प्रबुद्ध जनसमागम एवं उन्मत्त काव्य गोष्ठी में जुटे दिग्गज साहित्यकार।
प्रबुद्ध जनसमागम एवं उन्मत्त काव्य गोष्ठी में जुटे दिग्गज साहित्यकार।
ग्लोबल भारत न्यूज
प्रतापगढ़, 13 जुलाई।
अवधी सम्राट के नाम से विख्यात स्व० आद्याप्रसाद मिश्र 'उन्मत्त' जी की 89वीं जयंती के अवसर पर प्रतापगढ़ स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में प्रचंड एसोसिएट्स कार्यालय पर प्रबुद्ध जन समागम एवं उन्मत्त काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर दिग्गज साहित्यकारों एवं समाजसेवियों ने पहुंच कर स्व० उन्मत्त जी को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में आए हुए समस्त अतिथियों ने कार्यक्रम के पूर्व स्व० उन्मत्त जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए उनको श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया ।
कार्यक्रम की शुरूआत उभरती कवयित्री कल्पना तिवारी के द्वारा सरस्वती वंदना के मधुर वाचन से हुई।
कार्यक्रम में *मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रख्यात साहित्यकार जनकवि प्रकाश ने स्व० उन्मत्त जी को अवधी साहित्य का सिरमौर बताते हुए कहा कि उनकी रचनाएं समाज के हर हिस्से की बात कहती थीं।
उन्होंने कहा कि उन्मत्त जी असंख्य कवियों और रचनाकारों के लिए गुरुकुल समान थे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार और मैनेजमेंट गुरु डा० शक्तिकुमार पांडेय ने उन्मत्त जी के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्मत्त जी ने सदा सादा जीवन उच्च विचार की कहावत को अपने कर्मों से परिभाषित किया। उन्होंने बताया कि उन्मत्त जी के भीतर अहंकार का लेश मात्र भी स्थान ना था ।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित एमडीपीजी कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा० पियूष कांत शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में उन्मत्त जी की रचनाएं प्रासंगिक हैं और उन्मत्त जी के विचारों को उनके साहित्य को अध्ययन का अंग बनाते हुए उन्मत्त जी के नाम पर उनके जन्मस्थान प्रतापगढ़ में एक विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रयास सभी को मिलकर करने चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडेय "रामानुज दास" ने स्व० उन्मत्त जी के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि न्यायाधीश होते हुए भी वे अधिकांश साइकिल से ही चलते थे ।
उन्होंने उनकी रचनाओं पाती तथा माटी और महतारी की विशेषताओं पर चर्चा की । उन्होंने कहा कि उनकी रचनाओं में समाज की बातें बड़े ही सरल एवं स्पष्ट रूप में होती थी।
इस मौके पर साहित्यकार श्री सुरेश संभव ने उन्मत्त जी की कुछ पंक्तियां पढ़कर उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया । वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ कवि श्री सुरेश नारायण दुबे व्योम जी ने बताया की जीवन भर श्री उन्मत्त जी ने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया । इस अवसर पर उन्होंने अपनी पंक्तियों के माध्यम से उन्मत्त जी को याद किया ।
वरिष्ठ साहित्यकार श्री राजेंद्र सिंह 'राज' जी ने कहा कि उन्मत्त जैसे व्यक्तित्व युगों में एक बार जन्म लेते हैं और हम प्रतापगढ़ वाले धन्य हैं कि ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व का जन्म हमारे इस जनपद की माटी में हुआ ।
साहित्यकार हरि बहादुर हर्ष, गजेंद्र सिंह विकट , राजेश प्रतापगढ़ी, तनु मिश्र, मनु मिश्र ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर वातावरण में ओज भर दिया ।
कार्यक्रम की *अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि पंडित राम सेवक त्रिपाठी ने कहा कि उन्मत्त जी प्रतापगढ़ सहित अनेक जनपद के कवियों के आदर्श एवं गुरु भी थे । उन्होंने कहा कि जब तक उन्मत्त जी जीवित थे उन्होंने अपने शिष्यों तथा युवा कवियों के लिए सदा एक अभिभावक की भूमिका निभाई।
नारी शक्ति के रूप में उपस्थित भाजपा नेत्री रुचि केसरवानी ने कहा कि उन्मत्त जी के जीवन वृत्त से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रतापगढ़ जनपद के मनरेगा लोकपाल डा० समाज शेखर ने कहा कि अवधी साहित्य को उन्मत्त जी ने जो आयाम दिया वो अतुलनीय है।
अन्य वक्ताओं में जनता इंटर कालेज के प्रबंधक इंदुभाल त्रिपाठी, से०नि ० रेलवे अधिकारी एमपी त्रिपाठी, राजेश शुक्ल फौजी, ठाकुर अशोक सिंह, अम्मा साहेब ट्रस्ट के आनंद मोहन ओझा एवं कवि पंछी* जी रहे।
इस अवसर पर स्व० उन्मत्त जी के ज्येष्ठ पुत्र एडवोकेट आनंद प्रचंड ने कहा कि पिताजी ने कभी भी अपने जीवन में स्वाभिमान और सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया। उनकी शिक्षाएं, उनके सिद्धांत एवं उनके आदर्श उनकी रचनाओं के रूप में हम सबको सदैव प्रेरित करते रहेंगे।
स्व० उन्मत्त जी के नातिनों ने ओजस्वी काव्य पाठ करते हुए लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के आयोजक स्व० उन्मत्त जी के पोते एडवोकेट गौरव प्रचंड ने आए हुए समस्त अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में आए हुए प्रमुख अतिथियों को आयोजन समिति ने अंगवस्त्रम (शॉल) और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का संयोजन 'जांबाज हिंदुस्तानी समिति' के अध्यक्ष आलोक आजाद ने किया तथा व्यवस्था का जिम्मा अनुराग मिश्र प्रधान जी ने उठाया I
कार्यक्रम का संचालन जांबाज हिंदुस्तानी के उपाध्यक्ष आलोक तिवारी ने किया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से एड० अमन प्रचंड, एड० अनुभव पांडेय, एड० हिमांशु सिंह, युवा समाजसेवी रोहित मिश्र, प्रवीण ओझा, अभिषेक सिंह, एड० विनोद उपाध्याय, एड० उमेश सिंह, आदर्श मिश्र, अनमोल मिश्र, धीरज उपाध्याय, श्याम दास महाराज, पत्रकार डीके शर्मा, धीरज मिश्र, सुरेंद्र सिंह, मुन्ना पांडेय, आदर्श मिश्र, गांधी एवं अनमोल मिश्र सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।