आईपीएल की सट्टेबाजी में बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी, रातों-रात करोड़पति बनने के चक्कर में रोडपति बन रहे युवा

लालच और जल्दी अमीर बनने की चाहत में कुछ लोग इन मैचों पर सट्टा लगा करके अपना भविष्य के साथ-साथ अपने परिवार को भी बर्बाद करने की कदम बढ़ा चुके हैं। कितनो सट्टेबाजों के परिजनों ने अपने लायक पुत्र को बचाने के लिए अपनी खून-पसीने से कमाई गाढ़ी कमाई सटोरियों को दी। यह बात इसलिए भी छुपी रहती है कि वो अपने और अपने परिवार की बदनामी नही चाहते।
 
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ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

प्रतापगढ़, 12 अप्रैल:- इस समय चल रहे आईपीएल मैच में हर कोई लुत्फ उठा रहा है। सट्टेबाजों के लिए यह एक त्योहार की तरह है। पिछले सीजन में हारे सट्टेबाज इस सीजन में फिर से जीतने का ख्याब लेकर सट्टा लगाते है। वहीं, लालच और जल्दी अमीर बनने की चाहत में कुछ लोग इन मैचों पर सट्टा लगा करके अपना भविष्य के साथ-साथ अपने परिवार को भी बर्बाद करने की कदम बढ़ा चुके हैं। कितनो सट्टेबाजों के परिजनों ने अपने लायक पुत्र को बचाने के लिए अपनी खून-पसीने से कमाई गाढ़ी कमाई सटोरियों को दी। यह बात इसलिए भी छुपी रहती है कि वो अपने और अपने परिवार की बदनामी नही चाहते। उनकी केवल इसी गलती का लाभ सट्टेबाज उठाते है और अपना काला धंधा खुलेआम चलाते है।

करोड़ो का चलता है सट्टाबाजार- आपको बता दे कि देश में हर साल आईपीएल के जरिए क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप 20-20 क्रिकेट प्रतियोगिता होती है। इस साल यह प्रतियोगिता आठ अप्रैल से शुरू हुई थी। वहीं इससे पहले 20-20 वर्ल्ड कप हुआ था। उसके खत्म होते ही देश में आईपीएल मैचों का दौर शुरू हो गया। इसलिए पिछले कुछ दिनों से क्रिकेट के इस सबसे छोटे प्रारूप पर जिले के युवा हर साल की तरह करोड़ों का सट्टा लगाते हैं। इसलिए इस तरह के सट्टे लगाने वाले अधिकतर युवकों को अक्सर हार का ही सामना करना पड़ता है। इसका खास कारण यह है कि इस प्रारूप के मैचों में आखिरी ओवर तक अगर 20 से ज्यादा रन बनाने हों तो वह भी संभव होता देखा गया है। लेकिन वही यह मैच सट्टेबाजी का जरिया बन चुके है, सट्टेबाज अपने टीवी के आगे बैठकर इन मैचों को देख रहे हैं और मैचों पर सट्टा लगाकर करोङो कमाने के चक्कर में जिले के युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। इस तरह के युवाओं को बर्बादी से रोकने के लिए उनके माता-पिता अपने बच्चों को बेदखल कर किनारा करने का प्रयास कर रहे हैं।

कैसे खत्म हो सकता है यह खेल- इस गोरखधंधे पर रोक लगाने के लिए पहले उस परिवार के लोगों को आगे आना होगा जिसका कोई सदस्य इस तरह का धंधा करता है। वे मिलकर उस धंधा करने वाले को ऐसा करने से रोकने का प्रयास करें। अगर वह फिर भी नहीं मानता तो इसकी जानकारी पुलिस को दें ताकि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो इस धंधे के बुरे परिणाम भुगतने के लिए आप तैयार रहें। इस तरह क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाने वाले कुछ लोग ऐसे होते हैं जो मैच शुरू होने से पहले ही किसी टीम की हार और जीत का दांव लगा लेते हैं। मगर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो किसी टीम द्वारा बैटिंग करते समय पहले छह ओवरों के बारे में ही अपना मोल भाव शुरू कर देते हैं। वे ओवर खत्म होने के बाद वे 10वें ओवर की समाप्ति पर किसी टीम के स्कोर का आंकलन लगा उस पर सट्टा लगाते हैं। इसके बाद वे उस टीम द्वारा 20 ओवर में बनाए जाने वाले रनों के टोटल के बारे में सट्टा लगाते हैं।

क्या है सजा का प्रावधान- वित्त विभाग के प्रस्ताव में जुआ-सट्‌टाघर चलाने वालों पर 3 साल की सजा व 10 लाख ₹ का जुर्माना किया गया। जबकि जुआ-सट्‌टा खेलते हुए पहली बार पकड़े जाने वाले पर 50 हजार रुपए का जुर्माना, दूसरी बार पकड़े जाने पर एक लाख तक का जुर्माना और तीसरी बार पकड़े जाने पर 5 लाख रुपए तक के जुर्माना शामिल किया गया है।