विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति प्रतापगढ़ के जिला संयोजक हेमंत नंदन ओझा हाउस अरेस्ट किए गए।

हेमंत नंदन ओझा ने कहा कि कि यह आंदोलन किसी नेता का मोहताज नहीं रह गया है और हर कर्मचारी स्वयं आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। जब तक राज्य नेतृत्व का इशारा नहीं होगा आंदोलन चलता रहेगा।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति प्रतापगढ़ के जिला संयोजक हेमंत नंदन ओझा हाउस अरेस्ट।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क।

लखनऊ, 19 मार्च।

हेमंत नंदन ओझा ने कहा कि कि यह आंदोलन किसी नेता का मोहताज नहीं रह गया है और हर कर्मचारी स्वयं आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। जब तक राज्य नेतृत्व का इशारा नहीं होगा आंदोलन चलता रहेगा।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आवाहन पर जनपद में कर्मचारी लगातार हड़ताल पर हैं। जनपद के कई स्थानों पर अनेक कर्मचारियों को प्रशासन के द्वारा अपने कब्जे में लेकर बल प्रयोग के साथ उनसे कार्य कराने का प्रयास किया जा रहा है, फिर भी हड़ताल शत प्रतिशत सफल है।

कल शाम को अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, नगर कोतवाल सहित पूरा अमला  पहुंच गया। लेकिन कर्मचारी और अधिक  मजबूत हौसले के साथ जमे रहे। बड़ी संख्या में जनपद भर के कर्मचारी चिलबिला के अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर पूरी रात जमे रहे।

उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक हेमंत नंदन ओझा को उनके आवास पर ही पुलिस प्रशासन द्वारा लिखित नोटिस देते हुए रोक दिया गया और आवास पर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए ताकि बाहर निकल कर कहीं नहीं जा सके। 

ओझा ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने जिन मांगों को न्यायोचित कहते हुए 3 दिसंबर 2022 को समझौता किया है उसे तत्काल प्रभाव से लागू करने की कार्यवाही करना चाहिए। सभी कर्मचारियों के विरुद्ध किसी भी तरह की की गई कार्यवाही को वापस लेना चाहिए ताकि 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में न परिवर्तित हो। यदि ऐसा होता है तो इसका उत्तरदायित्व शासन का और प्रबंधन का होगा। 

उल्लेखनीय है कि रविवार सुबह से ही सभास्थल पर पिछले दिनों से अधिक संख्या में कर्मचारी पूरे उत्साह के साथ जमे हुए हैं।