गैंगरेप के चार आरोपियों को अंतिम सांस तक कारावास की सजा

पीड़िता घर से बाजार को गई थी जहां से वह अपने मामा के घर चली गई और मामा के घर से वापस घर जाते समय देल्हूपुर थाना इलाके के गजेहड़ा जंगल के पास पहुँचने पर प्रयागराज अयोध्या हाइवे से हैवानों ने जबरिया जंगल में घसीट कर ले गए और बारी-बारी से तीन अभियुक्तों शिवम सरोज, मो. तफ़सीर व मो. रफ़ीक ने दुष्कर्म किया, इस दौरान इनका साथी मुन्नू लगातार निगरानी करता रहा।
 
Pratapgarh news
रिपोर्ट- गौरव तिवारी संवाददाता

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 14 मार्च:- यूपी के जनपद प्रतापगढ़ में गैंगरेप के चार आरोपियों को अंतिम सांस तक कारावास व तीन लाख पंचानवे हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई गई, अगवा कर देल्हूपुर थाना इलाके के गजेहड़ा जंगल में किया गया था सामुहिक बलात्कार। तमाम गवाहों व सबूतों के आधार पर लोक अभियोजक देवेंद्र त्रिपाठी की पैरवी पर अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो पंकज श्रीवास्तव ने सुनाई सजा।

पूरा मामला- बता दें कि साल 2022 की 23 अक्टूबर को उस समय वारदात को अंजाम दिया जब नाबालिग पीड़िता घर से बाजार को गई थी जहां से वह अपने मामा के घर चली गई और मामा के घर से वापस घर जाते समय देल्हूपुर थाना इलाके के गजेहड़ा जंगल के पास पहुँचने पर प्रयागराज अयोध्या हाइवे से हैवानों ने जबरिया जंगल में घसीट कर ले गए और बारी-बारी से तीन अभियुक्तों शिवम सरोज, मो. तफ़सीर व मो. रफ़ीक ने दुष्कर्म किया, इस दौरान इनका साथी मुन्नू लगातार निगरानी करता रहा। इस दौरान नाबालिग पीड़िता बेहोश हो गई तो उसका चांदी का पायल व चार सौ रुपये लेकर फरार हो गए। दर्द से तड़पती पीड़िता को जब कुछ होश आया तो किसी तरह हाइवे पर पहुँची जिसे देखकर किसी ने पुलिस को सूचना दी तो सक्रिय हुई पुलिस ने उसे बेहोशी की हालत में मेडिकल कालेज में भर्ती कराया।

इस बात की जानकारी पुलिस ने पीड़िता के परिजनों को दी तो परिजन मेडिकल कालेज पहुच गए, और घटना की बाबत पुलिस को दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने आइपीसी की धारा 363/34, 366/34, 3392/34, 412, 109, 376D तथा 5G/6 पॉक्सो में मुकदमा दर्ज कर ताबड़तोड़ दबिश के बाद सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और घटना की तफ्तीश में जुट गई। तफ्तीश पूरी कर ग्यारह नवम्बर बाइस को अदालत में दाखिल कर दिया, अदालत में इक्कीस नवम्बर को चार्ज बना तो दो दिन बाद चौबीस तारीख को पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया और शुरू हो गया गवाहों और सबूतों को पेश करने का दौर, इस मामले को लेकर अदालत इस कदर गम्भीर थी कि प्राथमिकता के आधार महज साढ़े तीन माह में ही ताबड़तोड़ तारीखे पड़ने लगी इस दौर अभियोजन की तरफ से छः गवाहों और सबूतों को पेश किया गया तो वहीं बचाव पक्ष महज एक ही गवाह पेश कर सका। तमाम गवाहों व सबूतों के आधार पर न्यायालय ने आज चारों अभियुक्तों को अंतिम सांस तक कि सजा सुनाई है साथ ही 3लाख 95हजार रुपये के अर्थदंड से भी दण्डित किया है यह रकम पीड़िता के मानसिक व चिकित्सीय पुनर्वास हेतु पीड़िता को प्रदान किया जाएगा।