'जांबाज हिंदुस्तानी सेवा समिति' ने मनाई स्वामी करपात्री जी की 116वीं जयंती।

इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल प्रतापगढ़ की सदर तहसील स्थित खजुरनी ग्राम के संगम घाट पर धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी की प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन भी किया गया।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

जांबाज हिंदुस्तानी सेवा समिति ने मनाई स्वामी करपात्री जी की 116वीं जयंती।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

प्रतापगढ़, 11 अगस्त।

इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल प्रतापगढ़ की सदर तहसील स्थित खजुरनी ग्राम के संगम घाट पर धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी की प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन भी किया गया।

उल्लेखनीय है कि प्रतापगढ़ की माटी में जन्में और संपूर्ण विश्व में सनातनी मूल्यों को आगे बढ़ाने वाले और गौ रक्षा को राष्ट्रीय आंदोलन बनाने वाले धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज का जन्म प्रतापगढ़ में हुआ था।

उनकी 116वीं जयंती के अवसर पर सदर स्थित ग्राम खजुरनी के संगम घाट पर जांबाज हिंदुस्तानी सेवा समिति द्वारा उनकी भव्य प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी *करपात्री जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित करके की गई।

इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में बोलते हुए जांबाज हिंदुस्तानी सेवा समिति के अध्यक्ष आलोक आजाद ने कहा कि स्वामी करपात्री जी महाराज ने धर्मरक्षा के लिए जो बलिदान दिया उसे भुलाया नहीं जा सकता। इनसे हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। 

उन्होंने करपात्री जी महाराज में विशेष श्रद्धा होने के कारण को स्पष्ट करते हुए कहा कि धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज हमारे जनपद प्रतापगढ़ की ही माटी के लाल थे । ऐसे महान पुरूष की जयंती समारोह में शामिल होना हर प्रतापगढ़ वासी का सौभाग्य है।

जांबाज अखाड़ा परिषद के महामंडलेश्वर श्री श्यामदास जी महाराज ने कहा कि भारत विभूतियों का देश है। स्वामी करपात्री जी महाराज महान विभूति थे। जब धर्म का नाश होने लगता है तब भगवान स्वयं अवतार लेते हैं। स्वामी करपात्री निस्संदेह उनमें से एक ही  हैं। 

गोरक्षा का विषय राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक विषय है। ऐसे बहुत विषयों पर स्वामी जी ने पहल की। आज करपात्री जी के विचारों को आचरण में लेने की जरूरत है। 

जांबाज अखाड़ा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश शुक्ल (फौजी बाबा ) ने कहा कि स्वामीजी अवतार पुरुष थे। इनकी दृष्टि में सम्पूर्ण विश्व का कल्याण था। आज समय है कि स्वामी करपात्री जी के विचारों को जन जन तक पहुंचाया जाए। 

युवा समाजसेवी पंकज उपाध्याय ने कहा कि स्वामी करपात्री जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन आयोजन में उपस्थित होना ही स्वयं में गौवन्वित होने का विषय है।

वरिष्ठ समाजसेवी श्री मनीष सिंह ने कहा जिस उद्देश्य से स्वामी करपात्री जी ने समाज का निर्माण किया, उसके लिए हमें सतत सजग रहना होगा। देश ऋषि परंपरा का देश है। भारत में जिसने त्याग किया, यहां का समाज उसी को पूजता है। 

क्षेत्रीय प्रबुद्ध एवं वरिष्ठ समाजसेवी श्री भाऊ महाराज ने कहा कि सभी क्रांतियों का उद्देश्य यही है कि जन का कल्याण हो। समाज में असमानता को कम करने के प्रयास होते रहने चाहिए। करपात्री जी ने समाज को सही दिशा दी। संचालन कर रहे।

दीपू सिंह ने कहा कि धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज एक सनातन धर्म परंपरा के वाहक व धर्मनिरपेक्ष थे। 

समाज सेवी श्री शिव तिवारी जी ने कहा कि स्वामी करपात्री जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन कर 'जांबाज हिंदुस्तानी सेवा समिति' ने गुरु के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाया है।

कवयित्री कल्पना तिवारी ने अपने काव्य के माध्यम से स्वामी करपात्री जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

भूमि पूजन एवं गोष्ठी में प्रमुख रूप से अमित तिवारी, नवीन कुमार, राहुल सिंह, लाल जी मिश्र सहित अनेकों जांबाज हिंदुस्तानी टीम के कार्यकर्ता सहित अनेकों क्षेत्रियजन उपस्थित रहे।