स्व.प्रकाश नारायण सरोज को शहीद का दर्ज न दिया जाना शहादत का अपमान - डॉ. नीरज त्रिपाठी

कांग्रेस सदर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी डॉ.नीरज त्रिपाठी ने अपनी टीम के साथ भंगवा गांव पहुंचकर नम आंखो से फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

स्व.प्रकाश नारायण सरोज को शहीद का दर्ज न दिया जाना शहादत का अपमान - डॉ. नीरज त्रिपाठी

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

प्रतापगढ़, 15 मार्च।

कांग्रेस सदर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी डॉ.नीरज त्रिपाठी ने अपनी टीम के साथ भंगवा गांव पहुंचकर नम आंखो से फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित किया।

भंगवा गांव के रहने वाले छत्तीसगढ़ के सुकमा घाटी पर तैनात ए.एस.आई स्व.प्रकाश नारायण सरोज जी का दिनांक-09/03/2024 को ऑन ड्यूटी असेम्बली के समय पीटी करते हुए हार्ट अटैक आने से निधन हो गया।

उनका पार्थिव शरीर कल सीआरपीएफ के जवानों द्वारा ससम्मान प्रतापगढ़ लाया गया।

भारी भीड़ के बीच "प्रकाश नारायण अमर रहें", "जबतक सूरज चांद रहेगा, प्रकाश नारायण का नाम रहेगा"गगनभेदी नारों के बीच आज सीआरपीएफ के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया‌

उसके उपरान्त नम आंखों से उनका अंतिम संस्कार भंगवा गांव में किया गया।

कांग्रेस सदर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी डॉ.नीरज त्रिपाठी ने कहा कि सीआरपीएफ के ए.एस.आई के पद पर तैनात स्व.प्रकाश नारायण सरोज जी को ऑन ड्यूटी हार्ट अटैक से मरणोपरांत शहीद का दर्जा न दिया जाना शहादत का अपमान है, और केन्द्र एवम राज्य सरकार पर सवालिया निशान है।

डॉ.त्रिपाठी ने तीखे सवाल करते हुए स्थानीय सांसद एवं विधायक से सवाल किया कि स्व.प्रकाश नारायण सरोज जी को शहीद का दर्जा क्यों नहीं दिया गया?

उन्होंने पूछा कि क्या उनकी शहादत का कोई मोल नहीं है,जबकि राज्य एवम केन्द्र में आपकी सरकार है l 

क्या प्रभारी मंत्री को स्व.प्रकाश नारायण जी के घर नहीं जाना चाहिए था और मैं पूछना चाहता हूं कि सांसद और विधायक का एक शहीद परिवार के लिए क्या कर्त्तव्य है?