राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज राम नगर(अठगवा) के कालातीत प्रबंध समिति के खिलाफ बड़ी कार्यवाही

जिला विद्यालय निरीक्षक ने वित्त एवं लेखाधिकारी को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्ति,होगा एकल संचालन
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क
प्रतापगढ़ । पिछले लगभग 27 माह से अधिक समय से अवैधानिक रूप से संचालित कालातीत प्रबंध समिति के खिलाफ विभाग ने बड़ी कार्यवाही की है । जिला विद्यालय निरीक्षक ने कालातीत प्रबंध समिति के तथाकथित प्रबंधक के खिलाफ कार्यवाही करते हुए, एकल संचालन कर दिया और वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त कर दिया है । अब लेखाधिकारी के एकल हस्ताक्षर से विद्यालय के वेतन वितरण का खाता संचालित किया जाएगा । विद्यालय प्रबंध समिति के आजीवन सदस्यों ने कालातीत प्रबंध समिति को लेकर डीआईओएस सहित अन्य विभागीय उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी । जिस पर विभाग ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए पूरे प्रकरण की जाँच करायी । जाँच के बाद शिकायत सही पाए जाने पर एकल संचालन की बड़ी कार्यवाही, तथाकथित प्रबंधक के खिलाफ की गई ।

बताते हैं कि सोसाइटी राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज रामनगर (अठगवां) प्रतापगढ़ एक रजिस्टर्ड संस्था है । जिसके अंतर्गत राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज रामनगर (अठगवां) विद्यालय संचालित है । यह विद्यालय राज्य सरकार द्वारा अनुदानित एक अशासकीय माध्यमिक विद्यालय है । जिसकी स्थापना वर्ष 1952 में तत्कालीन सरपंच पं. श्रीहर्ष पाण्डेय ने किया था । जिसमें कार्यरत सभी शिक्षकों, कर्मचारियों के वेतन का भुगतान राजकोष से किया जाता है ।

संस्था की पंजीकृत नियमावली के अनुसार साधारण सभा, प्रबंध समिति का चुनाव करेगी । प्रबन्ध समिति का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा । नियमावली के अनुसार प्रत्येक 3 वर्ष पर सोसाइटी व विद्यालय प्रबंध समिति का चुनाव साधारण सभा के सदस्यों द्वारा होता  है । विद्यालय प्रबंध समिति का पिछला चुनाव 25 मई 2018 को डीआईओएस द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक की देखरेख में हुआ था । नियमावली के मुताबिक 25 मई 2021 को प्रबंध समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया था । फिर भी अस्तित्व विहीन कालातीत प्रबंध समिति के तथाकथित प्रबंधक पिछले 2 वर्ष से भी अधिक समय से, अवैधानिक व विधि विरुद्ध पदासीन रहकर वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे थे ।

सोसाइटी राजर्षि टण्डन इंटर कॉलेज रामनगर (अठगवां) की साधारण सभा के आजीवन सदस्य डॉ. अनूप कुमार पाण्डेय, राम सहाय यादव, नागेश्वर प्रसाद शुक्ल व कृपा शंकर पाण्डेय ने इस मामले की शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक समेत अन्य विभागीय उच्चाधिकारियों से की थी । जिस पर डीआईओएस ने जाँच प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए प्रबंधक को नोटिस जारी कर दी । लेकिन प्रबंधक हाजिर नहीं हुए । 3 बार नोटिस देने के बाद भी तथाकथित प्रबंधक गैरहाजिर ही रहे । लेकिन एक पत्र भेजकर उन्होंने ख़ुद को बीमार बताया और डॉक्टरी सलाह पर 10 दिन के लिए बेड रेस्ट पर होने का हवाला देते हुए, 15 दिन की मोहलत मांगी । उनकी मांग पर डीआईओएस ने उन्हें 15 दिन की मोहलत देते हुए तीसरी नोटिस 19 अगस्त को जारी की, और 2 सितम्बर के भीतर पक्ष रखने के लिए निर्देशित किया ।

अन्तिम समय में 2 सितम्बर को तथाकथित प्रबंधक ने अपनी आख्या में आधारहीन तथ्यों को रखा, और बचने का भरसक प्रयास किया । लेकिन उसे अमान्य कर दिया गया । डीआईओएस ने यह माना कि 25 मई 2021 को प्रबंध समिति का कार्यकाल पूरा हो चुका है । उसके बाद विद्यालय प्रशासन योजना में निहित प्राविधान के अनुसार प्रबंध समिति का चुनाव नहीं हुआ । फलस्वरूप वर्तमान में प्रबंध समिति कालातीत है । जिस पर कालातीत प्रबंध समिति के खिलाफ वेतन वितरण अधिनियम के तहत एकल संचालन की कार्यवाही डीआईओएस ने कर दी । इस कार्यवाही से शिकायतकर्ताओं ने न्याय के प्रति आस्था जताते हुए खुशी जाहिर की है और कहा कि सत्य भले परेशान हो, लेकिन पराजित नहीं हो सकता । उन्हें न्याय पर पूरा भरोसा था ।