उच्चशिक्षा के परिवेश को मजबूत बनाने में प्रोफेसर गिरिजाशंकर शुक्ल का योगदान अतुलनीय- एसडीएम

स्थानीय तहसील सभागार में रविवार को एचएन बहुगुणा पीजी कालेज के हिन्दी विभागध्यक्ष रहे शिक्षाविद् प्रोफेसर गिरिजाशंकर शुक्ल की उन्नसवीं पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनायी गयी।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

उच्चशिक्षा के परिवेश को मजबूत बनाने में प्रोफेसर गिरिजाशंकर शुक्ल का योगदान अतुलनीय- एसडीएम

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय 
राज्य संवाददाता 
ग्लोबल भारत न्यूज 

लालगंज, प्रतापगढ़। 

स्थानीय तहसील सभागार में रविवार को एचएन बहुगुणा पीजी कालेज के हिन्दी विभागध्यक्ष रहे शिक्षाविद् प्रोफेसर गिरिजाशंकर शुक्ल की उन्नसवीं पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनायी गयी। 

कार्यक्रम का शुभारम्भ एसडीएम शैलेन्द्र वर्मा व तहसीलदार धीरेन्द्र प्रताप सिंह तथा संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संदीप सिंह ने प्रोफेसर शुक्ल के चित्र पर माल्र्यापण व दीप प्रज्जवल कर किया। 

अधिवक्ता अनूप पाण्डेय व पूर्व अध्यक्ष कालिका प्रसाद पाण्डेय ने भावगीत से प्रो. शुक्ल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। कनिष्ठ पुत्र एवं पूर्व अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने गिरिजाशंकर शुक्ल के जीवन दर्शन का वर्णन किया। 

बतौर मुख्य अतिथि एसडीएम शैलेन्द्र वर्मा ने कहा कि सामाजिक एवं राष्ट्रीय परिवेश में शिक्षा के बहुआयामी आयाम की मजबूती में मनीषियों का चिंतन सदैव सार्थक रहा है। 

उन्होंने कहा कि स्वर्गीय गिरिजाशंकर शुक्ल जैसे हिन्दी साहित्य के विद्वानों ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र को उज्ज्वल भविष्य सौंपा है। 

विशिष्ट अतिथि तहसीलदार धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रो. गिरिजाशंकर शुक्ल के शैक्षिक मूल्यों को अतुलनीय बताया। 

नायब तहसीलदार पंकज कुमार ने साहित्य और शिक्षा को राष्ट्रीय विचारधारा को अग्रणी बनाये रखने में सबसे मजबूत सरोकार कहा। 

अध्यक्षता संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संदीप सिंह व  संचालन पूर्व अध्यक्ष विकास मिश्र ने किया। 

संघ के महामंत्री सूर्यकान्त निराला ने कार्यक्रम का संयोजन किया। 

पूर्व अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश, अजय शुक्ल गुड्डू, विपिन शुक्ल, केके सरोज, मो0 अकरम ने प्रो. गिरिजाशंकर के सामाजिक क्षेत्र में योगदान को अविस्मरणीय बताया। 

इस मौके पर समाजसेवी राजकुमार मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष शहजाद अंसारी, राकेश तिवारी गुड्डू, संजय सिंह, मुरलीधर तिवारी, कौशल किशोर शुक्ल, नितिन मिश्र, रामप्रकाश प्रजापति आदि रहे।