'जाणता राजा' हमारे गौरवशाली और स्वाभिमानी अतीत का जीवंत प्रकटीकरण है- अनिल ओक

प्रतापगढ़ में आयोजित एक संगोष्ठी में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक बोल रहे थे। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज उपस्थित रहे।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

'जाणता राजा' हमारे गौरवशाली और स्वाभिमानी अतीत का जीवंत प्रकटीकरण है- अनिल ओक

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

प्रतापगढ़, 15 अक्टूबर।

प्रतापगढ़ में आयोजित एक संगोष्ठी में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक बोल रहे थे। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज उपस्थित रहे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में सह प्रांत कार्यवाह, काशी प्रांत डॉक्टर राज बिहारी लाल श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे| 

सेवा भारती द्वारा काशी में 21 से 26 नवंबर तक छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध महानाट्य जाणता राजा की तैयारी के क्रम में आज प्रतापगढ़ के तुलसी सदन में संगोष्ठी का आयोजन किया गया| 

इसमें मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक,अति विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज और विशिष्ट अतिथि सह प्रांत कार्यवाह, काशी प्रांत डॉक्टर राज बिहारी लाल श्रीवास्तव जी उपस्थित रहे| 

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अनिल ओक ने कहा कि जाणता राजा का मंचन केवल एक नाटक का मंचन नहीं है, यह हमारे गौरवशाली और स्वाभिमानी अतीत का जीवंत प्रकटीकरण है| 

छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी योग्यता, क्षमता और साहस के बल पर मुगल आक्रांताओं को परास्त करके 350 वर्ष पूर्व हिन्दवी स्वराज की स्थापना की |

शिवाजी एक वीर  योद्धा थे| वह सदैव विजय के लड़ते रहे और हिंदू स्वाभिमान को जागृत करने का कार्य करते रहे| उन्होंने कभी डरना और थकना नहीं सीखा| सतत चलते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त किया और अंत में आज के 350 वर्ष पूर्व काशी के प्रसिद्ध विद्वान पंडित गागा भट्ट की उपस्थिति में उनका दिव्य,भव्य हिंदू समाज के स्वाभिमान को जागृत करने वाला राज्याभिषेक संपन्न हुआ| 

छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने राज्य में सभी के लिए समान न्याय और सभी के लिए समान सम्मान की व्यवस्था की थी| भ्रष्टाचार मुक्त शासन और जनता के लिए सुलभ राजा शासन का प्रमुख अंग था| राजा प्रजा के प्रति समर्पित हो, ऐसा उनके शासनकाल में परिलक्षित हुआ |उनके शासनकाल में नारी को विशेष सम्मान प्राप्त था |

माता जीजाबाई के विशेष मार्गदर्शन और समर्थ गुरु रामदास की शिक्षा दीक्षा ने शिवाजी को सशक्त योद्धा के रूप में विकसित किया |इस अवसर पर प्रख्यात कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के विविध प्रसंगों का उल्लेख किया| 

उन्होंने कहा आज आवश्यकता छत्रपति शिवाजी जैसा साहस जागृत करने की है| हम सभी का कार्य हिंदू समाज को सशक्त और समृद्ध करना है | हिंदू संगठित हो और राष्ट्र विरोधी शक्तियों को परास्त करने में सदैव सक्षम हो,यह छत्रपति शिवाजी के जीवन से सीखा जा सकता है| 

उन्होंने नाट्य मंचन के विविध आयामों पर चर्चा करते हुए कहा की प्रतापगढ़ के निवासियों के लिए 24 नवंबर की तिथि सुनिश्चित की गई है |इसी दिन प्रतापगढ़ जनपद के निवासी नाट्यमंचन देखने के लिए जाएंगे| 8000 से अधिक लोग एक साथ काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एम्फीथिएटर मैदान में छत्रपति शिवाजी की गौरव गाथा का साक्षात नाट्यमंचन के माध्यम से अनुभव करेंगे|  

कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों द्वारा भारत माता और छत्रपति शिवाजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया |कार्यक्रम में माननीय सांसद प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्त और विधायक सदर राजेंद्र मौर्य द्वारा अनिल ओक और पूज्य शांतनु जी महाराज को अंगवस्त्र और छत्रपति शिवाजी महाराज का चित्र प्रदान करके सम्मानित किया गया| 

कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख और आयोजन समिति के सचिव डॉक्टर सौरभ पांडेय ने किया| इस अवसर पर विभाग प्रचारक प्रवेश, रमेश चंद्र त्रिपाठी, चिंतामणि द्विवेदी, सांसद संगम लाल गुप्त, विधायक राजेंद्र मौर्य, शिवप्रसाद, हरीश हरिओम मिश्रा, आशीष श्रीवास्तव, शिव प्रकाश प्रकाश मिश्रा सेनानी, शिव शंकर सिंह, कृष्णकांत मिश्रा, डॉ रंगनाथ शुक्ला, अनुराग मिश्रा, गोविंद खंडेलवाल शिशिर खरे, डॉ शिवानी मातनहेलिया, सुनील दुबे, गिरजा शंकर मिश्रा, नितेश खंडेलवाल, अमित देव, आलोक गर्ग, ओम प्रकाश पांडे गुड्डू, डॉक्टर बृजभान सिंह, डॉक्टर पीयूष कांत शर्मा, कार्तिकेय द्विवेदी, हेमंत, सर्वोत्तम, रमेश पटेल, दिनेश अग्रहरि आदि उपस्थित रहे|