महिला सिपाही से दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहे इंस्पेक्टर पर डीआईजी रेंज ने इनाम राशि बढ़ाई

महिला सिपाही ने इंस्पेक्टर नीशू तोमर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। जिसके तहत जुलाई में आरोपी इंस्पेक्टर पर मुकदमा दर्ज किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी को 22 सितंबर को ही पकड़ लिया गया था। जिला सत्र न्यायालय से महिला थाने की पुलिस इंस्पेक्टर को लेकर महिला थाने पहुंची, जहां पुलिस को चकमा देकर इंस्पेक्टर फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस ने उसपर 25 हजार का इनाम रखा।
 
इंस्पेक्टर निशु तोमर

ग्लोबल भारत न्यूज़ नेटवर्क

सुल्तानपुर, 22 दिसंबर:- उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में महिला सिपाही से दुष्कर्म के मामले में फरार इंस्पेक्टर पर डीआईजी रेंज ने इनाम की राशि बढ़ा दी है। इंस्पेक्टर पर अब 50 हजार का इनाम रखा गया है, इसके साथ ही इंस्पेक्टर की गुमशुदगी के पोस्टर भी जगह-जगह लगाए गए। मामले में एक महिला थानाध्यक्ष को सस्पेंड भी किया जा चुका है। इसके बावजूद आरोपी की कोई खोजबीन नहीं है। आरोपी को लेकर एनबीडब्ल्यू भी जारी हो चुका है, इसके बावजूद पुलिस आरोपी को तलाश न कर सकी है।

पूरा मामला- मामला हलियापुर थाना क्षेत्र के का है, यहां तैनात महिला सिपाही ने इंस्पेक्टर नीशू तोमर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। जिसके तहत जुलाई में आरोपी इंस्पेक्टर पर मुकदमा दर्ज किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी को 22 सितंबर को ही पकड़ लिया गया था। जिला सत्र न्यायालय से महिला थाने की पुलिस इंस्पेक्टर को लेकर महिला थाने पहुंची, जहां पुलिस को चकमा देकर इंस्पेक्टर फरार हो गया था। इसके बाद पुलिस ने उसपर 25 हजार का इनाम रखा। इतना ही नहीं इंस्पेक्टर के पोस्टर जिले में लगाए गए। मामले में महिला थानाध्यक्ष मीरा कुशवाहा को सस्पेंड कर दिया गया। मामला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती रचना की कोर्ट में पहुंचा। जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी फरार इंस्पेक्टर के खिलाफ नॉन बेलेबल वॉरेंट जारी कर दिया। अब पुलिस विभाग ने फरार आरोपी के खिलाफ 25 हजार रुपए की राशि को बढ़ाकर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है।

चार माह से है फरार- आपको बता दें कि फरार दुष्कर्म का आरोपी इंस्पेक्टर बागपत जिले का रहने वाला है, पुलिस लगातार उसकी तलाश में लगी है। आरोपी इंस्पेक्टर 22 सितंबर से फरार चल रहा है। पुलिस विभाग लगातार उसकी तलाश में इंस्पेक्टर के ठिकानों पर दबिश दे रही है, लेकिन हर बार पुलिस की टीमों को खाली हाथ ही थाने लौटना पड़ता है। करीब 4 महीने से लगातार इंस्पेक्टर की तलाश में पुलिस विभाग चकरघिन्नी बना हुआ है। पीड़िता का आरोप है कि ऐसा लगता है कि पुलिस विभाग इंस्पेक्टर को बचाने में लगा हुआ है।