प्रतापगढ़- वर्षों से अलग रहने वाले बुजुर्ग दंपति का राष्ट्रीय लोक अदालत में कराया गया समझौता, अमिताभ बच्चन की फ़िल्म बागबान की यादे हुई ताज़ी

प्रतापगढ़-अमिताभ बच्चन की फ़िल्म बागबान की तर्ज़ पर एक दूजे हुए बूजर्ग दंपत्ति, न्यायिक अधिकारियों ने किया पुष्पवर्षा
 
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रिपोर्ट-"गौरव तिवारी(संवाददाता)

प्रतापगढ़। अमिताभ बच्चन की फिल्म बागवान रिटर्न का एक दृश्य प्रतापगढ़ के राष्ट्रीय लोक अदालत में देखने को मिला है जहां वर्षों से एक दूजे से अलग रहने वाले बुजुर्ग दंपति ने पारिवारीक न्यायालय में सुलह समझौता के जरिए एक बार फिर से एक दूसरे के गले में फूलों की माला डालते हुए सारे गिले शिकवे भुलाकर एक दूजे के हो गए और सात जन्मों के बंधन की जो कसमें खाये थे उसे आगे निभाने का बचन दिया।इस अवसर पर मौजूद न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ताओं ने दम्पत्तियों को माला पहनाकर खुशी व्यक्त किया। 

बागवान फिल्म जैसे दिख रही बुजुर्ग दंपति की कहानी,प्रतापगढ़ जिला सत्र न्यायलय में शनिवार को सम्पन्न हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में 5 वर्ष विवाद के बाद फिर से एक साथ रहने की रजामंदी देने वाले बुजुर्ग दंपती ने वर्ष 2003 में रिलीज बॉलीवुड की चर्चित फिल्म बॉगवान की यादें ताजा कर दी,15 वर्षो से बुजुर्ग दंपति के बीच चल रहा था विवाद, बुजुर्ग दंपती कोर्ट के बाहर सीमेंट की बेंच पर बैठकर एक दूसरे को निहारते हुए घंटो मुस्कुरा कर बतियाते रहे, इसके बाद न्यायालय की अनुमति मिलने पर एक साथ घर गए,आपको बताते चले की  कंधई थाना इलाके के पाठक पुरवा निवासी शिवप्रसाद पाठक (80) लोकनिर्माण विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं, रिटायर होने के बाद शिवप्रसाद पत्नी प्रभू देवी (75) व तीन बेटों व उनके परिवार के साथ रहने लगे, कुछ दिन बाद बेटों ने बुजुर्ग दंपती के बीच फूट डालकर अलग करा दिया,इसके बाद शिवप्रसाद बड़े बेटे के साथ उनकी पत्नी प्रभू देवी सबसे छोटे बेटे के साथ रहने लगे, कुछ दिन तक सब कुछ ठीक रहा लेकिन इसके बाद बेटों ने बुजुर्ग दंपती के बीच ऐसी फूट डाल दी कि बातचीत बंद हो गई और आए दिन विवाद होने लगा,हालात इतने बिगड़ गए कि प्रभूदेवी को अपने पति के खिलाफ गुजारा भत्ता का मुकदमा करना पड़ा, परिवार न्यायालय की पहल से बीच में एक बाहर सुलह समझौता कराया गया,लेकिन कुछ दिन बाद फिर से मामला परिवार न्यायालय पहुंच गया,काफी समय से लंबित वाद को निस्तारित कर बुजुर्ग दंपती के बीच सुलह समझौता कराने का प्रयास शुरू किया गया,कई दौर चली काउंसिलिंग के बाद परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सुरेश आर्य को आखिरकार कामयाबी मिल गई, बुजुर्ग दंपती को राष्ट्रीय लोक अदालत से शनिवार को जिला जज अब्दुल शाहिद, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नीरज कुमार बरनवाल, नोडल सुमित पवार सहित तमाम न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे,
एक दूसरे को पहनाई माला
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला जज अब्दुल शाहिद की मौजूदगी में 15 वर्ष बाद एक फिर से साथ रहने को राजी हुए बुजुर्ग दंपती ने एक दूसरे को माला पहनाई तो सभागार में मौजूद अधिवक्ताओं ने तालियां बजाकर बधाई दी।