पूर्व प्रधानाचार्य और समाज सुधारक पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय की स्मृति में 'राष्ट्रीय सद्भावना समारोह' का आयोजन हुआ।

समारोह के मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी श्रीमान श्याम शंकर उपाध्याय और मुख्य वक्ता विश्व वैदिक धर्म संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता परम पूज्य मानस किंकर जी महाराज थे।
 
ग्लोबल भारत न्यूज


पूर्व प्रधानाचार्य और समाज सुधारक पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय की स्मृति में 'राष्ट्रीय सद्भावना समारोह' का आयोजन हुआ।

ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
जेठवारा प्रतापगढ़, 15 अक्टूबर।

समारोह के मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी श्रीमान श्याम शंकर उपाध्याय और मुख्य वक्ता विश्व वैदिक धर्म संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता परम पूज्य मानस किंकर जी महाराज थे।

कार्यक्रम का उद्घाटन प्रतापगढ़ के लोकसभा सांसद संगम लाल गुप्ता ने किया और संचालन पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय स्मारक समिति के सचिव अशोक कुमार मिश्र ने किया। जेठवारा के अष्टभुजा विद्या निकेतन इण्टर कालेज परिसर में समारोह का आयोजन हुआ। 

समारोह का उद्घाटन करते हुए क्षेत्रीय सांसद ने कहा कि पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय ने प्रेम और सद्भावना की एक मिसाल कायम किया था। उनके पदचिन्हों पर चलकर हम समाज में शांति और प्रगति हासिल कर सकते हैं। 

अन्य वक्ताओं ने पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय के संस्मरण सुनाते हुए उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।

मुख्य अतिथि श्री श्याम शंकर उपाध्याय ने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति अनादि काल से संपूर्ण मानवता को एक परिवार मानती रही है। 

प्राचीन भारतीय ग्रंथों से कई उद्धरण देते हुए उपाध्याय जी ने कहा कि भारत के मनीषियों ने वैदिक काल से ही मानवों को परस्पर सद्भाव,सहकार,करुणा, सहिष्णुता, सामंजस्य और समायोजन के साथ जीने का सन्देश दिया है। 

भारतीय चिन्तकों के यही सार्वभौमिक व सार्वकालिक विचार कालान्तर में सम्पूर्ण विश्व के मानवों तक पहुंचे और एक वैश्विक सभ्य मानव समाज के निर्माण में सहायक सिद्ध हुए। 

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हिंसा, टकराव और युद्ध की विभीषिका से कराह रहे विश्व में शान्ति और सद्भावना की फिर से स्थापना के लिए विश्व समुदाय को अन्ततः भारतीय सभ्यता और संस्कृति की इन कालजयी अवधारणाओं की ओर लौटना  होगा।

मुख्य वक्ता पूज्य मानस किंकर जी महाराज (राष्ट्रीय प्रवक्ता - विश्व वैदिक धर्म संघ) ने कहा कि सामाजिक सद्भाव का मूल मंत्र श्रीरामचरितमानस में अनेक प्रकार से उपलब्ध है। 

महाराज जी ने कहा श्री राम जी ने गीध, सबरी, सुग्रीव और राक्षस कुल उत्पन्न रावण के अनुज विभीषण पर कृपा किया और रावण को भी अनेक प्रकार से समझाने के लिए निरंतर अपने दूत भेजते रहे परन्तु निष्क्रय भी नहीं थे शस्त्र संधान भी चलता रहा। कोई भी समझौता शक्तिहीन होने पर नहीं हो सकता इसलिए नवरात्र में शक्ति संचित करने पर ही विजय की दशमी प्राप्त होगी। 

उन्होंने कहा कि स्व पंडित बद्री प्रसाद पाण्डेय जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे जिन्होंने सामाजिक रचना का दर्शन कर वेद के मूल मंत्र "मनुर्भव्" को सरल लोक भाषा में दिया, " हे भैय्या! मनई होइजा "

समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री हरपाल सिंह जग्गी, पूर्व उपाध्यक्ष (दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री), उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी, और महामंत्री - लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कहा कि पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय ने मानवता और सर्व धर्म समभाव के संदेश को पहले अपने जीवन में उतारा उसके बाद संपूर्ण मानव जाति को इसका उपदेश किया। उन्होंने कहा कि पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय ऐसे महापुरुषों के बताए रास्ते पर चलकर ही समाज में शान्ति और सद्भावना कायम हो सकती है।

मुरलीधर आहूजा (सुप्रसिद्ध समाजसेवी और रायल कैफे लखनऊ के प्रबंध निदेशक) ने कहा कि आध्यात्मिक जीवन शैली को जीवन में उतारने से व्यक्ति को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुष्टि की भी अनुभूति होती है, और तभी व्यक्ति के अंदर सद्भावना का विकास होता है।

भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य श्री शिव प्रकाश मिश्र 'सेनानी' ने कहा कि धार्मिक सिद्धान्तों को अपने जीवन में उतार कर पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय ने युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया, जिस पर चलकर हम अच्छे समाज की रचना कर सकते हैं। 

साहित्यकारों में राजमूर्ति सिंह सौरभ, सुरेश पाण्डेय संभव और सुनील प्रभाकर ने अपनी कविताओं के माध्यम से संगोष्ठी के विषय में चार चांद लगा दिया।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान से आई हुई बहनों सुश्री हेमा दीदी एवं सुश्री संजीवनी दीदी आध्यात्मिक जीवन के तरीके पर प्रकाश डाला और यह बताया कि व्यावहारिक जीवन में अध्यात्म का क्या महत्व है।

राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी के प्रतिनिधि ज्ञान प्रकाश शुक्ला ने कहा कि पण्डित जी द्वारा दिखाया गया सद्भावना का मार्ग ही समाज को जोड़ सकता है। डा० शक्ति कुमार पाण्डेय ने इस सूत्र को पहचान लिया और इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

विजय मिश्रा गुरूजी ने पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय से जुड़े हुए संस्मरण सुनाते हुए कहा कि प्रेम और सद्भाव का मानवतावादी संदेश जीवन में उतारे बिना न तो व्यक्ति का कल्याण हो सकता है और न ही समाज का।

अतिथियों का स्वागत करते हुए समिति के अध्यक्ष वर्तमान प्राचार्य प्रधानाचार्य श्री लालता प्रसाद पांडे ने कहा के पंडित बद्री प्रसाद पांडे इंसानियत के पुजारी थे इसीलिए उनकी याद में हम लोग विगत 35 वर्षों से यह आयोजन करते आ रहे हैं।

कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर शक्ति कुमार पाण्डेय ने समस्त आगन्तुक अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया किया और कहा कि पण्डित बद्री प्रसाद पाण्डेय के अनुयाई उनके पदचिन्हों पर चलकर समाज में सद्भावना को प्रसारित करने का काम कर रहे हैं।

लोकगायक कलाकार रामबदन शर्मा की टीम ने अपने गीतों के माध्यम से समां बांध दिया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भाजपा महामंत्री पवन गौतम, डा० सूर्य प्रकाश त्रिपाठी, मणिलाल पाठक, विजय मिश्रा गुरुजी, डॉ हरीश पाठक, श्री नारायण शुक्ला, राम सुंदर तिवारी, आशुतोष त्रिपाठी, बृजेंद्र नारायण मिश्रा, शांति भूषण मिश्रा प्रसून मिश्रा, मत्स्येंद्र नाथ मिश्रा, जुग्गी लाल पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।