साकेत गर्ल्स पीजी कॉलेज प्रतापगढ़ में जलभराव पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने गम्भीर रुख लिया।

एनजीटी ने दिनांक 07/08/2023 को आदेश किया कि प्रदूषित जल किसी भी दशा में महाविद्यालय में प्रवाहित न होने पाए और उल्लंघन की दशा में संबंधित के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करें। 
 
ग्लोबल भारत न्यूज

साकेत गर्ल्स पीजी कॉलेज प्रतापगढ़ में जलभराव पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने गम्भीर रुख लिया।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

प्रतापगढ़, 24 अगस्त।

एनजीटी ने दिनांक 07/08/2023 को आदेश किया कि प्रदूषित जल किसी भी दशा में महाविद्यालय में प्रवाहित न होने पाए और उल्लंघन की दशा में संबंधित के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करें। 

ट्रिब्यूनल ने यह भी अपेक्षा किया कि दिनांक 08/09/2023 को कृत कार्रवाई से अवगत कराया जाए। लेकिन अभी तक स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

गायघाट रोड से साकेत गर्ल्स पीजी कॉलेज के पूर्वी तट के थोड़ा पहले तक नगर पालिका परिषद बेल्हा द्वारा निर्मित नाले का मुहाना है, जहां से नगर का प्रदूषित जल गायघाट रोड के किनारे लगभग 200 मी चलकर सड़क के नीचे बनी पुलिया से उत्तर की ओर निकलकर सई नदी के किनारे स्थित वेटलैंड में प्रवाहित हो जाता था। 

किंतु सन 2021 से सड़क के दोनों किनारों पर प्लाटिंग की जाने लगी, और इस प्रकार 50 वर्ष के इस प्राकृतिक प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया गया। 

इस प्राकृतिक प्रवाह को खोलने के लिए नगर पालिका अधिकारी ने अपने पत्र दिनांक 01/09/2021 द्वारा जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराया, और कहा कि स्थानीय लोगों के दबाव के कारण प्राकृतिक प्रवाह को खोलने में नगरपालिका प्रशासन असमर्थ है। इसलिए इस नाले को बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग को आदेशित किया गया। 

जल प्रवाह के अवरुद्ध हो जाने के कारण सारा प्रदूषित जल साकेत पीजी कॉलेज के पीछे की ओर एकत्रित होने लगा और महाविद्यालय भवन के बड़े हिस्से में जल भराव हो गया। 

परिणाम स्वरूप साकेत गर्ल्स पीजी कॉलेज ने इस संबंध में माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली में याचिका दायर किया। 

माननीय ट्रिब्यूनल ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राज्य पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया और मौके पर जाकर निरीक्षण करने का आदेश दिया। इस प्रकार उक्त टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण करने के बाद जल निकासी के संबंध में वास्तविक स्थिति से माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को अवगत कराया।

उधर तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा विशेष सचिव नगर विकास को एक पत्र लिखकर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए 2.96 लाख रुपए की मांग किया।

जिलाधिकारी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सूचित किया गया की शासन से धन प्राप्त होते ही नाले का निर्माण कर दिया जाएगा। 

न्यायाधिकारण ने दिनांक 01/07/2022 को आदेशित किया कि नाले का निर्माण तुरंत सुनिश्चित किया जाए। किंतु नाले का निर्माण नहीं किया गया। किन्तु 1 वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने पर भी नाले का निर्माण नहीं शुरू किया गया। 

फलस्वरूप महाविद्यालय पुनः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की शरण में पहुंचा और जल निकासी सुनिश्चित करने हेतु अनुरोध किया। 

इसके प्रति उत्तर में जिलाधिकारी प्रतापगढ़ द्वारा विशेष सचिव नगर विकास को रुपए 11.67 करोड़ की मांग नाले के निर्माण हेतु किया गया और माननीय ट्रिब्यूनल को आश्वस्त किया कि जैसे ही धन प्राप्त हो जाएगा नाले के निर्माण का कार्य कर दिया जाएगा। 

माननीय न्यायाधिकारण ने अपने आदेश दिनांक 07/08/2023 को आदेशित किया है कि राज्य प्रदूषण बोर्ड यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदूषित जल किसी भी दशा में महाविद्यालय में प्रवाहित ना होने पाए और उल्लंघन की दशा में पर्यावरण को हुई क्षति का आकलन करके संबंधित के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई भी करें। यह भी कहा कि दिनांक 08/09/2023 को कृत कार्रवाई और मौके की स्थिति से अवगत कराएं। 

आदेश के 15 दिन बीत जाने के बाद भी प्रदूषित जल पूर्व की भांति महाविद्यालय परिसर और उसके आसपास पूर्णता प्रवाहित हो रहा है।