प्रतापगढ़ के दानवीर सियाराम जी को 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला।

आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ के विभाग प्रचारक प्रवेश जी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा प्रेषित आमंत्रण पत्र नगर के सुप्रसिद्ध समाजसेवी, दानवीर सियाराम उमरवैश्य को औपचारिक रूप से सौंपा। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज

प्रतापगढ़ के दानवीर सियाराम जी को 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

प्रतापगढ़, 9 जनवरी।

आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ के विभाग प्रचारक प्रवेश जी ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा प्रेषित आमंत्रण पत्र नगर के सुप्रसिद्ध समाजसेवी, दानवीर सियाराम उमरवैश्य को औपचारिक रूप से सौंपा। 

श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित होने के लिए श्री सियाराम जी को आज औपचारिक रूप से निमंत्रण पत्र मिला। 

उल्लेखनीय है कि श्री सियाराम जी का नाम उस समय देश भर में चर्चा में आया था जब उन्होंने एक करोड़ रूपए का दान श्री राम मंदिर निर्माण के लिए दिया था।

निमंत्रण पत्र सौंपते हुए विभाग प्रचारक प्रवेशजी ने कहा कि संपूर्ण विश्व के हिन्दुओं और श्रीराम के भक्तों के लिए 22 जनवरी ऐतिहासिक तिथि है| भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण एक नए युग का सूत्रपात है | 

विभाग प्रचारक प्रवेश जी  ने कहा कि यह अधिकृत आमंत्रण है जिसके आधार पर 22 जनवरी को सियाराम उमरवैश्य उस पवित्र क्षण के प्रत्यक्ष साक्षी होंगे जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

प्राण  प्रतिष्ठा में उपस्थित रहने का आमंत्रण प्राप्त कर सियाराम उमर वैश्य भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा कि मेरा जीवन धन्य हो गया| यह आमंत्रण प्रभु राम की असीम कृपा का प्रमाण है मुझ पर।

उन्होंने कहा कि मैंने स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि मेरे जीवन में ऐसा पुनीत अवसर प्राप्त होगा। 

इस अवसर पर नगर संघचालक राजनारायण सिंह, विभाग कार्यवाह हरीशजी, विभाग बौद्धिक शिक्षण प्रमुख डॉ. सौरभ पांडेय, जिला प्रचारक शिव प्रसाद, जिला कार्यवाह हेमंतजी, नगर प्रचारक आलोक , अशोक शर्मा, रामराज उमरवैश्य, श्याम राज उमर वैश्य आदि उपस्थित रहे।