शांति विद्या निकेतन इंटर कालेज पारी, सलोन रायबरेली का वार्षिकोत्सव सम्पन्न।

संस्थापक स्व० विजय त्रिपाठी के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा० एस० के पाण्डेय ने किया जबकि मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षक विधायक उमेश चन्द्र द्विवेदी मौजूद रहे।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

शांति विद्या निकेतन इंटर कालेज पारी, सलोन रायबरेली का वार्षिकोत्सव सम्पन्न।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क

लखनऊ, 11 अप्रैल।

संस्थापक स्व० विजय त्रिपाठी के जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा० एस० के पाण्डेय ने किया जबकि मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षक विधायक उमेश चन्द्र द्विवेदी मौजूद रहे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ शोषित वंचितों की आवाज राजकुमार पाल पूर्व विधायक अपना दल ने किया।  सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उमेश द्विवेदी ने किया।
पुरस्कार वितरण विशिष्ट अतिथि अशोक कुमार, विधायक सलोन एवं अति विशिष्ट अतिथि पूर्व ब्लाक प्रमुख मंझनपुर नर नारायण मिश्र ने किया।

इस अवसर पर बार काउंसिल प्रत्याशी अधिवक्ता जयप्रकाश मिश्र, कुल भूषण शुक्ल, शिव सुमन चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।

 कार्यक्रम के उद्बोधन में उमेश द्विवेदी जी ने कहा की विजय त्रिपाठी जी के साथ हमारी बहुत सी यादें जुड़ी हैं और शिक्षक आंदोलन में प्रबन्धक महासभा बनने के बाद वे प्रबंधक समाज के दिलों में बस गए। उनका असमय चला जाना शिक्षा जगत की अपूर्णनीय क्षति है। उन्होंने आश्वासन दिया कि हम तन मन धन से विद्यालय परिवार के लिए सदैव खड़े रहे है और खड़े  रहेंगे। त्रिपाठी जी द्वारा रोपित यह बाल वाटिका  ही उनकी निशानी है और इसे नई ऊंचाई पर ले जाने में हमारा पूरा सहयोग रहेगा।

प्रदेश अध्यक्ष अपना दल राज कुमार पाल पूर्व विधायक ने कहा कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है जिसको जो पियेगा वो दहाड़ेगा। इसलिए एक समय का भोजन कम करना पड़े कम करो लेकिन बच्चों को अच्छी शिक्षा अवश्य दें। इसी में देश समाज की भलाई है।

विधायक अशोक कुमार ने कहा कि अनुशासन विद्यालय की रीढ़ होती है, इसे मजबूती देते हुए विद्यालय के कार्यक्रम भारतीय संस्कृति संस्कार पर आधरित होने चाहिए। पाश्चातय की धारणा से नई पीढ़ी को बाहर आकर नया भारत बनाना है।

उन्होंने कहा कि इस विद्यालय परिवार से मेरे पिताजी का जुड़ाव रहा है। मैं भी उसी तरह विद्यालय के साथ सहयोग में समर्पित रहूंगा। संस्था अच्छी शिक्षा के लिए निष्ठा पूर्वक काम करे जिससे क्षेत्र का भला हो।

अति विशिष्ट अतिथि  नर नारायण मिश्र पूर्व प्रमुख ने कहा कि विद्यालय सिर्फ ईंट का भवन नही, यह राष्ट्र निर्माण की जड़ है। इस विद्यालय को आदर्श विद्यालय बनाना ही विजय त्रिपाठी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

सदस्य प्रत्यासी बार काउंसिल उत्तर प्रदेश जे पी मिश्र जी ने कहा कि शिक्षक ही देश का उज्ज्वल भविष्य की रीढ़ है।
मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शुक्ल ने विजय त्रिपाठी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि इस बगिया को हमेशा हरा भरा बनाकर शिक्षा की अलख जगाने का काम होना चाहिए।

शिक्षक नेता शिवाकांत द्विवेदी जी ने कहा कि बच्चे हमारे समाज की आधारशिला है इसको तराशने का काम शिक्षक करते है।

पर्यावरण सेना प्रमुख अजय क्रांतिकारी ने हरित अभिवादन के साथ धरती को हरा भरा बनाने एव जल संचय  की अपील की।

अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर डॉ शक्ति कुमार पांडेय ने कहा कि बच्चों के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का विकास करना चाहिए। बच्चों को मोबाइल पर निर्भर नही करना चाहिए पढ़ाई के लिए विद्यालय में मोबाइल पर प्रतिबंध लगाना होगा, जिस कारण बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

कार्यक्रम में आये अतिथियों को स्मृति चिन्ह एव अंगवस्त्र देकर विद्यालय प्रबन्धक कांति त्रिपाठी जी ने सम्मानित किया एवं आये सभी अतिथियों, अभिभावकों एव क्षेत्रवासियो का प्रबंध निदेशक मनीष मारुत एडवोकेट ने आभार व्यक्त किया।

इस अवसर में विद्यालय के शिक्षकों एव शिक्षा से जुड़े क्षेत्र वासियों को सम्मान पत्र एव स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में श्रीपति पीठ के गोविंद भाई महराज जी, श्री बैजनाथ मिश्र पूर्व सहायक विकास अधिकारी, प्रचारक जय प्रकाश जी,
प्रवीण चतुर्वेदी जनसत्ता दल, राहुलदेव सिंह जी, अपना दल ब्लाक अध्यक्ष, सुनील पटेल,  कमलेश जी, जमाल अख्तर, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष आशुतोषश्रीवास्तव, अतुलित मिश्रा, संतलाल तिवारी, तेजभान यादव, अजय जी, अनिल यादव, धैर्य प्रताप, मीनू सिंह, सतीश जी, जितेंद सिंह, प्रमोद जी, प्रधानाचार्य राजकुमार सरोज ,विवेकानंद इंटर कालेज के प्रबन्धक ,नेवढ़िया के प्रधानाचार्य, 
राधा बलभद्र के प्रबन्धक कृष्णानन्द शुक्ल,दीपू सिंह, सुशील मिश्र, नवीन शुक्ल,रमा शंकर शुक्ल तथा
क्षेत्र के गणमान्य जन, शिक्षक, अभिभावक, छात्र छात्राएं उपस्थिति रहे।