कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के विरुद्ध गैर जमानती वारंट।

वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
 
ग्लोबल भारत न्यूज

कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के विरुद्ध गैर जमानती वारंट।

डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
राज्य संवाददाता
ग्लोबल भारत न्यूज

लखनऊ, 8 नवम्बर।

वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। 

अदालत ने जारी गैर जमानती वारंट को तामील कराते हुए दिल्ली के पुलिस आयुक्त को 21 नवंबर को सांसद को पेश करने का आदेश दिया है। 

अदालत ने यह भी कहा कि इसमें कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए। अभियोजन का पक्ष एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने रखा।

अदालत ने कहा कि अभियुक्त सुरजेवाला के खिलाफ कई तिथियों से गैर जमानती वारंट जारी किया जा रहा है। मगर, अदालत में सुरजेवाला की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। 

उल्लेखनीय है कि सुरजेवाला से संबंधित 23 वर्ष पुराने इस प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से त्वरित गति से निस्तारित किया जाना है।

बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में वर्ष 2000 में युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला ने वाराणसी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। 

आरोप है कि सुरजेवाला के साथ कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कमिश्नरी परिसर में घुसकर तोड़फोड़ के साथ ही सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न की थी। 

इस घटना को लेकर कैंट थाने में पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में अब सुरजेवाला के खिलाफ आरोप तय होना है। सुरजेवाला की ओर से आरोप से डिस्चार्ज किए जाने का अनुरोध अदालत से किया गया है।

बताते चलें कि वाराणसी में शिवपुर स्थित नारी संरक्षण गृह (संवासिनी गृह) की संवासिनियों से अनैतिक देह व्यापार की सूचना पर साल 2000 में वाराणसी में हड़कंप मच गया था। संवासिनी गृह से भागी एक 12-13 साल की संवासिनी ने जब इस बात को सार्वजनिक किया था तो बहुत से अधिकारियों और सफेदपोशों के नाम सामने आए थे।