जनता के रोष को भाँपकर बीजेपी से चुनाव लड़ना असुरक्षित मान रहे उम्मीदवार - प्रमोद तिवारी
जनता के रोष को भाँपकर बीजेपी से चुनाव लड़ना असुरक्षित मान रहे उम्मीदवार - प्रमोद तिवारी
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज
लालगंज, प्रतापगढ़; 5 मार्च।
राज्य सभा में विपक्ष के उप नेता प्रमोद तिवारी ने बीजेपी के पहले चरण के घोषित प्रत्याशियों में तीन तीन नामचीन उम्मीदवारों के खुद प्रत्याशी न बनने के निर्णय को जनता के सरकार के प्रति रोष का नतीजा माना है।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल में महँगाई और बेरोजगारी पर नियंत्रण नहीं कर सकी, उससे देशभर में भाजपा को लेकर गुस्सा है, जिसे भाँपकर नामचीन चेहरे भी प्रत्याशी बनने को तैयार नहीं हो रहे।
राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने भाजपा द्वारा पश्चिम बंगाल से मशहूर भोजपुरी अभिनेता एवं सिंगर पवन सिंह तथा दिल्ली से जाने माने क्रिकेटर गौतम गंभीर तथा केन्द्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री जैसे ओहदे पर रहे जयंत सिनहा के द्वारा खुद को प्रत्याशी से हटने के फैसले को भाजपा के सत्ता से बेदखल होने का संकेत बताया।
विपक्ष के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश के राजनैतिक इतिहास में शायद यह पहला सियासी मौका है जब किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल से तीन तीन प्रभावशाली चेहरे भाजपा से अपनी उम्मीदवारी को असुरक्षित मानकर प्रत्याशी नहीं होने के का खुद का निर्णय सुनाया।
उन्होने कहा कि मोदी सरकार ने कालेधन की वापसी के नाम पर आम आदमी के खाते में पन्द्रह लाख का बार बार झूठा जुमला बोला।
सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि बेरोजगारी की पीड़ा झेल रहे देश के नौजवानों को सालाना दो करोड़ नौकरी का झांसा दिया।
उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि नौकरी की मोदी सरकार की झूठी साबित हो चुकी गारंटी के बीच दिन रात मेहनत से कैरियर के युवाओं के सपने प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पेपर लीक से अंधकारमय हो उठे हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने कहा कि बेपटरी अर्थब्यवस्था से महँगाई चरम पर है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि जनता की उम्मीदों पर नाकारा मोदी सरकार पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है।
उन्होने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का सफाया होता देख तीन तीन नामचीन उम्मीदवारों ने खुद की प्रतिष्ठा बचाने के लिए भाजपा से घोषित उम्मीदवारी छोड़ी है।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी का बयान रविवार को मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।