'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पर मोदी सरकार की नीति और नीयत दोनों साफ नहीं: आराधना मिश्रा 'मोना'।

कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता ने मोदी सरकार से 'नारी शक्ति वंदन विधेयक' फौरन लागू करने का आग्रह किया और सवाल किया कि जब कांग्रेस का समर्थन है और भाजपा बहुमत में है तो इस विधेयक को लागू करने में दुविधा क्यों?
 
ग्लोबल भारत न्यूज

नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर मोदी सरकार की नीति और नीयत दोनों साफ नहीं: आराधना मिश्रा 'मोना'।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लालगंज, प्रतापगढ़, 20 सितम्बर।

कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता ने मोदी सरकार से 'नारी शक्ति वंदन विधेयक' फौरन लागू करने का आग्रह किया और सवाल किया कि जब कांग्रेस का समर्थन है और भाजपा बहुमत में है तो इस विधेयक को लागू करने में दुविधा क्यों?

प्रदेश कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता एवं रामपुर खास की विधायक आराधना मिश्रा मोना ने मोदी सरकार द्वारा संसद में लाए गए नारी शक्ति वंदन अधिनियम को केन्द्र सरकार का जुमला करार दिया है। 

उन्होनें कहा कि यदि मोदी सरकार की महिला आरक्षण के इस कानून को लेकर नीति और नीयत साफ थी तो इसे 2024 के होने वाले लोकसभा चुनाव में ही लागू होना चाहिए था। 

सीएलपी नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस विधेयक में यह कहा है कि कानून अधिसूचित होने तथा परिसीमन के बाद ही आरक्षण लागू किया जाएगा। 

उन्होने सवाल उठाया कि जब अभी 2021 की जनगणना पूरी नही हुई है और इसके 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है तब यह साफ है कि यह आरक्षण विधेयक वर्ष 2029 के लोकसभा चुनाव में ही लागू हो पाएगा। 

उन्होनें कहा कि परिसीमन और अधिसूचना के बाद ही अगर महिलाओं के लिए तैतीस प्रतिशत सीट आरक्षित होगी तो इसका अर्थ हुआ कि पूरी तरह से इस विधेयक को भविष्य के अंधकार में ढकेल दिया जा रहा है।

कांग्रेस नेत्री आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि भाजपा का लोकसभा में पूर्ण बहुमत है और राज्यसभा में भी उसका एवं उसके सहयोगियों का बहुमत है। इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी विधेयक का मजबूती से समर्थन कर रही है। तो फिर इस विधेयक को मात्र राजनीतिक स्टंट क्यूं बनाया जा रहा है। 

उन्होने कहा कि इससे यह साफ जाहिर है कि यह देश की पचास प्रतिशत आबादी के साथ धोखा और छलावा है। 

कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता मोना ने वर्ष 2010 में सोनिया गांधी की पहल पर यूपीए सरकार द्वारा महिला आरक्षण विधेयक लाए जाने और राज्यसभा में इसके पास होने को कांग्रेस का बड़ा दूरदर्शी कदम बताया।

उन्होनें कहा कि महिला आरक्षण विधेयक इसलिए आवश्यक है ताकि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का सशक्त प्रतिनिधित्व और उनकी आवाज संसद भवन और विधानसभा में भी मजबूती से पहुंच सके। 

उन्होने कहा कि यदि विधेयक फौरन प्रभावी होता तो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में बनने वाले कानून पर महिलाओं से जुडी सुरक्षा तथा सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित हो जाती। 

सीएलपी नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि जिस तरह दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने त्रिस्तरीय पंचायती राज में महिलाओं को तैतीस प्रतिशत आरक्षण देकर उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया उसी का सुखद नतीजा है कि आज लाखों महिलाएं पंचायतीराज आरक्षण के कारण ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख एवं जिला पंचायत में सशक्त प्रतिनिधित्व कर रही है। 

आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट मत रहा है कि उसने तैंतीस प्रतिशत महिलाओं का आरक्षण पंचायतीराज में सुनिश्चित किया था और यह आरक्षण विधेयक भी कांग्रेस पहले ही संसद में ला चुकी थी। उन्होने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन कर रही है। 

सीएलपी नेता आराधना मिश्रा ने भाजपा से सवाल किया कि जब कांग्रेस पार्टी इस विधेयक को लायी थी तो भाजपा ने इस विधेयक का क्यों विरोध किया था। उन्होने कहा कि आज जब भाजपा स्वयं इस विधेयक को लायी है तो वह बताये कि उसे अनिश्चितता की ओर क्यूं ढकेल रही है। 

उन्होने कहा कि बेहतर होता कि यह विधेयक तत्काल लागू किया जाता जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव तथा जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं वहां भी इसका लाभ मातृशक्ति को मिलता। 

उन्होनें नारी शक्ति वंदन विधेयक को पारदर्शिता के साथ फौरन लागू किये जाने पर जोर दिया है। 

कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' का यह बयान बुधवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत किया गया है।