पण्डित सूर्यबली पाण्डेय का 103वां जन्मदिन मनाया गया।

वक्ताओं ने कहा कि पंडित जी दयालुता और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने एक ईमानदार और संघर्षशील अधिवक्ता एवं संत के रूप में वकालत के पेसे को निभाया। 

 
ग्लोबल भारत न्यूज

पण्डित सूर्यबली पाण्डेय का 103वां जन्मदिन मनाया गया।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

लालगंज प्रतापगढ़, 7 सितम्बर।

वक्ताओं ने कहा कि पंडित जी दयालुता और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने एक ईमानदार और संघर्षशील अधिवक्ता एवं संत के रूप में वकालत के पेसे को निभाया।

लालगंज प्रतापगढ़ सर्वोदय सद्भावना संस्थान द्वारा आयोजित विनोबा भावे के शिष्य गांधीवादी विचारक पंडित सूर्यबली पांडे एडवोकेट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी पूर्व अध्यक्ष जन संघर्ष समिति का 103 वां जन्म दिवस सद्भावना दिवस के रूप में पंडित राम सेवक त्रिपाठी एडवोकेट लोकतंत्र रक्षक सेनानी की अध्यक्षता में लालगंज तहसील में स्थित सभागार में मनाया गया।

अध्यक्ष ने दीप प्रज्वलन कर आपको नमन करते हुए कहा कि देश की आजादी के लिए हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने कुर्बानी दिया उनके मन में कुछ पाने की नहीं बल्कि केवल एक ही लालसा थी कि हमारा देश गुलामी की जंजीरों से मुक्त हो।

श्री रामसेवक त्रिपाठी ने कहा कि पण्डित जी ने गांधी जी के विचारों को आपने आत्मसात कर लिया था। उन्होंने विनोबा भावे की शिष्य के रूप में सर्वोदयी विचारधारा से जुड़कर भूदान आंदोलन में विनोबा जी के साथ प्रतापगढ़ के गौरा से लेकर शाहगंज तक पैदल यात्रा किया था।

इस यात्रा में आपके साथ पंडित राम लखन पाठक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं रामकिंकर सरोज पूर्व मंत्री भारत सरकार उस यात्रा में थे।


पण्डित जी के नेतृत्व में 1975 में जयप्रकाश आंदोलन जनपद वासियों द्वारा लड़ा गया। लेवी आंदोलन के समय हजारों लोग आपके नेतृत्व में प्रतापगढ़ में जेल गए उसके पश्चात जब आपातकाल लगा तो सैकड़ो लोगों को मीसा और डी आई आर में गिरफ्तार किया गया। लोगों को यातनाएं दी गई लेकिन प्रतापगढ़ से एक भी व्यक्ति क्षमा याचना नहीं किया।

मीसा में आपको गिरफ्तार करके प्रतापगढ़ कारागार से अलीगढ़ जेल भेज दिया गया। जिससे कि लोग आपसे मिल ना सके। इसी समय आपके घर डकैती पड़ गई सारा धन डकैत लूट ले गए, लेकिन आप झुके नहीं,

सूर्यबली पाण्डेय को 1977 में जनता पार्टी का प्रतापगढ़ लोकसभा का टिकट दिया गया किंतु आपने यह कहकर चुनाव नहीं लड़ा कि विनोबा जी कहते हैं चुनाव झगड़े की जड़ है। आप जनपद के एकमात्र अधिवक्ता थे जो देश की आजादी के लिए भी जेल गए और आपातकाल में भी 19 माह अपना जीवन जेलों में बिताया। आप जनपद के एकमात्र अधिवक्ता थे जो देश की आजादी के लिए भी जेल गए और दूसरी आजादी में आपातकाल में भी जेल गए।


आयोजक ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह लालगंज तहसील की पावन धरती धन्य है जहां पर धर्म सम्राट स्वामी करपात्री श्री जी ने अवतार लिया।

देश की आजादी में सर्वप्रथम जनपद के तीन ऐसे व्यक्ति थे जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और आजाद भारत में समाज के हित में स्वतंत्र भारत में जेल गए। जिसमें धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी, डॉक्टर राजेश्वर सहाय त्रिपाठी और पंडित सूर्यबली पांडे जी थे।

यह संयोग है कि जनपद प्रतापगढ़ मुगल काल से ही अपनी मातृभूमि के लिए संघर्ष करता रहा। ठाकुर झाम सिंह अठेहा ने विरोध किया जिसके कारण आपको 10 वर्ष की सजा के अंतर्गत फैजाबाद के कारागार में रखा गया।

रामपुर कसिहा में स्वतंत्रता आंदोलन का युद्ध हुआ। कालाकांकर रियासत के लाल प्रताप सिंह शहीद हुए।

महात्मा गांधी के आवाहन पर 1942 के आंदोलन में तीन ऐसे व्यक्ति थे जो देश की आजादी में जेल गए और आपातकाल में भी जेल गए इसमें कुंवर तेजभान सिंह, राजाराम किसान, और पंडित सूर्यबली पांडे थे। आप तीनों महापुरुष इसी लालगंज तहसील के थे।

इस अवसर पर अवधेश सिंह एडवोकेट, राधा रमण शुक्ला एडवोकेट, आबाद अली एडवोकेट, रामलाल अंबेडकर एडवोकेट, बेनीलाल शुक्ला एडवोकेट, कालिका प्रसाद पांडेय एडवोकेट, रविंद्र वेलौरा एडवोकेट, टी पी यादव एडवोकेट, उमेश तिवारी एडवोकेट, मुरलीधर ओझा एडवोकेट, कमलेश त्रिपाठी एडवोकेट, राम मोहन सिंह एडवोकेट, राजेंद्र मिश्रा एडवोकेट, जयकरन सिंह एडवोकेट, गया प्रसाद मिश्र एडवोकेट राजेंद्र मिश्रा एडवोकेट ईश्वर चंद द्विवेदी एडवोकेट, दिनेश मिश्रा एडवोकेट, श्रीमती कमला वर्मा एडवोकेट, संदीप सिंह एडवोकेट अध्यक्ष, विभाकर शुक्ला उपाध्यक्ष, भालेंदु त्रिपाठी उपाध्यक्ष, निराला जी महामंत्री आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।

वरिष्ठ पत्रकारगण चंद्रशेखर तिवारी, ज्ञान प्रकाश शुक्ला, आशीष सिंह, विकास मिश्रा, लवलेश शुक्ला, प्रेम कुमार मिश्रा, मुकेश त्रिपाठी, सुरेंद्र तिवारी, साकेत मिश्रा, दीपेंद्र तिवारी, सुरेश मदन, आशा त्रिपाठी को माल्यार्पण कर अंगवस्त्रम, डायरी और कलम प्रदान कर सद्भावना रत्न से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से विष्णु प्रकाश पांडेय एडवोकेट- कोषाध्यक्ष वकील परिषद, संतोष तिवारी एडवोकेट निःशुल्क, डॉ अवंतिका पांडेय, विश्वम प्रकाश पांडेय, मोनू पांडेय, आचार्य सत्य व्रत शुक्ला, रामनरेश, रामकृष्ण रामानुज दास, सुजीत वर्मा, धर्मेंद्र वर्मा आदि उपस्थित रहे ।
संचालन विकास मिश्रा एडवोकेट पूर्व अध्यक्ष ने किया