाइन भी ऐसे नेताओं को तवज्जो दे रही है शायद इसके पीछे वह बैकवर्ड की राजनीति करने का प्रयास कर रही है। पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सत्ता से दूर हैं और शायद उन्हें लग रहा है कि भगवान राम और रामचरितमानस पर प्रहार करने से उन्हें लाभ मिलेगा और इसी काम के लिए वह अपने सभी विधायकों को लगा दिए हैं।

भाजपा छोड़कर सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उन्हें इनाम देते हुए राष्ट्रीय महासचिव बना दिया ऐसे में अब भाजपा के सहयोगी दल अपना दल छोड़कर सपा में शामिल होने के बाद विधायक बने डॉक्टर के वर्मा ने भी रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करते एक ट्वीट किया है। शायद उन्हें लगता है कि ऐसा करने से समाजवादी पार्टी उन्हें भी कोई बड़ी जिम्मेदारी दे दे।

फिलहाल डॉक्टर के वर्मा द्वारा विवादित टिप्पणी पर रानीगंज के पूर्व विधायक धीरज ओझा ने भी आपत्ति जताई है और इस मामले में भाजपा के मंडल अध्यक्ष द्वारा विधायक के खिलाफ रानीगंज कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की गई है।

वही रामचरितमानस जैसे पवित्र ग्रंथ पर टिप्पणी किए जाने से हिंदू समाज के संतो और धर्माचार्य में भी खासा आक्रोश है। आचार्य राकेश शास्त्री ने कहा कि शायद समाजवादी पार्टी के यह नेता सस्ता नशा करते हैं और इस तरीके का अनर्गल तथ्य विहीन टिप्पणी करके अपनी ओछी मानसिकता को दर्शाते हैं। उन्होंने भगवान श्रीराम से ऐसे नेताओं को सद्बुद्धि प्रदान करने का प्रार्थना भी किया।