पांच साल के मासूम को मारकर उसका खून पीने वाली महिला को मिली उम्रकैद की सजा

तांत्रिक के कहने पर एक महिला ने करीब पांच साल पहले अपने पड़ोस के ही एक बच्चे की हत्या कर उसका खून पी लिया था, इसी हत्या के मामले में अब एडीजे थर्ड की कोर्ट ने महिला और उसके दो अन्य साथियों सहित तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
 
न्यायालय

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

शाहजहांपुर, 26 नवंबर:- उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां बच्चे का खून पीने वाली एक महिला को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, मामला जिले के रौजा थाना क्षेत्र का है। यहां तांत्रिक के कहने पर एक महिला ने करीब पांच साल पहले अपने पड़ोस के ही एक बच्चे की हत्या कर उसका खून पी लिया था, इसी हत्या के मामले में अब एडीजे थर्ड की कोर्ट ने महिला और उसके दो अन्य साथियों सहित तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दरअसल, यह सनसनीखेज घटनान रोजा थाना क्षेत्र के जमुका गांव की है। आज से करीब पांच साल पहले 5 दिसंबर 2017 में गांव की ही महिला धन देवी ने इस घटना को अंजाम दिया था।

खुद के बच्चे पाने की चाह में मासूम को मार डाला- बता दें, धन देवी को कोई बच्चा नहीं हो रहा था। जिस पर किसी तांत्रिक ने उसे सलाह दी कि अगर वह किसी दूसरे के बच्चे की बलि अपने हाथों से चढ़ाएगी तो उसके बच्चा होगा और वह मां बन जाएगी, तांत्रिक के कहने पर महिला धन देवी ने अपने पड़ोस के रहने वाले 10 वर्षीय बच्चे लालदास को टीवी देखने के बहाने अपने घर में बुलाया और बच्चे को घर में ही बंद कर लिया। धन देवी और उसके दो साथियों ने मिलकर बच्चे का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद तांत्रिक के अनुसार, बताए गए बलि देने के तरीके को अपनाते हुए महिला ने बच्चे के गला काटकर उसका खून पी लिया था और बच्चे के शव को घर के सामने ही फेंक दिया, पुलिस ने शक के आधार पर महिला धन देवी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पकड़ी गई महिला ने पुलिसिया पूछताछ में इस बात का खुलासा किया था कि उसने बच्चे की बलि चढ़ाने के लिए उसकी हत्या कर दी और गला काटकर बच्चे का खून पी लिया था।

तीन लोगों को मिली उम्रकैद की सजा- अब पांच साल बाद बच्चे के परिवार वालों को न्याय मिला है। कोर्ट ने बच्चे का खून पीने वाली हत्यारी महिला सहित तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, वहीं पीड़ित परिजनों को न्याय मिलने के बाद वह अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं और भारतीय न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा जताते हुए दुआएं दे रहे हैं। हालांकि उनका बच्चा तो अब वापस नहीं आ सकता।