सुल्तानपुर जेल में मारकर पेंड से लटकाया गया था दोनों कैदियों का शव , रिपोर्ट के बाद मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश

हत्या के मामले  में सुल्तानपुर जेल में बंद अमेठी जिले के जामो थानाक्षेत्र के लोरिकपुर गांव  के रहने वाले करिया उर्फ विजय पासी और मज्जू रैदास उर्फ मनोज  की मौत मामले की जांच रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य आया सामने 

 
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अमेठी जिले के जामो थानाक्षेत्र के लोरिकपुर गांव  के रहने वाले करिया उर्फ विजय पासी और मज्जू रैदास उर्फ मनोज  की मौत मामले की जांच रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य आया सामने 

विचाराधीन कैदियों की मौत मामले की जांच एसीजेएम सपना त्रिपाठी ने जांच रिपोर्ट जिला जज को सौंपा

सुल्तानपुर जेल में दोनों कैदियों की मौत आत्महत्या नही बल्कि हत्या है -जाँच रिपोर्ट 

रिपोर्ट-विष्णु कुमार (संवाददाता)

यूपी के सुल्तानपुर में बीते जून माह में जेल में बंद दो विचाराधीन कैदियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत में मामले मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट आ गई है। एसीजेएम ने जांच रिपोर्ट में आत्महत्या के बजाय हत्या बताया है और जेल प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया है। बहरहाल रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। जिसके बाद सुल्तानपुर का जेल प्रशासन एक बार फिर कटघरे में खड़ा नजर आ रहा है।

 दरअसल ये मामला है बीते 21 जून का, जहां अमेठी जिले के जामो थानाक्षेत्र के लोरिकपुर गांव  के रहने वाले करिया उर्फ विजय पासी और मज्जू रैदास उर्फ मनोज को 30 मई 2023 को गिरफ्तार किया गया था। दोनो पर आरोप था कि मुर्गी फार्म पर सोते हुए इन दोनो ने मिलकर ओम प्रकाश यादव की हत्या कर दी थी। इसी मामले में अमेठी जिले की जामों पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था, जहां से इन दोनो को जेल भेज दिया गया था। 

दोनो आरोपी अमहट स्थित जिला जेल में बंद थे। बीते 21जून की सुबह जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन को सूचना दी थी कि जेल के अंदर और बैरक के बाहर इन दोनो का शव एक पेड़ पर लटक रहा है। इस सूचना के बाद ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन विजय पासी और मनोज रैदास को अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने दोनो को मृत घोषित कर दिया।

उस समय जेल प्रशासन बोलने को तैयार नहीं है। वही जिला प्रशासन भी जांच की बात कह रहा था। बहरहाल घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए थे। जिसकी जांच एसीजेएम सपना त्रिपाठी को सौंपी गई था।

बीते दो दिसंबर को एसीजेएम ने जिला जज को जो रिपोर्ट सौंपी वो चौकाने वाली है। रिपोर्ट में साफ साफ बताया गया है कि दोनों की मौत आत्महत्या से नही बल्कि हत्या से हुई है। दोनो के शरीर पर चोट के कई निशान थे। बहरहाल न्यायिक जांच में जेल प्रशासन को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया गया है।