संसद में भाजपा सांसद का असंसदीय एवं असोचनीय अभद्र आचरण एक काला अध्याय- प्रमोद तिवारी
संसद में भाजपा सांसद का असंसदीय एवं असोचनीय अभद्र आचरण एक काला अध्याय- प्रमोद तिवारी
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लालगंज, प्रतापगढ़; 23 सितम्बर।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने संसद के विशेष सत्र में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के बसपा सांसद दानिश अली के विरूद्ध टिप्पणी को संसद के भीतर असंसदीय तथा अमर्यादित एवं असोचनीय बताया।
उन्होने कहा कि बीजेपी सांसद ने जिस तरह से बसपा सांसद की आड में पूरे देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ शर्मनाक बयान दिया है वह भारतीय संसद के इतिहास में अब तक का सबसे काला अध्याय है।
उन्होनें भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिधूड़ी का बयान इसलिए आश्चर्यजनक नही है क्योकि नए संसद भवन में सरकार ने संविधान की जो प्रतियां बांटी उसमें से पहली बार पंथनिरपेक्ष तथा समाजवाद शब्द को स्वतः विलुप्त कर दिया।
विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद की अपनी गरिमा हुआ करती है और सभी सदस्यों को संसदीय तथा असंसदीय शब्दों की सूची इसीलिए मिला करती है कि वह संसदीय भाषा और गरिमा को लोकतंत्र के पवित्र मंदिर में हर कीमत पर संरक्षित रख सकें।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की शर्मनाक टिप्पणी से देश के सर्वधर्म सम्भाव व सामुदायिक तथा राष्ट्रीय एकता की अखण्डता एवं अक्षुणता पर भी गहरा आघात पहुंचा है। उन्होनें कहा कि एक तरफ बीजेपी सांसद शर्मनाक अल्फाज का खुली संसद में बेहिचक लज्जाजनक प्रदर्शन कर रहे थे तो दूसरी तरफ संसद की चिन्ताजनक तस्वीर यह भी दिखलायी पड़ी कि भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्रीगण रविशंकर तथा हर्षवर्धन जैसे कददावर नेता ठीक उनकी बगल की सीटों पर बसपा सांसद के अपमान पर आश्चर्यजनक ढंग से खिलखिला रहे थे।
बीजेपी के पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों का आचरण भी संसद में एक निर्वाचित सदस्य के अपमान पर गैर जिम्मेदाराना भाजपा का चाल चरित्र चेहरा बयां कर रहा है।
विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि जिस तरह से सत्तारूढ़ बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने सदन के एक सम्मानित निर्वाचित प्रतिपक्ष के सांसद के विरूद्ध अमर्यादित तथा असंसदीय बयान दिये और अभी तक इस गंभीर प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
उन्होनें कहा कि यह सत्तारूढ़ बीजेपी के एक सांसद का निदंनीय आचरण है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा को अच्छी तरह से यह समझ में आना चाहिए कि ऐसी दूषित भाषा के लिए न तो संसद में और न ही देश में कोई जगह है और न ही इस प्रकार की अमर्यादित भाषा भारत की जनता को स्वीकार्य है।
उन्होनें कहा कि संसद के पिछले सत्र में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को मात्र राजनैतिक व्यवस्था के तहत उदाहरण देने के लिए निलंबित किया गया। श्री तिवारी ने कहा कि आप सांसद संजय सिंह तथा राघव चडढा को भी सरकार की नीतियों के खिलाफ असहमति जताने मात्र पर निलंबित कर दिया जाता है लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी सांसद के अभद्र आचरण को सिर्फ नोटिस के दायरे में सीमित कर गंभीर से गंभीर अभद्र टिप्पणी से मात्र किनारा किया जा रहा है।
उन्होने संसद के अंदर बीजेपी सांसद की इस अभद्र टिप्पणी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पीएम तथा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से पूरे देश से फौरन क्षमा याचना की भी कड़ी मांग उठायी है।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद में महिला आरक्षण विधेयक में भी भाजपा की बदनीयती देश के सामने पर्दाफाश हो उठी है। उन्होनें कहा कि इस विधेयक को चुनावी जल्दबाजी में पेश करते हुए बीजेपी ने बडी ही चालाकी के साथ इसके क्रियान्वयन को फौरी तौर पर टाल दिया है।
उन्होनें कहा कि कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने जिस महिला आरक्षण विधेयक को एक स्वर से संसद में समर्थन दिया हो सरकार बताये कि उसे फौरन प्रभावी बनाए जाने में अब कौन सी अड़चन सामने आ रही है।
विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने केन्द्र से यह भी सवाल दागा कि यदि जनगणना और परिसीमन को लेकर यह कानून दस से बारह साल बाद प्रभावी होना है तो संसद का विशेष सत्र बुलाकर इसे पारित कराने की क्या आवश्यकता थी?
शनिवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी विज्ञप्ति में उन्होनें कहा कि असलियत देश समझ रहा है कि पंचायतीराज का कानून प्रभावी बनाकर कांग्रेस ने ही महिलाओं को देश में सबसे पहले निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में सशक्तीकरण की सौगात दी थी।