पारस्परिक प्रेम सम्बन्ध ही भारतीय संयुक्त परिवार का आधार: रघुवीर प्रसाद उपाध्याय

पारस्परिक प्रेम सम्बन्ध ही भारतीय संयुक्त परिवार का आधार: रघुवीर प्रसाद उपाध्याय
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
प्रतापगढ़, 31 अक्टूबर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित सम्मेलन में कुटुम्ब प्रबोधन के विभाग प्रमुख श्री रघुवीर प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि जब परिवार सशक्त होगा तो समाज सशक्त होगा और जब समाज मजबूत बनेगा तो राष्ट्र भी मजबूत होगा।
शहीद उद्यान स्थित 'उत्सव भवन' में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ नगर की दयानंद शाखा द्वारा आयोजित कुटुंब प्रबोधन गतिविधि के अंतर्गत परिवार सम्मेलन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर अरुण जी ने किया। इस अवसर पर प्रतापगढ़ विभाग के कुटुंब प्रबोधन गतिविधि के विभाग कुटुंब प्रबोधन प्रमुख श्री रघुवीर उपाध्याय जी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन जिला कुटुंब प्रबोधन प्रमुख श्री गिरजा शंकर ने किया।
इस अवसर पर सर्वप्रथम उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में विभाग कुटुंब प्रमुख श्री रघुवीर उपाध्याय जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत सदैव से सभी जनमानस को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करता रहा है।
भारत में संयुक्त परिवार की परंपरा चिरकाल से निरंतर चली आ रही है। किंतु आज के समय में संयुक्त परिवार टूट रहे हैं। परिवार की संकल्पना कमजोर होती जा रही है, जिससे सामाजिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हर परिवार के अंदर आपस में प्रेम और संबंधों की प्रगाढ़ अनुभूति होनी चाहिए जब परिवार सशक्त होगा तो निश्चित रूप से समाज सशक्त होगा और जब समाज मजबूत बनेगा तो हमारा राष्ट्र भी मजबूत होगा।
द्वितीय सत्र में वक्ता के रूप में कार्यक्रम के संयोजक डॉ आर पी सिंह, कुटुंब प्रबोधन की प्रांतीय टोली के सदस्य नरेंद्र सिंह एवं प्रांतीय समरसता टोली के सदस्य प्रभाशंकर पांडेय रहे।
डॉ आर पी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आज हिंदुस्तान में भरत जैसे भाई की आवश्यकता है तथा राम जैसे बड़े भाई की आवश्यकता है, इससे समाज को सीख लेनी चाहिए तथा इसका अनुसरण कर अपने परिवार का संचालन करना चाहिए।
इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के समरसता टोली के सदस्य प्रभाशंकर पांडेय ने कहा कि प्रत्येक कुटुंब के अंदर जो हमारे संस्कार हैं इनका समावेश होना आवश्यक है संस्कारों से ही आने वाली पीढ़ी स्वस्थ नागरिक के रूप में देश को आगे बढ़ने का काम करती है।
उन्होंने कहा कि अष्टांग मार्ग का अनुसरण करते हुए हमें पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए।
कार्यक्रम के तृतीय सत्र में पुरुषों और मातृ शक्ति के बीच मानस की चौपाई के आधार पर अंत्याक्षरी का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें दोनों पक्षों ने बढ़ चढ़कर भागीदारी किया।
समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कुटुंब प्रबोधन प्रमुख गिरजा शंकर जी ने कहा प्रत्येक परिवार में रामचरितमानस की पुस्तक और भगवत् गीता की पुस्तक रखना चाहिए तथा हमें इसका अध्ययन करना चाहिए जिससे आने वाले समय में हमारा परिवार एक अच्छे और और स्वस्थ मानसिकता के आधार पर राष्ट्र को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने में सहायक सिद्ध हो सके।
इस अवसर पर नगर प्रचारक आलोक, सौरभ, सर्वोत्तम, सतीश उपाध्याय, अजय पांडे, शिव शंकर सिंह, विनोद पांडे, सीतांशु, रवीश, मुख्य शिक्षक पीयूष, देवापि, पंकज तिवारी, प्रभात, हरिश्चंद्र, रवि सिंह, राजीव पांडे, राज नारायण सिंह, अभय सिंह, यजत्यास, दक्ष, अमित देव जी एवं सैकड़ों मातृशक्ति आदि उपस्थित रहे।