राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कारोबारियों पर अनुचित दबाव के तहत चुनावी बाण्ड के नाम पर वसूली करने लेकर बोला हमला।

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने चुनावी बाण्ड के तहत केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के द्वारा जुटाए गए बेहिसाब करोड़ों के चंदे की गंभीरतापूर्वक जांच कराए जाने के लिए आवाज उठायी है। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कारोबारियों पर अनुचित दबाव के तहत चुनावी बाण्ड के नाम पर वसूली करने लेकर बोला हमला।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

प्रतापगढ़, 18 मार्च।

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने चुनावी बाण्ड के तहत केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के द्वारा जुटाए गए बेहिसाब करोड़ों के चंदे की गंभीरतापूर्वक जांच कराए जाने के लिए आवाज उठायी है। 

उन्होने कहा कि देश की जनता को अब यह सच जानने का पूरा अधिकार है कि भाजपा ने सत्ता और उसकी एजेन्सियो का दुरूपयोग कर कंपनियो पर मनमाना दबाव बनाते हुए इतना बडा चंदा घोटाला कैसे अंजाम दिया। 

उन्होने कहा कि भाजपा ने चंदे के नाम पर आजाद भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बडा घोटाला कर देश की चरमराई अर्थव्यवस्था को और कमजोर कर दिया है। 

सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि एक तरफ मंहगाई के चलते खाद्यान्न पदार्थ की बेतहाशा कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गयी हैं। वहीं उन्होने कहा कि मोदी सरकार मंहगाई के साथ साथ जनता को चुनावी बाण्ड के नाम पर उसकी जेब से पूंजीपति कंपनियों द्वारा लागत बढ़ाकर वसूले गये पैसे की भी लूट को लेकर बेनकाब हो उठी। 

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी सोमवार को कैम्प कार्यालय पर हुई पत्रकार वार्ता मे कहा कि चुनावी बाण्ड के जरिए भाजपा को जो करोडो का चंदा मिला है उसमे अब तक सबसे चिंताजनक तथ्य यह आया है कि इनमे से चुनिंदा ऐसी बडी कंपनियां है जो प्रवर्तन निदेशालय अथवा आयकर विभाग की जांच का सामना कर रही थी। 

राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सत्तारूढ़ दल को मिले इस बेहिसाब चंदे में अगर भाजपा जनता को सही जानकारी देने से बच रही है तो यह शताब्दी का सबसे बड़ा लोगों के मन में संदेह पैदा करने वाला घोटाला है। 

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से कम से कम देश को यह तो मालूम हो गया कि चुनावी बाण्ड के नाम पर भाजपा ने सत्ता का दुरूपयोग करते हुए खुद के लिए काले धन का हर सम्भव जतन किया है। 

उन्होने तंज कसा कि पीएम मोदी कहते थे कि वह विदेशों में जमा काले धन को ले आकर लोगों के खाते में पन्द्रह पन्द्रह लाख पहुंचाएगे? उन्होने कहा कि मोदी सरकार का यह जुमला तो जुमला ही रह गया अब चुनावी चंदे के नाम पर भाजपा ही काले धन को अनुचित दबाव डालकर इकटठा करने को लेकर पर्दाफाश के दायरे मे आ गयी है। 

उन्होने बीजेपी पर यह भी तंज कसा कि अर्थव्यवस्था पर तो उसने संसद में श्वेत पत्र लाने का खूब ड्रामा रचा। 

बकौल प्रमोद तिवारी आखिर अब वह जोर जबरदस्ती से जुटाए गए करोड़ो करोड के इस बेहिसाब चंदे पर श्वेत पत्र लाने का नैतिक साहस क्यों नहीं कर पा रही है? उन्होने कहा कि भाजपा भले ही कमरतोड मंहगाई और बेरोजगारी जैसे मुददे के साथ चंदा घोटाले से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास करे पर यह आईने की तरह साफ हो गया है कि उसमे दम नही है कि वह इसकी सच्चाई बता सके कि कितना पैसा, कहां कहां से और कब कब आया। 

वार्ता के दौरान उन्होने कहा कि अब भाजपा जब इस घोटाले का श्रोत नही बता रही है तो सुप्रीम कोर्ट इसकी जांच कराए कि किस किस दिन सरकारी एजेन्सियो ने रेड किया, कितना कितना इलेक्ट्राल बाण्ड एजेन्सियों की जांच के दौरान भाजपा ने खरीदा या किनको ठेके दिये गये और उन्होने पहले या बाद में कितना इलेक्ट्राल बाण्ड दिया। 

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने जोर देकर कहा कि सब कुछ देश की जनता के सामने हर कीमत पर सच सच लाया जाना चाहिए। 

वार्ता के दौरान प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, प्रमुख इं. अमित सिंह पंकज, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, आशीष उपाध्याय भी मौजूद रहे। इसके पहले राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी भेभौंरा गांव पहुुंचे। 

यहां उन्होने ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केडी मिश्र की धर्मपत्नी रानी मिश्रा के निधन पर परिजनों से मिलकर पारिवारिक दुख साझा किया। वहीं रामपुर खास के दौरे पर आये राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी का हरनाहर मोड, कटरा नहर, जलेशरगंज, असरही, अमावां, घुइसरनाथ धाम, रामगंज बाजार, रानीगंज कैथौला में कार्यकर्ताओं व क्षेत्रीय लोगों द्वारा गर्मजोशी के साथ स्वागत भी हुआ दिखा। 

राज्यसभा सांसद के दौरे मे सांगीपुर प्रमुख अशोक सिंह बबलू, पूर्व गृह सचिव रमेशचंद्र मिश्र, पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र सिंह ददन, विशालमूर्ति मिश्र, डॉ. शिवमूर्ति शास्त्री, दारा सिंह, सोनू शुक्ल, संजय सिंह, आशीष जायसवाल, पप्पू तिवारी, सत्येन्द्र सिंह, भुवनेश्वर शुक्ल, रामचंद्र तिवारी, भइयाराम तिवारी, सुधाकर पाण्डेय, डॉ. अमिताभ शुक्ल, प्रीतेन्द्र ओझा, मुरलीधर तिवारी, हरिश्चंद्र अग्रहरि, प्रभात ओझा, दृगपाल यादव, महन्थ द्विवेदी, दयाराम वर्मा, बेलाल रहमानी आदि रहे।